टायो को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया आगे बढ़ी, पर्यवेक्षक नियुक्त
दिवालियापन के कगार पर खड़ी टाटा समूह की कंपनी टायो रोल्स लिमिटेड के मामले में एनसीएलटी की कोलकाता पीठ ने पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया है।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। दिवालियापन के कगार (इन्सॉल्वेंसी) पर खड़ी टाटा समूह की कंपनी टायो रोल्स लिमिटेड के मामले में नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल (एनसीएलटी) की कोलकाता पीठ ने शुक्रवार को इंटरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आइआरपी) या पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया।
सुनवाई कर रहे एनसीएलटी के सदस्य मदन बी. गोसावी ने इन्सॉल्वेंसी प्रोफेशनल विनीता अग्रवाल को आइआरपी नियुक्त करते हुए सभी संभावनाओं पर विचार कर छह मई 2019 को प्रगति रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया। इसके साथ ही टायो को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया आगे बढ़ गई। लगातार घाटे के बाद 1968 में स्थापित कंपनी अक्टूबर 2016 में बंद हो गई थी।
संपत्ति व देनदारी का करेगी आकलन
विनीता अग्रवाल कंपनी की संपत्ति और देनदारियों का आकलन करेंगी। उसके बाद संपत्ति बेचकर देनदारी के भुगतान का तरीका सुझाएंगी। उनकी रिपोर्ट के आधार पर एनसीएलटी फैसला लेगा। उन्हें कंपनी के बकायेदारों के हिस्से से 50 हजार अग्रिम फीस का भुगतान किया जाएगा।
कर्मचारियों की याचिका पर सुनवाई
कंपनी के कर्मचारियों की ओर से मजदूर नेता सुरेश नारायण सिंह व अन्य की याचिका पर एनसीएलटी में सुनवाई हो रही है। इसके अलावा झारखंड विद्युत वितरण निगम समेत अन्य लेनदारों ने भी भुगतान के लिए याचिका दायर की है। सभी याचिकाओं की एकसाथ सुनवाई के बाद यह नियमन दिया।
टायो पर 350 करोड़ की देनदारी
कपंनी पर झारखंड विद्युत वितरण निगम का 272 करोड़ और कर्मचारियों का 40 करोड़ बकाया है। अगर इन्सॉल्वेन्सी एंड बैंकरप्सी कोड (आइबीसी) के तहत देनदारी को जोड़ दिया जाए तो यह आंकड़ा 350 करोड़ को पार कर जाएगा।