पिछले दरवाजे से निजीकरण की हो रही रेलवे में इंट्री : एसआर मिश्रा
Rail Union. एनएफआईआर का कहना है कि पिछले दरवाजे से निजीकरण की इंट्री रेलवे में हो रही है। इसे रोकना होगा। नहीं तो निजी एजेंसियां वर्षों पुरानी रेलवे की छवि को धूमिल कर देंगी। इसके लिए रेलकर्मियों को अब आंदोलन के लिए तैयार रहना होगा।
जमशेदपुर, जासं। पिछले दरवाजे से निजीकरण की इंट्री रेलवे में हो रही है। इसे रोकना होगा। नहीं तो निजी एजेंसियां वर्षों पुरानी रेलवे की छवि को धूमिल कर देंगी। इसके लिए रेलकर्मियों को अब आंदोलन के लिए तैयार रहना होगा। यह बातें नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन (एनएफआईआर) के एसआर मिश्रा ने नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन की केंद्रीय कार्यकारिणी की वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा (वर्चुअल) आयोजित बैठक में कही।
उन्होंने कहा कि दक्षिण- पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर मंडल ने सात हजार वैगन एक दिन में लोड कर जहां कीर्तिमान स्थापित किया है वहीं दूसरी ओर हावड़ा से झारसुगुड़ा तक बनी दो सौ किलोमीटर तीसरी लाईन पर आवागमन शुरू होने के बाद भी किसी भी विभागों में इसके रखरखाव के लिए पदों का सृजन नहीं किया गया। संसाधन बढ़ रहा है और रेलवे में कर्मचारियों की संख्या कम हो रही है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कही ये बात
एनएफआईआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ एम. राघवैया ने बताया कि आज की आपातकालीन स्थिति में कोई भी कठोर कदम जनता के हित को मद्देनजर रखते हुए लेना होगा। एनएफआईआर आखिरी दम तक निजीकरण को विरोध करेगा। कर्मचारी एवं समाज के बीच में जाकर खासतौर पर युवाओं को देश की आज की परिस्थिति के बारे में बता कर जागरूक करने की जरूरत है। चक्रधरपुर मंडल के मंडल संयोजक शशि मिश्रा ने कहा कि नियुक्त होने वाले कर्मचारी सीधे ट्रैक मेंटेनर में आएं और ट्रैक मेंटेनर से ही उसे योग्यता के अनुसार विभिन्न कैटेगरी में पदस्थ किया जाए। एंट्री ग्रेड पे, नई पेंशन नीति को रद कर पुरानी पेंशन नीति लागू करने एवं निजीकरण के मुद्दों पर भी उन्होंने अपनी बात रखी।
बैठक में इन्होंने की शिरकत
इस बैठक में सभी कार्यकारिणी सदस्य, 17 रेलवे जोन एवं 8 प्रोडक्शन यूनिट ने भाग लेकर रेलवे में एवं देश में केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारी विरोधी नीतियों को दबाव देकर लागू करने का विरोध किया। दक्षिण-पूर्व रेलवे मेंस कांग्रेस की ओर से जमशेदपुर से एसआर मिश्रा, सहायक महासचिव एनएफआईआर एवं महामंत्री दक्षिण-पूर्व रेलवे मेंस कांग्रेस के नेतृत्व में सुब्रत डे, शशि मिश्रा, लाल बाबू ने बैठक में भाग लेकर कर्मचारियों की मुख्य समस्याओं पर अपनी बात रखी।