घाघीडीह जेल में खूनी संघर्ष, कैदी की मौत; पांच जवान निलंबित Jamshedpur News
Ghaghidih Central Jail. घाघीडीह केंद्रीय कारा में कैदी की मौत के मामले में पांच जवान निलंबित कर दिए गए हैं।
जमशेदपुर (जासं)। शहर के घाघीडीह सेंट्रल जेल में मंगलवार की शाम गैंगस्टर अखिलेश सिंह और पंकज दुबे गिरोह के बंदी आपस में भिड़ गए। देखते ही देखते खूनी संघर्ष शुरू हो गया। जेल में पगली घंटी बजा दी गई। इसके बाद जेल कर्मियों और सजायाफ्ता बंदियों की पिटाई से दहेज हत्या मामले में सजायाफ्ता मनोज सिंह ने दम तोड़ दिया। वहीं दूसरे विचाराधीन बंदी सुमित सिंह समेत सात कैदी घायल हो गए।
गंभीर रूप से घायल सुमित सिंह को देर रात एमजीएम से टीएमएच (टाटा मुख्य अस्पताल) ले जाया गया। बाकी छह बंदियों का इलाज जेल अस्पताल में ही चल रहा है। किसी को पैर, सिर तो किसी को शरीर में चोट आई है। उधर, जेल के पांच जवानों को लापरवाही बरतने के आरोप में देर रात निलंबित कर दिया गया। मृतक मनोज सिंह टेल्को के मनीफीट रामाधीन बागान का रहने वाला था। घटना शाम पांच बजे की है। जिला प्रशासन ने जेल की सुरक्षा बढ़ा दी है।
जेल के बाहर क्यूआरटी के 50 जवान तैनात हैं। हालात का जायजा लेने के लिए उपायुक्त अमित कुमार, एसएसपी अनूप बिरथरे समेत पुलिस-प्रशासन के अधिकारी घाघीडीह जेल पहुंचे। मामले की जानकारी ली। एसएसपी अनूप बिरथरे ने कहा कि इस मामले की जांच सिटी एसपी प्रभात कुमार और एडीसी सौरभ कुमार करेंगे। सुमित सिंह सिदगोड़ा बारीडीह विद्यापतिनगर का रहने वाला है। वह शहर के चर्चित गोविंदपुर के जमीन कारोबारी तपन दास की हत्या का वह मुख्य आरोपित है। रोहित सिंह उर्फ पटपट और अमन मिश्र जेल बादशाह ग्रुप के जुगसलाई निवासी निरंजन सिंह हत्याकांड के आरोपित हैं। पंकज दुबे टाटा मुख्य अस्पताल के चिकित्सक प्रभात कुमार हत्याकांड में सजायाफ्ता है।
गैंगस्टर अखिलेश सिंह से सुमित सिंह व मनोज सिंह जुड़े हुए हैं। बताते हैं कि घाघीडीह जेल के अधीक्षक कार्यालय के पास टेलीफोन बूथ पर बात करने को लेकर सुमित सिंह और मनोज सिंह का पंकज दुबे, उसके सहयोगी पटपट, अमन मिश्र से झगड़ा हो गया। जवाब में मनोज सिंह, सुमित सिंह अपने सहयोगी के साथ पंकज दुबे के वार्ड में प्रवेश कर गए। मारपीट होने लगी तो पगली घंटी बज गई। इसके बाद जेल कर्मियों के साथ जेल का कामकाज करने वाले सजायाफ्ता बंदियों ने मोर्चा संभाल लिया। लाठी से पिटाई शुरू कर दी। इसी मारपीट में मनोज सिंह और सुमित समेत सात को गंभीर चोट लगी। मनोज को एमजीएम अस्पताल लाया गया। यहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
2009 में भी घाघीडीह जेल में हुई थी हत्या
20 मार्च 2009 को अखिलेश गिरोह के बंदियों ने परमजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बाद में परमजीत के गुर्गो ने अखिलेश गिरोह के मुख्य शूटर गौतम को पीट-पीट कर मार डाला था।
मनोज सिंह के पिता ने जेल कर्मियों पर लगाया हत्या का आरोप
मृतक मनोज सिंह के पिता अनुरोध सिंह का आरोप है कि जेल कर्मियों की पिटाई से उनके बेटे की मौत हुई है। बताया कि जेलर ने उन्हें फोन कर बताया कि जेल में हुई मारपीट में उनका बेटा घायल हो गया है। चोट लगी है। एमजीएम अस्पताल में भर्ती है। जाकर देख लें। अनुरोध सिंह ने बताया कि जब वे एमजीएम अस्पताल गए तो बेटे का शव देखा। सिर पर गंभीर चोट के निशान थे। दोनों पैर तोड़ दिए गए थे।
जमानत के लिए मनोज ने दाखिल कर रखी थी याचिका
अनुरोध सिंह ने बताया कि मनोज सिंह ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी थी। जुलाई के पहले सप्ताह में सुनवाई होने वाली थी। वह दहेज हत्या मामले में सजायाफ्ता था। उसे 10 साल की सजा हुई थी। वह छह साल की सजा काट चुका था। उसकी शादी 2013 में हुई थी। विवाह के तीन माह बाद ही बहू पूनम देवी खुदकशी कर ली थी। इस कारण वह जेल में बंद था।
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