अब पेयजल को नहीं तरसेगी आदिम जनजाति, घर-घर पहुंचेगा पानी Jamshedpur News
कल्याण विभाग की ओर से इस परियोजना के अंर्तगत 10 गांवों में सोलर बेस्ड वाटर सिस्टम लगाया जाएगा। आने वाले समय में इसे सभी गांवों में लगाने की योजना है।
जमशेदपुर, जासं। पूर्वी सिंहभूम जिले में रहने वाले आदिम जनजाति के लोगों को अब पानी के लिए नहीं तरसना होगा। जिला कल्याण विभाग और परियोजना निदेशालय की ओर से अब उनके घर तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। पहले चरण में 10 ऐसे गावों को चिन्हित किया गया है जहां आदिम जनजाति की संख्या ज्यादा है। इसके लिए विभाग ने 1.50 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए हैं।
सोलर वाटर सिस्टम लगाएगा विभाग
इस परियोजना को धरातल पर उतारने में कई समस्याएं भी सामने आईं। ऐसे में विभाग ने सोलर बेस्ड वाटर सिस्टम को बढ़ावा दिया ताकि जिन गांवों में बिजली नहीं है वहां सोलर पैनल द्वारा मोटर को बिजली दी जाएगी। इसके लिए 10 पंचायत में नौ हजार लीटर की क्षमता वाली एक जलमीनार बनाई जानी है। इस जलमीनार से बस्ती में रहने वाले आदिम जनजाति के लोगों को पाइप लाइन के द्वारा उनके घरों तक पानी की सुविधा दी जाएगी।
चार हजार आदिम परिवारों को मिलेगा लाभ
इस परियोजना के पूरे होने पर इससे कुल चार हजार आदिम जनजाति के परिवारों को लाभ मिलेगा। इनमें ऐसे परिवार शामिल हैं जो पीने के पानी के लिए कई किमी दूर जाते हैं। इसके बाद भी उन्हें पीने का साफ पानी नहीं मिल पाता।
यहां बनेगी जलमीनार
भिलाई पहाड़ी स्थित जगन्नाथपुर सबर बस्ती, पोटका के गोलकाटा स्थित सबर नगर, पटमदा के गोबरघुसी स्थित लड़ाईडंगरी टोला, बोड़ाम के लायलाम पंचायत स्थित डुगार टोला, मुसाबनी के जोबला टोला, डुमरिया के रायसनबेरा टोला, धालभूमगढ़ के बड़घुटू गांव, चाकुलिया के बनकाटी टोला, बहरागोड़ा का सबर टोला और घोड़ाबांधा के ऊपर टोला।
10 गांवों में योजनाएं
कल्याण विभाग की ओर से इस परियोजना के अंर्तगत 10 गांवों में सोलर बेस्ड वाटर सिस्टम लगाया जाएगा। आने वाले समय में इसे सभी गांवों में लगाने की योजना है।
-बी माहेश्वरी, उप विकास आयुक्त, पूर्वी सिंहभूम