बिहार जाने वालों से अधिक किराया वसूली की तैयारी, जानिए कितना देना पड़ सकता किराया Jamshedpur News
बस एजेंट व कंडक्टर यात्रियों से अधिक किराया वसूलने की तैयारी में हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक एजेंट ने बताया कि डीजल समेत सारे कल-पुर्जे के दाम बढ़ गए हैं तो क्या बस मालिक घाटा सहकर चलाएंगे। योजना 50 से 100 रुपये अधिक किराया लेने की है।
जमशेदपुर, जासं। झारखंड सरकार ने आठ नवंबर से अंतरराज्यीय बस चलाने की अनुमति तो दी है, लेकिन किराया नहीं बढ़ाने का आदेश दिया है। ऐसे में बस मालिकों ने शुक्रवार की बैठक में घोषणा की है कि वे यात्रियों से अधिक किराया नहीं लेंगे। इसके बावजूद बस एजेंट व कंडक्टर यात्रियों से अधिक किराया वसूलने की तैयारी में हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक एजेंट ने बताया कि डीजल समेत सारे कल-पुर्जे के दाम बढ़ गए हैं, तो क्या बस मालिक घाटा सहकर चलाएंगे। उनकी योजना 50 से 100 रुपये अधिक किराया लेने की है।
एक बस संचालक ने बताया कि पटना, गया, आरा आदि की बस में एक बार में डीजल व स्टाफ पेमेंट मिलाकर करीब लगभग 20 हजार रुपये खर्च होते हैं। यदि हम 45 सीट पर 600 रुपये किराया लेंगे, तो 27 हजार रुपये मिलेंगे। इसमें यदि बस कहीं बीच में खराब हो गई, तो पांच-दस हजार रुपये अतिरिक्त लग जाएंगे। ऐसे में हम क्या कमाएंगे और क्या खाएंगे। लाकडाउन में हमने कर्मचारियों को छह माह तक बैठाकर वेतन दिया है।
ये दे रहे किराया बढ़ाने के पीछे तर्क
अब बस को चलाने लायक बनाने में हमें 10-15 हजार रुपये मेंटेनेंस पर खर्च करना पड़ा है। इसकी क्षतिपूर्ति कैसे करेंगे। वैसे हमने सरकार का आदेश पालन करने की बात कही है, लेकिन सरकार से मांग की है कि हमें कम से कम 40 फीसद किराया बढ़ाने की अनुमति दी जाए। इस हिसाब से किराया लगभग 800 रुपये पड़ेगा। शनिवार को रांची में राज्यस्तरीय बैठक में भी यह मांग रखी जाएगी, ताकि हमें घाटा नहीं हो। अब जिन यात्रियों को जाना है, उन्हें 100-150 रुपये अतिरिक्त देने में परेशानी नहीं होनी चाहिए।