प्रीति उत्सव में तमिलनाडु और केरल की धोती धारण करते हैं भगवान अयप्पा
धर्मसास्था मंदिर में होनेवाले प्रीति उत्सव में भगवान अयप्पा तमिलनाडु और केरल की धोती धारण करते हैं। इस पूजनोत्सव में 500 धोती और कई दर्जन साड़ी की खपत होती है।
जमशेदपुर [वेंकटेश्वर राव]। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के बिष्टुपुर स्थित धर्मसास्था मंदिर में होनेवाले प्रीति उत्सव में भगवान अयप्पा तमिलनाडु और केरल की धोती धारण करते हैं। इस पूजनोत्सव में 500 धोती और कई दर्जन साड़ी की खपत होती है। ये सब तमिलनाडु और केरल से मंगाये जाते हैं।
इस अनुष्ठान के दौरान कुल चार लाख मूल मंत्र का जाप होता है तथा 1008 कलश की स्थापना होती है। इस पूजनोत्सव की शुरुआत महागणपति होमम से प्रारंभ होती है। इसके बाद भगवान धर्म सास्था (अयप्पा) की पूजा होती है। इसे 24 वेद पंडित पूरा कराते हैं। पूजा-अर्चना के लिए चेन्नई, त्रिचूर, दिल्ली, बनारस आदि से 25 पुरोहित पहुंचे हैं। प्रीति महोत्सव की खास विशेषता यह है कि यहां प्रसाद भक्त केले के पत्ते में ग्रहण करते हैं। यह पूजा पूरी तरह मंदिर के कार्यकारी अध्यक्ष पीएन शंकरण व विजय भानू की देखरेख में होती है। इस पूरे धार्मिक कार्यक्रम में दो लाख रुपये के फुल भी खर्च होता है। रविवार को इस धार्मिक अनुष्ठान का समापन होगा।
सेवा के लिए केरल से आते है दस सदस्य : धर्म सास्था प्रीति महोत्सव में अपनी सेवा देने के लिए दस सदस्य केरल से आते हैं। ये सदस्य प्रसाद वितरण से प्रसाद बनाने तक के कार्य में सहयोग करते हैं। इनकी सेवा देखते ही बनती है। पूरी तन्मयता के साथ वे यह कार्य असीम श्रद्धा से करते हैं।
शुक्रवार को होगी तुलसी पूजा : प्रीति महोत्सव के दौरान सैकड़ों महिलाएं तुलसी पूजा करेगी। महिलाएं परिवार की सुख-शांति के लिए मां तुलसी की पूजा की और आशीर्वाद मांगेगी।
क्षमा याचना भी होगी : रविवार को इस धार्मिक अनुष्ठान के अंतिम दिन भगवान से भूल-चूक के लिए क्षमा याचना की जायेगी। विश्व में सुख, शांति समृद्धि के लिए प्रार्थना की जाएगी।
40 साल से कर रहे मंदिर की सेवा : धर्म सास्था मंदिर के मुख्य कर्ताधर्ता टाटा स्टील के पूर्व स्पोट्र्स हेड पीएन शंकरण है। वे लगातार 40 साल से इस मंदिर की सेवा कर रहे हैं और भगवान अयप्पा के प्रति उनकी आस्था देखते ही बनती है। 80 साल की उम्र में भी वे उतने ही तत्पर रहते हैं। वे वर्तमान में प्रोकेम इंटरनेशनल संस्था के निदेशक है। वे लगातार मैराथन आयोजित करवाते हैं। मुंबई मैराथन के बाद वे धर्म सास्था मंदिर पहुंचते हैं।