Newzealand shooting : न्यूजीलैंड की नूर मस्जिद में आतंकी हमले में घायल शमीम के लिए जमशेदपुर में दुआ
न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च की नूर मस्जिद में आतंकी हमले में घायल शमीम सिद्दकी की सलामती के लिए जमशेदपुर में दुआ हो रही है। शमीम जमशेदपुर के ही रहनेवाले हैं और यही ससुराल भी है।
जमशेदपुर, जेएनएन। न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च की नूर मस्जिद में शुक्रवार को आतंकी हमले में घायल शमीम सिद्दकी की सलामती के लिए जमशेदपुर में दुआ हो रही है। शमीम जमशेदपुर के ही रहनेवाले हैं और यही इनकी ससुराल भी है। वे यहां का घर बेचकर न्यूजीलैंड में जा बसे हैं और वही की नागरिकता हासिल कर ली है। हालांकि, उनका और उनकी ससुराल के लोगों का एक-दूसरे के यहां आना-जाना होता रहता है।
जमशेदपुर के मानगो रोड नंबर 12 कैसर अपार्टमेंट स्थित शमीम की ससुराल में लोगों की निगाहें घटना के बाद से ही टीवी पर जमी हुई है। शमीम की सास कैसर जहां सहित आस-पड़ोस के लोगों को इस बात का सकून है कि हमले में शमीम की जान बच गई। सास कैसर जहां ने बताया कि उनके दामाद का दूसरा ऑपरेशन रविवार को होगा। पहले एक ऑपरेशन शुक्रवार को हुआ था। तब से स्थिति में लगातार सुधार है। अल्लाह से सलामती की दुआ मांगते हुए कैशर जहां ने बताया कि बेटी रेहाना परवीन से वह लगातार संपर्क में हैं। दामाद से भी बातचीत हो रही है। कहा कि घबराने वाली बात नहीं है। कैशर जहां अपने पुत्र नजबुल और अजमुल के साथ जमशेदपुर में रहती हैं। शमीम के चाचा इब्राहिम सिद्दिकी भी इसी आपार्टमेंट में रहते हैं। शमीम को एक बेटा और बेटी है। बेटी मेडिकल की पढ़ाई कर रही है।
तीन वर्ष पहले ससुराल आए थे शमीम
कैशर जहां ने बताया कि शमीम पूरे परिवार के साथ तीन वर्ष पहले उनके मानगो रोड नंबर 12 स्थित कैशर आपार्टमेंट आए थे। 10-15 दिन साथ रहे थे। कैशर जहां ने बताया कि छह माह वह दामाद के पास न्यूजीलैंड में रही थी। जिस मस्जिद में घटना हुई, उस मस्जिद में वहां रहने के दौरान नमाज पढऩे जाती थी।
पहले टेल्को के बारीनगर में रहते थे शमीम
शमीम सिद्दिकी टेल्को के बारीनगर में रहते थे। उनका अपना घर था। शमीम की दो बहन है। दोनों बहन लखनऊ के एलडिको कॉलोनी में रहती हैं। बहनों से शमीम बड़े हैं। शमीम के चचेरे बहनोई अशरफ सिद्दिकी टेल्को में ही रहते हैं। अशरफ सिद्दकी ने बताया कि पांच वर्ष पहले बारीनगर मकान की बिक्री शमीम ने कर दी थी। 1999 में ही शमीम न्यूजीलैंड चले गए थे। न्यूजीलैंड की नागरिकता भी हासिल कर ली। बारीनगर मकान की बिक्री होने के बाद शमीम के पिता और मां लखनऊ में बेटी के पास चले गए थे। एक वर्ष पहले शमीम की मां और छह पहले शमीम के पिता मो. हनीफ का लखनऊ में ही इंतकाल हो गया।