वकील हत्याकांड : लॉकडाउन में गए थे मदद मांगने, मिल गई पड़ोसी की हत्या की सुपारी
दोनों को यह कहते हुए उकसाया कि प्रकाश यादव तुमलोगों को हरि मंदिर में घुसने नहीं देता है। बेइज्जती करता हैं। अधिवक्ता की हत्या कर दो। तीन लाख देंगे।
जमशेदपुर (जासं)। जमीन माफिया अमूल्यो कर्मकार को राजनीति संरक्षण भी हासिल हैं और इसका फायदा उठाते हुए वह सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री और जमीन कब्जा का धंधा करता रहा। बीते पांच साल से उसके कार्य का विरोध अधिवक्ता प्रकाश यादव ने करना शुरु कर दिया। यह खुलासा खुद उसने गिरफ्तारी के बाद पुलिस को पूछताछ में बताई। एसएसपी ने बताया कि अधिवक्ता से वह पैसे की मांग करने लगा। इसस दोनों के बीच व्यक्तिगत विवाद बढऩे लगा। इसके बाद से ही अमूल्यो ने उसे रास्ते से हटाने का प्रयास शुरू कर दिया था।
संयोग से उसके पास अधिवक्ता के घर के पास रहने वाले राम रविदास और विश्वनाथ मुंडा उससेे मदद मांगनेे पहुंचे। लॉकडाउन में काम नहीं मिलने के कारण परेशान थे। उसने दोनों को अपने जाल में फांस लिया। दोनों को यह कहते हुए उकसाया कि प्रकाश यादव तुमलोगों को हरि मंदिर में घुसने नहीं देता है। बेइज्जती करता हैं। अधिवक्ता की हत्या कर दो। तीन लाख देंगे। मेरा रास्ते से भी अड़चन हट जाएगा और तुमलोग अपनी बेइज्जती का बदला भी ले लोगे। दोनों को हत्या होने से पहले तक शराब पिलाना अमूल्यो करता रहा। पैसे भी देते रहा। 21 जुलाई को मौका मिला और दोनों ने अधिवक्ता की हत्या कर दी।
हत्या के बाद अमूल्यो पहुंचा था घटनास्थल
हत्या के बाद अमूल्यो कर्मकार बिरसानगर जोन संख्या वन बी हरि मंदिर के पास पहुंचा था। लोगों की एकत्र भीड़ में खड़े होकर वह सबकुछ देखता रहा। पुलिस को भी जानकारी दी। हत्या करने वाले दोनों युवकों को उसने कहा पुलिस सक्रिय है। बिरसानगर छोड़ दो। रुपये भी दिए, लेकिन घटना के बाद पुलिस को पूछताछ में अधिवक्ता के भाई दिनेश यादव ने अमूल्यो कर्मकार समेत कई का नाम पुलिस को हत्या मामले में बताया था। हत्या की रात ही पुलिस ने अमूल्यो कर्मकार, गौतम घोष और राजकिशोर मुखी को हिरासत में लिया था।
कड़ाई से पूछताछ के बाद मुंह खोला
टेल्को थाना में अमूल्यो कर्मकार और अन्य से पुलिस की पूछताछ होती रही, लेकिन वह साफ तौर पर मामले में संलिप्तता से इंकार करता रहा। राजनीति साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाता रहा। पैरवी भी कराता रहा। बुधवार की देर शाम एसएसपी और सिटी एसपी की पूछताछ में टूट गया। उसकी मोबाइल के कॉल डिटेल भी पुलिस ने निकाला। इसके बाद उसने हत्या करने वाले दोनों युवकों का नाम बताया। पुलिस दोनों की तलाश करती रही। बुधवार देर रात दोनों पकड़े गए। अमूल्यो और युवकों को आमने-सामने पूछताछ की गई। चूंकि युवकों का कोई की आपराधिक गतिविधि नहीं थी। दोनों ने सबकुछ उगल दिया।
सेंटरिंग का काम करता राम रविदास
राम रविदास सेंटरिंग का काम करता हैं। विश्वनाथ मुंडा के पिता की पंचर की दुकान हैं। मजदूरी का परिवार का गुजारा दोनों करते हैं। अमूल्यो के खिलाफ दर्ज हैं आपराधिक मामले अमूल्यो कर्मकार के खिलाफ बिरसानगर में तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें थाना में घुसकर गौतम घोष से मारपीट, आम्र्स एक्ट और अन्य मामले हैं।