Jharkhand Assembly Election 2019 :दो महिलाओं की टक्कर में संभावना तलाश रहे संजीव सरदार Jamshedpur News
Jharkhand Assembly Election 2019. वर्ष 2014 में एक मुख्य महिला प्रत्याशी भाजपा की मेनका सरदार की नींद झामुमो प्रत्याशी संजीव सरदार ने उड़ा दी थी।
जमशेदपुर, वेंकटेश्वर राव। Jharkhand Assembly Election 2019 वर्ष 2014 में एक मुख्य महिला प्रत्याशी भाजपा की मेनका सरदार की नींद झामुमो प्रत्याशी संजीव सरदार ने उड़ा दी थी। काउंटिंग में एक बार ऐसा लग रहा था, संजीव के सिर जीत का सेहरा बंधेगा, लेकिन पोटका विधानसभा में शामिल जमशेदपुर प्रखंड के शहरी वोटरों ने मेनका को अपार समर्थन दिया और वह जीतने में कामयाब रही।
लेकिन इस बार चुनावी मैदान में सिर्फ मेनका नहीं, बल्कि एक और महिला प्रत्याशी बुलू रानी सिंह भी चुनावी मैदान में उतरी है। वह स्वयं जिला परिषद अध्यक्ष है। बुलू आजसू की टिकट पर चुनावी मैदान में कूदी है। उनकी भी अपनी पकड़ क्षेत्र में हैं। संजीव भी जिला परिषद सदस्य है। ऐसे में इस बार दो महिला प्रत्याशी की टक्कर में संजीव सिंह को संभावना तलाशने की रणनीति बनाने में जुट गए है। मेनका सरदार लगातार तीन बार विधायक बन चुकी है। वर्ष 2014 की विधानसभा चुनाव की बात करें जहां मेनका सरदार को 68, 191 मत प्राप्त हुए थे, वहीं संजीव को 61, 485 मत प्राप्त हुए थे। इस चुनाव में 15 राउंड तक भाजपा की मेनका सरदार 44 हजार 654 मत तथा संजीव सरदार को 50 हजार 56 मत प्राप्त हुए थे। यहा संजीव की लीड का अंतर 5402 था। आखिरी पांच राउंड में मेनका को मिले23 हजार 528 वोट और संजीव को 11 हजार 416 मत।
संताल वोट कटने पर सामान्य वोटर इस बार भी होंगे निर्णायक
पोटका विधानसभा में संताल वोट खासकर भूमिज जाति के मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। इस बार भी इस जाति के तीन मुख्य प्रतिद्वंदी आमने-सामने हैं। मेनका, बुलू और संजीव इसी जाति से आते हैं। इस कारण इस जाति के मतदाता भी असमंजस में है। अगर इनमें बिखराव हुआ तो निर्णायक की भूमिका में जमशेदपुर शहरी क्षेत्र के सामान्य वोटर होंगे।
पोटका विधानसभा (अजजा) एक नजर
- कुल मतदाता : 2,83,969
- पुरुष मतदाता : 1,42,012
- महिला : 1,41,957
- सर्विसे वोटर : 386
- पोटका विधायक मेनका सरदार, जिला परिषद अध्यक्ष बुलू रानी सिंह, जिला परिषद सदस्य संजीव सरदार के बीच चुनावी मुकाबला हुआ दिलचस्प
- पिछले चुनाव में संजीव ने उड़ा दी थी मेनका की नींद, शहरी क्षेत्र ने वोटरों ने खिलाया कमल