Jharkhand Assembly Election 2019 : टिकट की दावेदारी को बीजेपी में पोस्टर वार, दावेदारों ने लगाए अपने-अपने पोस्टर
सरायकेला में सीएम की यात्रा रद हो गई लेकिन इस बीच विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदारों के बीच पोस्टरवार खास संदेश दे गया।
राजनगर, पीतांबर सोय। झारखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक है। ऐसे में विभिन्न राजनीतिक दलों के संभावित प्रत्याशियों ने अपनी दावेदारी सुनिश्चित करने के लिए एड़ी-चोटी एक कर दिया है। इस मामले में सरायकेला विधानसभा चुनाव बड़ा ही दिलचस्प होने वाला है।
यहां पिछले तीन चुनाव लगातार झामुमो के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री चम्पई सोरेन जीतते आ रहे हैं। पिछला चुनाव हारने वाले गणेश महाली यहां काफी पसीना बहा चुके हैं। चुनाव हारने के बाद भी लगतार क्षेत्र में जनता के बीच रहे हैं। परंतु अब पूर्व विधायक अनंतराम टुडू के फिर से सक्रिय हो जाने से गणेश महाली की मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्योंकि अनंतराम टुडू वही शख्स हैं जिन्होंने कद्दावर नेता चम्पई को शिकस्त दी थी।
जनसंघ काल के नेता है टुडू
अनंतराम टुडू जनसंघ से जुड़े नेता हैं। उन्होंने चम्पई सोरेन को 1999 के चुनाव में हराया था। इसके बाद सिटिंग एमएलए रहते हुए 2004 में उनका टिकट काट कर बीजेपी ने लक्ष्मण टुडू को टिकट दिया। लेकिन चम्पई सोरेन से वे हार गए। दूसरी बार 2009 में भी लक्ष्मण टुडू चम्पई से शिकस्त खा गए। 2014 चुनाव में गणेश महाली को भाजपा ने टिकट दिया। परंतु मोदी लहर के बाद भी चम्पई सोरेन अपना सीट बचाने में कामयाब रहा और लगातार तीन बार जीते।
ये उठ रहे सवाल
भाजपा ने पिछले तीन चुनाव में दो बार लक्ष्मण टुडू व एक बार गणेश महाली पर दांव आजमाया लेकिन चम्पई सोरेन को हराने में असफल रहे। क्या भाजपा यहां पिछले 15 साल का सूखाड़ खत्म कर पायेगी। झामुमो का विजयी रथ रोकने के लिए क्या 20 साल बाद हाईकमान अनंतराम टुडू को टिकट सौंपेगी। यह फिर गणेश महाली पर ही दोबारा भरोसा जताएगी। हाल के दिनों में संताल परगाना में प्रभारी रहे रमेश हांसदा भी क्षेत्र में सक्रिय हो चुके हैं। इसके आलावे जिप सदस्य चामी मुर्मू, शंकर सामड, धीरेन बास्के भी दावेदारों की रेस में हैं। बहरहाल यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा टिकट किसको मिलता है। लेकिन भाजपा में यहां टिकट की दावेदारी को होड़ साफ नजर आ रही है। हर कोई टिकट के लिए हाईकमान का भरोसा जीतने की कोशिश कर रहे हैं।