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खराब जलमीनार बने पंचायतों की शोभा, जल संकट से जूझ रहे लोग

फोटो 11 - 14वें वित्त आयोग की राशि से निर्मित कई जलमीनार खराब - जलमीनार खराब होने से

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 10:00 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 06:18 AM (IST)
खराब जलमीनार बने पंचायतों की शोभा, जल संकट से जूझ रहे लोग
खराब जलमीनार बने पंचायतों की शोभा, जल संकट से जूझ रहे लोग

फोटो : 11 - 14वें वित्त आयोग की राशि से निर्मित कई जलमीनार खराब

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- जलमीनार खराब होने से स्थानीय लोग पेयजल की समस्या से परेशान। संसू, घाटशिला : प्रखंड में कई जलमीनार शोभा की वस्तु बनकर रह गए हैं। इसका उपयोग ही नहीं हो रहा है। लाखों की लागत से निर्मित जलमीनारों का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। जलमीनार बनाकर सरकारी राशि का सिर्फ दुरुपयोग किया गया। विभागीय लापरवाही के कारण वर्तमान में कई जलमीनार बेकार पड़े है। कई जलमीनार खराब हो चुके हैं। कुछ जलमीनार ऐसे भी हैं, जिससे स्थानीय लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। पंचायत प्रतिनिधि भी इस समस्या का समाधान कराने में अक्षम हैं।

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केस-1

घाटशिला पंचायत स्थित चालकडीह बस्ती में 14वें वित्त आयोग की राशि से मिनी सोलर जलमीनार स्थापित किया गया था। जलमीनार की स्थापना के बाद स्थानीय लोगों को काफी राहत मिली थी। चालकडीह में पेयजल की समस्या का समाधान हो गया था। हालांकि पिछले कई माह से जलमीनार खराब है। स्थानीय लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं।

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केस-2

पश्चिमी मउ भंडार पंचायत स्थित मउ भंडार न्यू कॉलोनी के हरिजन बस्ती में पंचायत फंड से जलमीनार का निर्माण कराया गया था। कुछ दिनों तक स्थानीय लोगों को पेयजल की सुविधा मिली और जलमीनार खराब हो गया। कई माह बीत गए, फिर भी जलमीनार का मरम्मत नहीं हुआ। वर्तमान में स्थानीय लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं।

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केस-3

पूर्वी मउ भंडार पंचायत स्थित मउ भंडार शिव मंदिर परिसर में 14वें वित्त आयोग की राशि से लाभुक समिति ने जलमीनार का निर्माण कराया था। मिनी सोलर जलमीनार पर 3.84 लाख रुपये खर्च हुए थे। फिर भी स्थानीय लोगों को इस जलमीनार से पानी की सुविधा नहीं मिली।

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कई जलमीनार पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के तहत लाभुक समिति के माध्यम से स्थापित किए गए हैं। पंचायतों में 14वें वित्त आयोग की योजनाओं से जलमीनार स्थापित किए गए हैं। यदि जलमीनार खराब हैं, तो इसकी सूचना दें। खराब जलमीनारों की मरम्मत कराई जाएगी। जलमीनार का मेंटेनेंस एजेंसी को 5 वर्षों तक करना है।

- संजय कुमार दास, बीडीओ, घाटशिला ।


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