Weekly News Roundup Jamshedpur : सरयू राय का पैर टूटा, मिलने वाले टूट पड़े; पढ़िए सियासत की दुनिया की अंदरूनी खबर
Weekly News Roundup Jamshedpur. सरयू राय का पैर क्या टूटा हाल जानने वालों का तो तांता लग गया। बिष्टुपुर स्थित आवास पर टूट पड़े। ऐसे-ऐसे लोग घर पहुंचने लगे जिसकी उम्मीद भी नहीं थी। चिर प्रतिद्वंद्वी बन्ना गुप्ता भी गए। किस-किस का नाम लिया जाए।
जमशेदपुर, वीरेंद्र ओझा। जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय पिछले शनिवार को पश्चिमी सिंहभूम जिले के किरीबुरू में थे। वहां सुबह-सुबह टहल रहे थे कि उबड़-खाबड़ जमीन पर पैर पड़ा और मुचक गया। हालांकि, धुन के पक्के सरयू इसके बाद भी आयरन ओर की कालाबाजारी की खोज में चार-पांच घंटे तक घूमते रहे। जब दर्द तेज हुआ तो किरीबुरू में एक्सरे कराया।
पता चला कि कानी अंगुली से टखने के बीच की हड्डी टूट गई है। यह पता चलते ही सरयू वहां से जमशेदपुर आए, टीएमएच में प्लास्टर कराकर घर पहुंच गए। लेकिन तब तक यह खबर सारंडा के जंगल से झारखंड के कोने-कोने तक फैल गई। उन्हें फोन और ट्विटर पर हाल जानने वालों का तो तांता लग गया, बिष्टुपुर स्थित आवास पर टूट पड़े। ऐसे-ऐसे लोग घर पहुंचने लगे, जिसकी उम्मीद भी नहीं थी। चिर प्रतिद्वंद्वी बन्ना गुप्ता भी गए। किस-किस का नाम लिया जाए।
फुटपाथी दुकानदार हटे तो हो गई सिर फुटव्वल
साकची बाजार में फुटपाथी दुकानदारों को उठक-बैठक करते महीना बीत गया। बार-बार खदेड़ा-खदेड़ी होने के बाद अंतत: पांच दिन पहले उन्हें स्थायी रूप से उठा दिया गया। फिर क्या था बाजार की सड़कें खाली हो गईं। सवाल उठा कि अब यहां कौन बैठेगा। फुटपाथी दुकानदार तो यहां अब बैठेंगे नहीं। यही सब मंथन करते-करते डालडा लाइन के दो दुकानदार आपस में लड़ गए। नौबत सिर-फुटव्वल तक पहुंच गई। बीच-बचाव करने वाले भी दौड़ते-दौड़ते मनाते-मनाते थक गए। हालांकि उन्हें भी उस वक्त कुछ समझ में नहीं आया कि आखिर यह मारपीट क्यों हुई। जब कुछ समझ में नहीं आया तो स्थायी दुकानदार ही सड़क पर बैठ गए। यह खबर जब पुलिस को मिली तो भागते-भागते पहुंची। पहले पुलिस ने सड़क पर बैठे लोगों का चेहरा मिलान किया। जब पुलिस आश्वस्त हो गई कि ये फुटपाथी दुकानदार नहीं हैं, तो लंबी सांस ली।
अमरेंद्र प्रताप आए, काले जैसों की बहार आई
जमशेदपुर से बिहार में भाजपा के शीर्ष नेता बने अमरेंद्र प्रताप सिंह इस बार बिहार के कृषि मंत्री बन गए। इससे अमर बाबू और उनके परिवार को जितनी खुशी नहीं हुई होगी, उतनी जमशेदपुर के तड़ीपार भाजपाइयों को हुई। इसका नजारा भी देखने को मिला। जैसे ही पता चला कि वे अपने घर आ रहे हैं, आनन-फानन में विशाल आयोजन समिति बन गई। समिति इतनी बड़ी थी कि लगा कि भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति हो। जैसे ही वे आए, उन्हें तड़ीपार भाजपाइयों ने दोमुहानी पुल पर ही घेर लिया। उन पर इतना फूल लाद दिया कि उन्हें उतारते नहीं बन रहा था। खुशी तो तब दिखी, जब उन्होंने कहा कि जो भी भाजपा से निकाले गए हैं, जल्द अंदर आएंगे। इस बात पर इतनी ताली बजी कि छत गिरते-गिरते बची। इसके बाद से शहर में सबकी जुबां पर सिर्फ काले ही चढ़े हुए हैं, जबकि वहां उनके जैसे कई थे।