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Jharkhand Assembly Election 2019 : मन मसोसकर रह गए नेताजी, फ‍िर दे रहे मूंछ पर ताव Jamshedpur News

चुनाव आते ही कुछ धरतीपकड़ टाइप नेताओं के दिन भी फिर जाते हैं। ऐसे ही एक शख्स हैं जो पार्टटाइम नेतागिरी करते हैं तो पार्टटाइम समाजसेवा भी।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 09:35 AM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 09:35 AM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019 :  मन मसोसकर रह गए नेताजी, फ‍िर दे रहे मूंछ पर ताव Jamshedpur News
Jharkhand Assembly Election 2019 : मन मसोसकर रह गए नेताजी, फ‍िर दे रहे मूंछ पर ताव Jamshedpur News

जमशेदपुर, वीरेंद्र ओझा। एक नेताजी पिछले तीन बार से चुनाव लडऩे का मूड बना रहे हैं। इस बार भी मन में लड्डू फूट रहे हैं, लेकिन बेचारे खुलकर बोल नहीं पाते हैं। कानाफूसी में इसकी चर्चा करते हैं, लेकिन माइक थामने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं। अब इस बात का पता नहीं चल पा रहा है कि वे किसी से शर्मा रहे हैं या डर रहे हैं। पता चला है कि कई लोग इस पर शोध कर रहे हैं कि नेताजी हर बात तो बोल देते हैं, लेकिन इतनी बड़ी इच्छा मन में दबाए क्यों बैठे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि नेताजी के पेट से बात निकलती है, लेकिन मुंह तक आते-आते गले में ही अटक जाती है।

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टिकट कटवाने को कर रहे बदनाम

एक नेताजी हैं, जिनका चुनाव लडऩा शौक है। वे बिना चुनाव लड़े रह ही नहीं सकते। उनके बारे में यह आम धारणा है कि कोई लड़े या नहीं, उनका चुनाव लडऩा तय है। झंडे की बात मत पूछिए, कोई भी चलेगा। इस बार भी तैयारी में जुटे हैं। कोई नहीं मिला, तो अपना झंडा भी बना सकते हैं। उनमें यह काबिलियत भी है। वैसे वे हवा में तैर रहे हर झंडे को थामने के लिए हाथ-पांव मार रहे हैं। इसी बीच उन्हें बदनाम करने के लिए एक अफवाह उड़ाई जा रही है। अफवाह यही है कि ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे उन्होंने ठगा नहीं। नेताजी उस आदमी को खोज रहे हैं, जो यह अफवाह उड़ा रहा है।

अगली बार नेताजी हो जाएंगे एक्सपायर...

चुनावी राजनीति में कुछ कहना बहुत मुश्किल है। कल तक महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना की सरकार बनने को लेकर निश्चिंत रहने वाले लोग भी आज बगलें झांक रहे हैं। उनकी बोलती बंद है। इसी तरह अपने यहां एक नेताजी के टिकट कटने का खूंटा ठोक दावा करने वाले भी अब इधर-उधर झांक रहे हैं। इसी अफवाह पर वहां कुछ ऐसे लोगों ने दावेदारी कर दी, जो नेताजी के सामने खड़े होकर बात भी नहीं कर सकते। बहरहाल अब नेताजी का टिकट कंफर्म लगने लगा है, तो उन दावेदारों के बोल हैं 'अच्छा अगली बार तो नेताजी एक्सपायर हो जाएंगे, तब लड़ेंगेÓ। हालांकि यहां भी उनका सामान्य ज्ञान कमजोर है। नेताजी अगली बार भी एक्सपायर होने वाले नहीं हैं।

नेताजी फिर दे रहे मूंछ पर ताव

चुनाव आते ही कुछ धरतीपकड़ टाइप नेताओं के दिन भी फिर जाते हैं। ऐसे ही एक शख्स हैं, जो पार्टटाइम नेतागिरी करते हैं तो पार्टटाइम समाजसेवा भी। उन्हें भी चुनाव लडऩे का शौक है। पिछली बार भी उन्होंने मूड बनाया था, तो इस बार भी मन ही मन तैयारी कर रहे हैं। उनकी तैयारी इस बार पुख्ता प्रस्तावक खोजने को लेकर ज्यादा है। पिछली बार प्रस्तावक डीसी आफिस तक आकर लौट गए थे। वे प्रस्तावक बनने के लिए एडवांस मांग रहे थे, जबकि नेताजी आश्वासन पर काम निकालना चाह रहे थे। इसी चक्कर में एक-एक करके पांचों प्रस्तावक भाग गए और नेताजी हाथ मलते हुए निकल गए। लोगों ने उनकी बड़ी फजीहत की। कहा कि जब पांच आदमी को नहीं साध सके तो आपको वोट कौन देगा। इस बार ऐसा धोखा नहीं खाना चाहते नेताजी।  


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