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सुरक्षा का हवाला देकर बाबूलाल मरांडी को पुलिस ने सोनुवा जाने से रोका

पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद बाबूलाल मरांडी ने कार से उतरकर मीडिया से कहा कि चक्रधरपुर में उग्रवादियों का शासन चलता है। क्योंकि सरकार की पुलिस खुद बोल रही है कि पुलिस चक्रधरपुर के बाद सुरक्षा नहीं दे सकती है। यह कैसी सरकार हेमंत सोरेन चला रहे हैं

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 05 Jan 2022 03:54 PM (IST)Updated: Wed, 05 Jan 2022 03:54 PM (IST)
सुरक्षा का हवाला देकर बाबूलाल मरांडी को पुलिस ने सोनुवा जाने से रोका
ढाई बजे बाबूलाल मरांडी के काफिले को सोनुवा जाने की इजाजत दे दी गई।

रूपेश कुमार विक्की, चक्रधरपुर: मनोहरपुर के पूर्व विधायक गुरुचरण नायक पर मंगलवार की शाम हुए नक्सली हमले और उनके दो अंगरक्षक की हत्या के बाद बुधवार को नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी गुरुचरण नायक से मिलने के लिए उनके पैतृक निवास स्थल पश्चिम सिंहभूम जिले के सोनुवा जा रहे थे। इसी क्रम में जिला पुलिस ने चक्रधरपुर थाना के पास सोनुवा सड़क मार्ग में उन्हें सोनुवा जाने से रोक लिया।

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चक्रधरपुर के प्रभारी एसडीपीओ दिलीप खालको से जब समर्थकों ने पूछा कि नेता प्रतिपक्ष को क्यों आगे जाने नहीं दिया जा रहा है तो एसडीपीओ दिलीप खालको ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए बाबूलाल मरांडी और उनके काफिले को रोकने की बात कही । नेता प्रतिपक्ष के काफिले को पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद भाजपा के कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी देखी गई । भाजपा कार्यकर्ताओं ने सड़क पर बैठ कर चक्रधरपुर सोनुवा मार्ग को जाम कर सरकार के खिलाफ जम के नारेबाजी की। इस दौरान बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के डीजीपी से फोन पर बात हुई । इसके बाबजूद उन्हें सोनुवा की ओर जाने नहीं दिया गया । बाबूलाल मरांडी के निजी सचिव ने एसडीपीओ दिलीप खालको से कहा कि बाबूलाल मरांडी सोनुवा स्थित पूर्व विधायक गुरुचरण नायक के आवास तक जायेंगे। वह घटनास्थल तक नहीं जायेंगे। इसके बाबजूद एसडीपीओ ने बाबूलाल मरांडी के काफिले को आगे बढ़ने नहीं दिया।

सडक पर की मीडिया से बात

पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद बाबूलाल मरांडी ने कार से उतरकर मीडिया से कहा कि चक्रधरपुर में उग्रवादियों का शासन चलता है। क्योंकि सरकार की पुलिस खुद बोल रही है कि पुलिस चक्रधरपुर के बाद सुरक्षा नहीं दे सकती है। यह कैसी सरकार हेमंत सोरेन चला रहे हैं कि उनकी पुलिस नेता प्रतिपक्ष के फ़ोन नही उठाती । उनके मैसेज का जवाब तक नहीं देती है। संकट में फंसी जनता को कैसे सुरक्षा प्रदान करेगी झारखंड की पुलिस। झारखंड सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए नेता प्रतिपक्ष को सोनुवा जाने नहीं दे रही है। जबकि हम नक्सली हमले से भयाक्रांत अपने नेता पूर्व विधायक गुरुचरण नायक से मिल कर संवेदना प्रकट करना चाहते थे। ऐसी सरकार जो अपनी जनता को सुरक्षा नही दे सकती और संवेदना प्रकट करने से रोकती है ऐसी सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए। सरकार जितना जोर लगा ले हम पूर्व विधायक गुरुचरण नायक से मिले बिना नहीं जायेंगे। तकरीबन ढाई घंटे तक सड़क पर भाजपा कार्यकर्ता नारेबाजी करते रहे। आखिर में दोपहर ढाई बजे बाबूलाल मरांडी के काफिले को सोनुवा जाने की इजाजत दे दी गई।


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