पार्सल में बम की आशंका से चार दिन रहा हड़कंप, निकला मोदी का संदेश
घाटशिला आकाशवाणी केंद्र में चार दिनों तक एक संदिग्ध पार्सल पड़ा रहा। सबकी सांसें अटकी रहीं। बम निरोधक दस्ते ने जांच की तो पता चला कि इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश है।
घाटशिला पूर्वी सिंहभूम, जेएनएन। पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला आकाशवाणी केंद्र में चार दिनों तक एक संदिग्ध पार्सल पड़ा रहा। सबकी सांसें अटकी रहीं। कड़ी मशक्कत के बाद जब रांची से पहुंच कर बम निरोधक दस्ते ने इसकी जांच की तो पता चला कि इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश है। दरअसल, इस नक्सल प्रभावित जिले में बम निरोधक दस्ता नहीं है।
बहरहाल, 15 फरवरी को दिल्ली से यहां पहुंचे पार्सल को सोमवार की दोपहर बालू लदे एक ट्रैक्टर पर रखकर आकाशवाणी से दूर जंगल में ले जाया गया। बम निरोधक दस्ते ने सावधानी पूर्वक पार्सल को खोला। इसके बाद हर कोई देख-सुन कर दंग रह गया। इसमें 672 पेज की पुस्तक मिली। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीवनी व कार्यो का उल्लेख है। अंग्रेजी में लिखी गई इस पुस्तक का शीर्षक नरेंद्र मोदी एक करिश्माई एवं दूरदर्शी राजनेता है। इसके लेखक डॉ. आदिस सी अग्रवाल व सराहा जी मार्चिंटन हैं। इसका वजन पांच किलो है। वजन के कारण ही पार्सल में बम होने की आशंका जगी। खैर, झारखंड जगुआर एसटीएफ रांची से पहुंचे बम निरोधक दस्ते में एसआइ गणोश चंद्र पान, सिमोन मुमू, दयानंद महतो व योगेंद्र कुमार शामिल थे।
कर्मचारी ने किया था रिसीव
पार्सल चिंता का सबब तब बना जब इसके बारे में तहकीकात की गई। पता चला कि विभाग ने कोई पार्सल नहीं भेजा है। इसके बाद पुलिस-प्रशासन को जानकारी दी गई। घाटशिला थाना के एसआइ विमल सिंह ने आकाशवाणी एमएम केंद्र पहुंचकर जांच पड़ताल की। एसआइ ने पार्सल को देखा और आकाशवाणी केंद्र के अधिकारियों से पूरी जानकारी लेते हुए वरीय अधिकारियों को इसकी सूचना दी। तय हुआ कि कि पार्सल की जांच के लिए रांची से बम निरोधक दस्ता को बुलाने के बाद ही उसे खोला जाएगा। पार्सल को आकाशवाणी केंद्र से दूर सुरक्षित स्थान पर रख दिया गया।
ऐसे गहराया शक
पुलिस को दी गई जानकारी में बताया गया है कि एक पार्सल को दिल्ली से 28 जनवरी को स्टेशन डायरेक्टर ऑल इंडिया रेडियो के आकाशवाणी केंद्र घाटशिला के पते पर भेजा गया था। उक्त पार्सल को कर्मचारी ने 15 फरवरी को रिसीव किया। उसने उसे सुरक्षित रख दिया। उसने इसके बारे में अधिकारियों को जानकारी दी। जिस पते और नाम से पार्सल भेजा गया था उसकी तहकीकात की गई तो पता चला कि भेजने वाले का नाम मिजोरम के एक पूर्व स्पीकर हिफ्ही का हैं पता दिल्ली का था। वे दो बार राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। वहां से जानकारी ली गई तो बताया गया कि कोई पार्सल कहीं नहीं भेजा गया है। इसके बाद संदेह और भी गहरा हो गया।
दिल्ली से कही गई नहीं भेजने की बात
उसके बाद केंद्र के अधिकारियों ने दिल्ली स्थित विभागीय कार्यालय से पता किया तो बताया गया कि कोई पार्सल नहीं भेजा गया है। उसके बाद केंद्र के अधिकारियों के होश उड़ गए। उन्हें इस बात का भय हुआ कि कहीं बम न हो। उसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने एहतियात बरतते हुए पार्सल को सुरक्षित रखा और जांच के लिए बम निरोधक दस्ते को सूचना दी गई।