यौन उत्पीड़न के मामलों में Work From Home के कारण आई गिरावट, सूची में टाटा स्टील भी है शामिल
वर्कप्लेस में यौन उत्पीड़न के मामले हमेशा सामने आते रहे हैं। इस वित्तीय वर्ष में भी कई मामले सामने आए हैं लेकिन पिछले सालों की तुलना में यह काफी कम है। सूची पर नजर दौड़ाएं तो एचडीएफसी बैंक में सबसे ज्यादा मामले आए हैं। जानिए और कौन-कौन सी कंपनियां हैं....
जमशेदपुर : वैश्विक महामारी कोविड 19 ने हमसे कई अपनों को छिना। पूरी अर्थव्यवस्था पर इसका बुरा असर पड़ा। कंपनियां बंद हो गई। उत्पादन भी आधे से कम हो गई। यहां तक की कई लोगों की नौकरी तक छूट गई। लेकिन इन सब नकारात्मक तथ्यों के बीच एक अच्छी खबर है कि कोविड 19 के कारण ही देश में संचालित कई कंपनियों में होने वाले यौन उत्पीड़न में काफी कमी आई है।
हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि ऑफिसों या कार्यस्थल में यौन उत्पीड़न कम होने का मुख्य कारण है कोविड 19 के कारण वर्क फ्रॉम होम या हाइब्रिड वर्क मॉडल है। जिसकी वजह से मामलों में पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले 34.26 प्रतिशत की गिरावट आई है। पिछले दिनों हुए एक एजेंसी द्वारा जारी वित्तीय रिपोर्ट में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (निफ्टी) की 50 में से 44 कंपनियों में यौन उत्पीड़न के मामलें दर्ज हुए है। इसमें देश की नामी-गिरामी कंपनियों के साथ-साथ टाटा स्टील जैसी कंपनी भी शामिल है। तो आइए जानते हैं कि किस कंपनी के यौन उत्पीड़न के कितने हैं मामले...
यौन उत्पीड़न के कुल 455 मामले हुए दर्ज
वित्तीय वर्ष 2019-20 में निफ्टी की 44 कंपनियों में कार्यस्थल में यौन उत्पीड़न के मामले दर्ज है। यौन उत्पीड़न की विरोधी एडवाइजरी कंपनी कम्प्लेन करो डॉट कॉम ने पूरे वित्तीय वर्ष के आंकड़े जारी किए हैं। जिसके तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल 455 मामलों में शिकायत मिली। जबकि इससे पहले वर्ष में 739 शिकायतें मिली है। ऐसे में आलोच्य अवधि में आकड़ों में 34 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है।
यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण
यौन उत्पीड़न मामलों के विशेषज्ञ सह कम्प्लेन करो सर्विसेज के संस्थापक विशाल केडिया का कहना है कि यौन उत्पीड़न के मामलों की रोकथाम के लिए ऑनलाइन ई-मॉड्यूल प्रशिक्षण व वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है। इसमें हम पीड़ित व्यक्ति या महिला से आग्रह करते हैं कि वे अपने साथ होने वाले यौन उत्पीड़न को लेकर चुप न रहें। इसकी शिकायत करें, हो सके तो अपने परिवार के ही किसी सदस्य से इसे शेयर करें लेकिन चुप नहीं रहें। क्योंकि चुप रहने से यौन उत्पीड़न करने वाला व्यक्ति ज्यादा सक्रिय होगा और आपके चुप रहने से वह उसे आपकी मौन स्वीकृति मानेगा।
महिला कर्मचारियों को असमय फोन करने के ज्यादा मामले
विशाल केडिया का कहना है कि यौन उत्पीड़न के ज्यादा मामलों में ऑफिस के अधिकारी महिला सहकर्मी को असमय या ड्यूटी के बाद बिना किसी औचित्य के फोन करना या उनसे व्यक्तिगत बात करने के मामले ज्यादा आ रहे हैं। वर्क फ्रॉम होम में अब देर तक ज्यादा काम कराने की शिकायत मिल रही है। उन्होंने बताया कि कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013, सूचीबद्ध कंपनियों को सालाना यौन उत्पीड़न के मामलों की संख्या और निवारण के लिए उठाए गए कदमों की रिपोर्ट करने के लिए बाध्य करता है।
अदानी पोटर्स सहित इन कंपनियों में नहीं मिली है शिकायत
कम्प्लेन करो डॉट कॉम के डेटा विशेषज्ञों की माने तो वर्ष 2019 में किसी भी कंपनी में 50 से अधिक शिकायतें नहीं मिली है। जबकि कई कंपनियों में इससे काफी अधिक शिकायतें मिलती थी। वहीं, छह कंपनियां ऐसी भी है जहां पिछले छह वर्षो से यौन उत्पीड़न के एक भी मामले दर्ज नहीं हुए हैं। इनमें अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, बजाज फिनसर्व, कोल इंडिया, रिलायंस इंडस्ट्रीज, यूपीएल और श्री सीमेंट जैसी कंपनियां शामिल है। आंकड़ों से यह भी पता चला है कि वर्ष 2019 में सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों की तुलना में निजी फर्मों में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के अधिक मामले दर्ज हुए हैं।
एचडीएफसी में सबसे अधिक शिकायत, टाटा स्टील में सबसे कम
कम्प्लेन करो डॉट कॉम द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 में सबसे अधिक शिकायतें एचडीएफसी बैंक से मिली है जहां कुल 47 शिकायतें मिली हैं। हालांकि पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में यह 10 प्रतिशत कम है इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक 45 शिकायतों के साथ दूसरे स्थान पर है। वहीं, विप्रो की शिकायतों में 65 प्रतिशत की गिरावट आई है। पिछले वित्तीय वर्ष में कंपनी से 125 मामले दर्ज हुए थे उसके अनुपात में वर्ष 2019-20 में 43 मामले दर्ज हुए। अन्य निफ्टी कंपनियां में एक्सिस बैंक (39), एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस (39), आईसीआईसीआई बैंक (33), टेक महिंद्रा (30), टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (27), कोटक महिंद्रा बैंक (25) और टाटा स्टील (21) मामले दर्ज हुए थे। जबकि टाटा स्टील में वर्ष 2018-19 में 34 मामले दर्ज हुए थे।