8 जुलाई को हड़ताल पर रहेंगे पीएफ विभाग के कर्मचारी, काम का दबाव है वजह
पीएफ विभाग के कर्मचारी सोमवार 8 जुलाई को हड़ताल पर रहेंगे। हड़ताल का मुख्य बिंदु काम का दबाव बढ़ाया जाना है जिसकी वजह से जमशेदपुर में कर्मचारी रामनरेश ने आत्महत्या की।
जमशेदपुर, जेएनएन। पीएफ विभाग के कर्मचारी सोमवार 8 जुलाई को हड़ताल पर रहेंगे। कर्मचारी यूनियन के उपाध्यक्ष प्रभाष सिंह ने बताया कि हड़ताल का मुख्य बिंदु काम का दबाव बढ़ाया जाना है, जिसकी वजह से जमशेदपुर में कर्मचारी रामनरेश ने आत्महत्या की। हड़ताल अखिल भारतीय स्तर पर होगी, जिसमें वे दफ्तर आएंगे, लेकिन काम नहीं करेंगे। कर्मचारियों का कहना है कि यहां जरूरत से ज्यादा अधिकारी हैं, जबकि रिक्त हो रहे कर्मचारियों के पद नहीं भरे जा रहे हैं।
एक कर्मचारी ने दफ्तर में ही की खुदकशी
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के जमशेदपुर क्षेत्रीय कार्यालय के कर्मचारी रामनरेश प्रसाद (52) ने कार्यालय के शौचालय में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पता तब चला, जब शुक्रवार 5 जुलाई को एक कर्मचारी को देर से शौचालय का दरवाजा बंद रहने पर शक हुआ। दोपहर करीब 12 बजे दरवाजा तोडऩे पर वेंटीलेटर के रॉड से कर्मचारी का शव नायलोन की रस्सी के सहारे लटका मिला। कार्यालय में सनसनी फैल गई। सूचना के बाद साकची थाने की पुलिस आई, उसने शव देखकर बताया कि मृतक ने बुधवार रात फांसी लगाई होगी। शव काला पड़कर फूल गया था। दुर्गंध भी निकल रही थी। परिजन की मौजूदगी में शव उतारकर पुलिस पोस्टमार्टम के लिए एमजीएम अस्पताल ले गई।
सीनियर क्लर्क थे रामनरेश
रामनरेश लेखा विभाग में सीनियर क्लर्क थे। उनका आवास परसुडीह के मकदमपुर स्थित शांतिनगर में है। वे ग्र्राम पिंड्रा, थाना भगवानपुर, छपरा, बिहार के मूल निवासी थे। क्षेत्रीय आयुक्त तुषारकांत मुखर्जी ने बताया कि रामनरेश बुधवार को ड्यूटी पर थे। रात आठ बजे उनका आउटपंच भी दिखा रहा है। शायद पंच करने के बाद उन्होंने फांसी लगाई होगी। गुरुवार को रथयात्रा की छुट्टी थी। इसलिए किसी ने उनकी खोज खबर नहीं ली। सहकर्मियों का कहना है कि इनदिनों कर्मचारियों पर काम का काफी दबाव है। शायद रामनरेश इस दबाव को नहीं झेल सके। कर्मचारी यूनियन हमेशा काम का दबाव कम करने की मांग करता रहा है।
शौचालय में स्टूल ले जाते सीसीटीवी में दिखे रामनरेश
पुलिस ने कार्यालय के सीसीटीवी फुटेज की जांच की। देखा गया कि बुधवार रात 8.12 बजे रामनरेश लिफ्ट से निकलकर स्टूल लेकर शौचालय में गए। फिर वह बायोमीट्रिक हाजिरी बनाने के बाद वापस शौचालय में गए। उसके बाद वापस नहीं निकले।
सहकर्मियों ने कहा, उस दिन भी पड़ी थी डांट
एक सहकर्मी ने बताया कि रामनरेश तीन महीने पहले ही एकाउंट्स विभाग में आए थे। एकाउंट्स आफिसर छोटी-छोटी बात पर डांट-फटकार लगाते थे। घटना के दिन भी डांट पड़ी थी। वह दफ्तर में रो रहे थे। क्षेत्रीय आयुक्त ने बताया कि रामनरेश की बहाली 1990 में चतुर्थ वर्ग में हुई थी। वह 1995 में क्लर्क के रूप में प्रोन्नत हो गए थे। तीन माह पूर्व जब उन्हें पीआरओ विभाग से लेखा विभाग में किया गया, तो प्रतिनियुक्ति के दिन भी रामनरेश ने उनसे कहा कि यह काम उससे नहीं होगा। इस पर मैंने कहा कि क्लर्क बने 24 साल हो गए हैं, कब सीखोगे? कोशिश करो, खुद को अपडेट तो करना ही होगा। आयुक्त ने कहा कि काम का प्रेशर तो हर जगह हर कर्मचारी को है।
परिजन को फोन कर कहा कि शादी में रांची जा रहा
घटना के बाद परसुडीह स्थित आवास से रामनरेश के परिजन पीएफ आफिस आए थे। उन्होंने बताया कि बुधवार को उन्होंने फोन पर कहा था कि एक स्टाफ के साथ शादी समारोह में शामिल होने रांची जा रहे हैं। अब शुक्रवार को रात में सीधे ड्यूटी करके घर लौटेंगे। इसी वजह से परिजन ने अबतक कोई खोजखबर नहीं ली।
40 घंटे तक पड़ा रहा शव
रामनरेश ने बुधवार रात 8.12 बजे फांसी लगाई थी। इसकी जानकारी शुक्रवार सुबह हुई। शौचालय में रामनरेश का शव 40 घंटे पड़े रहने से बुरी तरह अकड़ गया था। पता दोपहर करीब 12 बजे चला। शव उतारने में चार घंटे लग गए। मृतक की पत्नी और परिजन देर से पहुंचे। आफिस के कर्मचारी आधा घंटे में परसुडीह पहुंच गए थे, खबर सुनते ही पत्नी और बेटी बेहोश होकर गिर पड़ीं। इसके बाद बाइक से रामनरेश के भाई व भतीजा पीएफ आफिस आए, पर सहकर्मियों ने कहा कि जब तक उनकी पत्नी नहीं आएगी, शव को नहीं उतारा जाएगा। पत्नी को लाने के लिए गाड़ी भेजी गई। मृतक की तीन बेटियां हैं। दो की शादी हो चुकी है। एक छोटी है।
मुंह में ठूंस रखा था रूमाल
मृतक रामनरेश के मुंह में रूमाल ठूंसा हुआ था। आशंका है कि उसने मुंह में रूमाल इसलिए डाला हो कि आवाज बाहर नहीं जाए। जांच में पुलिस को रामनरेश की जेब से तीन रूमाल मिले हैं। सुसाइड नोट नहीं मिला।