क्षेत्रीय आयुक्त बोले, पीएफ कर्मी की खुदकशी का कारण काम का दबाव नहीं Jamshedpur News
जमशेदपुर के पीएफ कार्यालय में कर्मचारी खुदकशी मामले को जांच अधिकारी ने काम के दबाव का परिणाम मानने से मना कर दिया है।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। जांच अधिकारी ने यह मानने से मना कर दिया है कि काम के दबाव की वजह से पीएफ कर्मी ने खुदकशी कर ली थी। जमशेदपुर के साकची स्थित भविष्य निधि के क्षेत्रीय कार्यालय में तीन जुलाई को सीनियर क्लर्क (वरीय सामाजिक सुरक्षा सहायक) रामनरेश प्रसाद ने खुदकशी कर ली थी, लेकिन इसका खुलासा शुक्रवार को हुआ था।
उस दिन कर्मचारियों ने खुदकशी का कारण काम का दबाव बताया था, तो आठ जुलाई को कर्मचारियों ने अखिल भारतीय स्तर पर प्रदर्शन भी किया। वहीं इस मामले की जांच करने पटना से आए बिहार-झारखंड के प्रमुख अपर केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त राजीव भट्टाचार्य ने इससे इन्कार किया है। भट्टाचार्य ने कहा कि आत्महत्या का कारण काम का दबाव नहीं हो सकता।
वीआरएस लेने का था विकल्प
दो दिनों की जांच के बाद उन्होंने कहा कि रामनरेश प्रसाद 24 वर्ष से क्लर्क के पद पर थे। हर कर्मचारी को प्रतिदिन 24 दावा का निपटारा (क्लेम सेटलमेंट) करना होता है, इससे ज्यादा काम उनके अन्य साथियों पर था। वे डाटा इंट्री ऑपरेटर के पद पर भी काम कर चुके थे, लिहाजा उन्हें कंप्यूटर का भी ज्ञान था। उनका काम भी ऑनलाइन इंट्री का ही था, लिखने-पढऩे का नहीं। इससे भी बड़ी बात कि यदि उन्हें काम का इतना ही दबाव था तो वीआरएस (वोलेंट्री सेपरेशन स्कीम) भी ले सकते थे।
छोटी बेटी को अनुकंपा पर मिलेगी नौकरी
अपर केंद्रीय आयुक्त ने कहा कि उन्होंने क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त तुषारकांत मुखर्जी से कहा कि वे दो माह में एक बार कर्मचारियों-अधिकारियों के साथ बैठक कर संवाद स्थापित करेंगे। उन्हें जांच में यह भी पता चला कि रामनरेश अंतर्मुखी स्वभाव के थे। यदि उन्हें कोई पारिवारिक समस्या भी थी, तो उन्होंने अधिकारियों से कभी इसे साझा नहीं किया। बहरहाल, विभाग पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मुआवजे की प्रक्रिया शुरू करेगी। स्व. प्रसाद की सबसे छोटी बेटी नंदिनी को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जाएगी, लेकिन पांच अक्टूबर को उसकी उम्र 18 वर्ष हो रही है।