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नियोक्ता की लापरवाही से बढ़ी आधार लिंक में परेशानी

प्रोविडेंट फंड व पेंशन योजना के लाभुकों को आधार से लिंक करने में हो रही समस्या।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 08:14 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 08:14 PM (IST)
नियोक्ता की लापरवाही से बढ़ी आधार लिंक में परेशानी
नियोक्ता की लापरवाही से बढ़ी आधार लिंक में परेशानी

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : प्रोविडेंट फंड व पेंशन योजना के लाभुकों को आधार से लिंक किए जाने के कारण जन्मतिथि, नाम में गड़बड़ी और पता आदि की गड़बड़ी के बहुत सारे मामले सामने आ रहे हैं। इसका मूल कारण अधिकतर लाभुक व नियोक्ता में जागरूकता की कमी है। जो आंकड़े भविष्य निधि कार्यालय में आए हैं और जो लाभुक प्रस्तुत कर रहे हैं, उनमें मिलान नहीं हो पा रहा है। इसी के कारण परेशानी बढ़ी है। ऐसे मामलों का ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा रहा है। समय से सही व्यक्ति से संपर्क करने पर परेशानियां बहुत कम समय में दूर हो जा रही है। उपरोक्त बातें पीएफ कमिश्नर अशोक कुमार ने कही। वे बुधवार को दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम 'प्रश्न प्रहर' में पाठकों के सवालों के जवाब दे रहे थे।

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सवाल : मेरी मां की जन्मतिथि में गड़बड़ी के कारण पेंशन अटका हुआ है?

-मुक्तेश्वर पांडेय, कदमा

जवाब : आप मानगो स्थित भविष्य निधि कार्यालय में सहायक पेंशन आयुक्त दीपक तिग्गा से मिलें। समस्या का समाधान हो जाएगा।

सवाल : मेरा 2015 से पीएफ कट रहा है, लेकिन कागजात में कुछ गड़बड़ी के कारण इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है?

-प्रदीप सिंह, मनीफीट

जवाब : पहले आप अपने कागजात दुरुस्त कराने का प्रयास करें। गड़बड़ी से संबंधित सही कागजात नियोक्ता को देकर भविष्य निधि कार्यालय में फारवर्ड कराएं। सुधार हो जाएगा।

सवाल : मैं एचएलआइसीसी से सेवानिवृत्त हूं। जन्मतिथि में गड़बड़ी हो गई है, कैसे सुधार होगा?

-वंदना हलदर, मुसाबनी

जवाब : आप सहायक आयुक्त के यहां जन्मतिथि में सुधार के लिए आवेदन करें।

सवाल : पहले पांच हजार रुपये वेतन पर निजी कंपनियों द्वारा पीएफ काटने का प्रावधान था, अब कितने पर है। सरकारी कर्मचारियों पर क्या यह लागू होता है?

-योगेंद्र प्रसाद, बालीगुमा

जवाब : सरकार ने पांच की सीमा को बढ़ा कर 15 हजार कर दिया है। सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना अलग है। अपने नियमों के अनुसार सरकार पेंशन तय करती है।

सवाल : कई लोग अपने संस्थानों में दर्जनों लोगों से काम करा रहे हैं और पीएफ का लाभ नहीं दे रहे हैं?

-पपाई चक्रवर्ती, कदमा

जवाब : जरूरी नहीं है कि सभी छोटे-बड़े संस्थान पीएफ काटें। इसके लिए संस्थान का पीएफ कवर्ड होना जरूरी है।

सवाल : मैं नौ आदमियों के साथ एक छोटी सी कंपनी चलाता हूं। मुझे पीएफ का पैसा जमा कराने के लिए पैसा देना पड़ता है?

-भानु प्रताप जमुवार, आदित्यपुर

जवाब : अभी आप कंसल्टेंट की मदद से पीएफ का पैसा जमा करा रहे हैं। थोड़ा समय दें। सिस्टम समझें। इसके बाद आप बिना कंसल्टेंट की सहायता के पैसा जमा करा पाएंगे। इसमें आपको भविष्य निधि कार्यालय से जो भी सहायता चाहिए, आपको दी जाएगी।

सवाल : मैं 2012 में इनकैब से रिटायर हुआ हूं। पेंशन तो मिल रहा है, लेकिन एक भी पैसा पीएफ नहीं मिला?

-तपन सेनगुप्ता, केबुल टाउन

जवाब : इनकैब एक छूट प्राप्त संस्थान है। प्रबंधन ने कर्मचारियों की सहमति से पीएफ ट्रस्ट बनाकर उसमें पीएफ का पैसा जमा करने की अनुमति सरकार से ली थी। ट्रस्ट और कंपनी का मुख्यालय कोलकाता है। यहां केवल इकाई है। ट्रस्ट की अनियमितताओं के कारण सरकार ने 2011 में छूट वापस ले ली। प्रबंधन ने इसके बाद के सरकार के आदेशों का पालन नहीं किया। पीएफ का पैसा भी जमा नहीं हुआ है। हम लगातार कोलकाता भविष्य निधि कार्यालय के संपर्क में हैं। थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन पैसा जरूर मिलेगा।

सवाल : मैं कुछ दिन एडीएम हॉस्पिटल में काम किया। वहां के पीएफ का पैसा निकालना चाहती हूं?

-नीलिमा एम जॉर्ज, बिरसानगर

जवाब : आपका जो पैसा कटा है, एसकी पीएफ स्लिप सहित अन्य कागजात लेकर मानगो स्थित भविष्य निधि कार्यालय आएं। समस्या का समाधान हो जाएगा।

सवाल : मैंने ऊषा मार्टिन कंपनी से प्रीमेच्योर रिटायरमेंट लिया था। 20 साल से अभी तक मुझे पेंशन नहीं मिला?

-धर्मचंद्र पोद्दार, मानगो

जवाब : मामला 20 साल पुराना है। आप स्कीम सर्टिफिकेट के साथ अन्य कागजात लेकर पेंशन विभाग के लेखा अधिकारी अविनाश कुमार से मिलें।

सवाल : टाटानगर गौशला में लगभग 150 कर्मचारी काम करते हैं। आधे का पीएफ कटता है और आधे का नहीं। इसका क्या उपाय किया जाए।

-दुर्गाराम राणा, जुगसलाई

जवाब : ये मामला मेरे कार्यक्षेत्र के बाहर का है। फिर भी आप इसकी शिकायत डीएलसी के यहां कर सकते हैं। ये भी सुनिश्चित कराएं कि सबके नाम की वेतन पर्ची कट रही है कि नहीं और सबका नाम वेतन रजिस्टर पर दर्ज हो रहा है कि नहीं।


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