पैसे दीजिए, बिना जांच के ही मिल जाएगा प्रदूषण सर्टिफिकेट
मोटर यान (संशोधन) अधिनियम-2019 के लागू होने के बाद से शहर के प्रदूषण जांच केंद्रों के सामने भीड़ बढ़ गई है लेकिन अधिकतर जांच केंद्रों में बिना प्रदूषण जांच किए ही पैसे लेकर प्रदूषण सर्टिफिकेट बनाए जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : मोटर यान (संशोधन) अधिनियम-2019 के लागू होने के बाद से शहर के प्रदूषण जांच केंद्रों के सामने भीड़ बढ़ गई है, लेकिन अधिकतर जांच केंद्रों में बिना प्रदूषण जांच किए ही पैसे लेकर प्रदूषण सर्टिफिकेट बनाए जा रहे हैं।
बर्मामाइंस मेन रोड पर विजय ऑटोमोबाइल पेट्रोल पंप में भी प्रदूषण जांच का एक सेंटर है। सोमवार सुबह दैनिक जागरण की टीम ने जब पड़ताल की तो यहां की सच्चाई सामने आ गई। यहां पर किसी भी गाड़ी के साइलेंसर में नोजल डालकर प्रदूषण की जांच नहीं की जा रही है। बस पैसे लेकर दराज में डाले और कम्प्यूटर से जुड़े एक वेब कैमरे से संबधित गाड़ी के पिछले नंबर प्लेट की फोटो ली, बस बन गया प्रदूषण का सर्टिफिकेट। जब ऐसे ही एक सर्टिफिकेट पाने वाले से पूछा गया कि आपके गाड़ी की प्रदूषण जांच किए बिना ही पैसे क्यों दे दिए तो उनका जवाब था, इस सर्टिफिकेट से पर्यावरण को नहीं अपने को बचाना है। सर्टिफिकेट नहीं रहा तो ट्रैफिक पुलिस 2000 रुपये का जुर्माना काट लेगा। लेकिन ताज्जुब है कि जांच केंद्र के बाहर इतनी लंबी लाइन में एक भी वाहन सवार यह सवाल नहीं उठा रहा कि गाड़ियों की जांच किए बिना सर्टिफिकेट क्यों दिए जा रहे हैं तो वे इसके लिए पैसे क्यों दें? यहीं अव्यवस्था शहर के अन्य प्रदूषण केंद्रों पर दिखी और ये एजेंसियां प्रदूषण के नाम पर हर दिन हजारों रुपये की लूट कर रहे हैं।
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गर्म हो जाएगा नोजल
विजय ऑटोमोबाइल के बाहरी क्षेत्र में बने जांच केंद्र में दो कर्मचारी काम कर रहे हैं। एक कम्प्यूटर में बैठकर गाड़ियों का नंबर लिख रहा है तो दूसरा वेब कैमरे से गाड़ियों की फोटो खींचकर सर्टिफिकेट प्रिंट निकाल कर उस पर मुहर लगाकर पैसे वसूल रहा है। जब इनसे पूछा गया कि वे प्रदूषण की नियमित जांच क्यों नहीं कर रहे हैं तो इनका एकमात्र सवाल था, बाहर गाड़ियों की लंबी लाइन देख रहे हैं, अगर हर गाड़ी की जांच करें तो नोजल गर्म हो जाएगा।
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बॉस से बात करें
जब दोनो कर्मचारियों से ज्यादा सवाल-जवाब किया गया तो इनका कहना था कि अंदर उनके बॉस बैठे हैं, जाकर उनसे बात की। इस पर टीम के सदस्यों ने पेट्रोल पंप के मालिक दिनेश कजारिया से भी मिलने पहुंचे लेकिन वे नहीं मिले। काफी समय तक उनका इंतजार कर उनके मोबाइल पर फोन भी किया गया लेकिन न तो वे आए और न ही उन्होंने फोन ही उठाया।
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क्या कहता है नियम
नियमों के अनुसार प्रदूषण जांच केंद्रों को सभी वाहनों के अलग-अलग एक्सीलेटर पर हार्टिज स्मोक यूनिट (एचएसयू) की जांच करना है। अगर एचएसयू 65 यूनिट से ज्यादा है तो उसे नोजल से ठीक करना है। लेकिन जांच केंद्र बिना चेक किए खुद से अलग-अलग एक्सीलेटर पर 20 यूनिट से कम प्वाइंट देकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
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जांच केंद्र द्वारा वसूले जाने की दर
वाहन के प्रकार वसूले जाने वाली फीस सरकार को मिलने वाला अंशदान
दो पहिया 50 20
तीन पहिया 80 30
चार पहिया 120 40
मध्यम वाहन 200 80
भारी वाहन 300 100 कोट ::
मेरे बाइक की बिना जांच किए प्रदूषण का सर्टिफिकेट दे दिया। जांच के लिए पूछा तो बोले कि जांच कराना है तो बाद में आना।
लिटा माझी, गम्हरिया निवासी
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बिना जांच किए प्रदूषण सर्टिफिकेट देने का मामला अभी तक मेरे संज्ञान में नहीं आया है। यदि ऐसा है तो इसकी जांच की जाएगी।
-दिनेश कुमार रंजन, जिला परिवहन पदाधिकारी।