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Pointed Gourd: कोरोना काल में परवल की बढी डिमांड, खास वजह आप भी जानें

Immunity Booster कोराेना जब से काल बनकर लोगों पर टूट रहा है हर आम आे खास इम्युनिटी बढाने पर पूरा जोर दे रहा है । इसी कडी में परवल की मांग भी बढी हुइ है। दरअसल परवल भी इम्युनिटी बढाने में खासा मददगार है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 08:26 PM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 11:34 AM (IST)
परवल इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।

जमशेदपुर, जासं। Boost Immunity कोराेना जब से काल बनकर लोगों पर टूट रहा है, हर आम आे खास इम्युनिटी बढाने पर पूरा जोर दे रहा है । कोइ अंडा खा रहा तो कोइ चिकेन पर जोर दे रहा।  आयुर्वेदिक आैषधि की मांग बढी हुइ है। गर्म दूध में हल्दी पाउडर डालकर पीने को भी इम्युनिटी बढाने में मददगार माना जा रहा है। इसी कडी में परवल की मांग भी बढी हुइ है।

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दरअसल, परवल भी इम्युनिटी बढाने में खासा मददगार है। कोरोना काल में परवल की बढी मांग एवं इसकी खेती से कइ किसानों की किस्मत संवर रही है। परवल इम्युनिटी बढाने में भी मददगार है। परवल के छिलकों में मैग्नीशियम, पोटेशियम, पफोस्पफोरस भी भरपूर मात्रा में होती है। इसके अलावा परवल त्वचा से जुडी समस्याआें में खासतौर से फायदेमंद होता है। परवल में एंटी आक्सीडेंट बढती उम्र के लक्षणों को कम करने में मददगार होते हैं। परवल इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।

ये बने खेती में मिसाल

कोरोना के समय जहां एक ओर लोगों के समक्ष रोजी -रोजगार का संकट खडा हो गया है वहीं पटमदा-बोड़ाम के पांच गांव के 25 किसान आपदा को अवसर में बदल कर परवल की खेती करते हुए अन्य किसानों के लिए प्रेरणा के स्रोत बन रहे हैं। किसानों ने अपने खेत में पहली बार व्यावसायिक फसल परवल के साथ सूर्यमूखी व बेबी कॉर्न लगाया, जिसमें परवल टूटना शुरू हो गया है। नाबार्ड द्वारा उपलब्ध कराइ गइ तकनीक व संसाधनों से परवल के साथ सूर्यमूखी व बेबी कॉर्न की अच्छी फसल हुई है। बोड़ाम प्रखंड के शुक्ला गांव निवासी विजय महतो अपनी 10 डिसमिल जमीन से अब तक 250 किलो परवल बिक्री कर चुके हैं। इसी तरह पटमदा प्रखंड के फणिभूषण महतो भी अपने 15 डिसमिल जमीन से 200 किलो से अधिक परवल की बिक्री कर चुके हैंं। किसानों का कहना है कि परवल की खेती में अप्रैल से सितंबर तक फल निकलेगा। प्रत्येक सप्ताह खेत से परवल को किसान तोड़कर स्थानीय बाजार में बिक्री करते हैं। इससे नकद के साथ ही अच्छा लाभ हो रहा है।

पहली बार नाबार्ड ने वैकल्पिक खेती को दिया बढ़ावा

नाबार्ड ने पहली बार फार्म सेक्टर प्रोमोशन फंड के तहत पूर्वी सिंहभूम जिले में नई तकनीक और नए वैकल्पिक खेती को बढ़ावा देने के लिए पटमदा और बोड़ाम प्रखंड के पांच गांव कुमारदा, कशमार, कांकिडीह, हुरुमबिल व शुक्ला गांव के 25 किसानों को उन्नत विधि द्वारा परवल के साथ-साथ बेबी कॉर्न और सूरजमुखी की खेती करने की पहल की। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक सिद्धार्थ शंकर कहते हैं कि सभी 25 किसानों को टीआरसीएससी नामक संस्था के माध्यम से प्रशिक्षण के साथ- साथ परवल के पौधे, ड्रिप सिंचाई, पॉली मलचिंग, मचान निर्माण, वर्मी कम्पोस्ट पिट इत्यादि की सुविधाएं प्रदान की गई। जिसका परिणाम है कि आज किसानों ने परवल को बाजार में बेचना करना शुरू कर दिया है।

केस स्टडी -एक

किसान विजय महतो, पुत्र मघीराम महतो, ग्राम शुक्ला, पंचायत रसिकपुर, प्रखंड बोड़ाम ने इस परियोजना के अंतर्गत अपने 10 डिसिमिल खेत में परवल के साथ बेबी कॉर्न और सूरजमुखी की खेती की और अब तक 250 किलो से ज्यादा परवल 40-45 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेच चुके हैं

केस स्टडी - दो

किसान फणिभूषण महतो, पुत्र बिभूति महतो, ग्राम कुमरदा, पंचायत कसमार, प्रखंड पटमदा ने अपने 15 डिसिमल खेत में परवल के साथ बेबीकॉर्न और सूरजमुखी की खेती की। फणिभूषण अब तक 45 रुपये प्रति किलो के हिसाब से 200 किलो से ज्यादा परवल बाजार में बेच चुके हैं।

इन पांच गांवों के 25 किसान कर रहे व्यावसायिक खेती

ग्राम कुमरदा, प्रखंड पटमदा के तपन कुमार महतो, मिथुन महतो, जगदीश महतो, संतोष कुमार महतो, बुधेश्वर गोराई, लालमोहन गोराई, फनिभूषण महतो व बबलू महतो, ग्राम कसमार के समीर तियारी, ग्राम कांकिडीह के सगेन बेसरा, महेश्वर बेसरा व विप्लब बेसरा, ग्राम हुरुमबिल, रंजीत महतो, परिखित महतो, बिश्वजीत महतो, बृहस्पति महतो, प्रणब महतो, अंबुज महतो ग्राम शुक्ला, प्रखंड बोड़ाम के हरेकृष्णा महतो, मंटू राम महतो, सहदेब महतो, बिजय महतो, भजहरी महतो, सबरती अंसवारी व विभूति महतो कर रहे खेती।

ये कहते अधिकारी

किसानों को अतिरिक्त आय के लिए नाबार्ड की ओर से परवल की खेती पर जोर दिया गया। क्योंकि परवल लंबे समय तक उपज देनी वाली सब्जी है। यह किसानों को अप्रैल माह से सितंबर माह के बीच तक उपज देगी। इसके अलावा बेबीकॉर्न और सूरजमुखी की खेती करवाई जा रही है। इससे किसानों को बहुफसली आय मिल पाएगी। सूरजमुखी और बेबीकॉर्न की भी फसल तैयार हो रही है, जो आने वाले वक्त में किसानों को अच्छी आय देगी।

- सिद्धार्थ शंकर, जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड, पूर्वी सिंहभूम


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