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युवक-युवतियों में टैटू बनवाने की दीवानगी, जानिए क्या है फेवरेट

ग्रामीण युवाओं में टैटू का क्रेज दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। कुछ लोग स्टाइल स्टेटमेंट, बहुत सारे लोग तो अपने फेवरेट सेलिब्रिटीज से इंस्पायर होकर टैटू बनवा रहे हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 12:16 PM (IST)Updated: Fri, 15 Feb 2019 12:16 PM (IST)
युवक-युवतियों में टैटू बनवाने की दीवानगी, जानिए क्या है फेवरेट
युवक-युवतियों में टैटू बनवाने की दीवानगी, जानिए क्या है फेवरेट

मुसाबनी [मुरारी प्रसाद सिंह]। बदलता फैशन हर बार नया ट्रेंड लेकर आता है। इनमें कपड़े, फुटवियर, मेकअप, एक्सेसरीज और हेयरस्टाइल के साथ जो फैशन सबसे ज्यादा इन दिनों चलन में है वह है टैटू। ग्रामीण युवाओं में टैटू का क्रेज दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। कुछ लोग स्टाइल स्टेटमेंट, बहुत सारे लोग तो अपने फेवरेट सेलिब्रिटीज से इंस्पायर होकर टैटू बनवा रहे हैं।

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अब टैटू फैशन का ट्रेड भी बदला है। अब अधिकतर यूथ अपनी गर्लफ्रेंड का नाम या ट्राइब टैटू की जगह अपने माता-पिता का नाम उनका पोट्रेट टैटू के रूप में अपने शरीर पर गुदवा रहे हैं। वे उनके इमेज बनवाकर उनके प्रति अपनी फीलिंग एक्सप्रेस कर रहे हैं। शहर के युवाओं के साथ-साथ इन दिनों ग्रामीणों युवाओं पर भी  टैटू का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है। युवा फैशन के इतने दीवाने हैं कि कोई भी नई चीज आजमाने से पीछे नहीं हट रहे हैं। फिर चाहे बात ट्रेंडी ब्रेसलेट, टोपी, ईयररिंग या फिर हाथों और गर्दनों में महादेव सहित त्रिशूल के टैटू हो।

मेले में सज रही दुकानें

मकर संक्रांति के अवसर पर लगने वाले ग्रामीण क्षेत्र के हर मेलों में टैटू बनाने के लिए दुकानें सजती रही और हर मेलेे में दर्जनों युवक -युवतियां टैटू बनवाने के लिए दुकानों पर घंटों खड़े रहे। ग्रामीण क्षेत्र में लगने वाले मेले, मुर्गा लड़ाई आदि आयोजनों में टैटू बनवाने वाले की भीड़ टैटू बनाने की दुकान पर लगी रहती है। 

ये है टैटू का इतिहास

अगर टैटू के इतिहास की बात करें तो आदिवासी समुदाय खास तौर पर अपने शरीर में विशेष निशान बनवाते थे। जो उनके कबीले का प्रतीक होता था। टैटू का उपयोग इलाज के लिए भी किया जाता था। इन दिनों बॉडी टैटू का क्रेज युवाओं में बढ़-चढ़कर देखने को मिल रहा है। मुसाबनी में भी दिखने लगा है। 

आधुनिकता में श्रृंगार का रूप लिया टैटू 

शहर  के साथ साथ  ग्रामीण क्षेत्र में भी  अब धीरे-धीरे टैटू श्रृंगार और प्रेम प्रदर्शन का माध्यम बनता चला गया। महिलाएं हाथों में ब्रेसलेट और चूडिय़ां, पैरों में पायल की जगह, तरह-तरह की डिजाइन का गोदना करवाने लगी है। उसके बाद प्रेमी-प्रेमिका अपने साथी का नाम लिखवाने लगे। गोदना में टैटू तक का सफर तय करने के दौरान काफी परिवर्तन आ चुके है। युवाओं ने इसे फैंशन बना लिया है। टैटू बनाने वाले मुसाबनी के श्रीधर पातर टैटू ने बताया कि लोग टैटू के माध्यम से ज्यादातर निशानों के साथ अपना या भगवान का नाम बनवाते है। लेकिन अब लाइफ स्टाइल के साथ-साथ टैटू के डिजाइन, आकार, प्रकार सब बनाए जा रहे हैं। यह युवाओं के मन को भा रहे हैं।

अधिकतर बना रहे तितली और त्रिशुल टैटू

उन्होंने बताया कि अधिकतर लोग तितली, फूल, डमरू, शिव, त्रिशूल अपने जीवनसाथी या बच्चों के नाम का टैटू बनवाना पसंद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले हर मेलों में टैटू बनवाने के लिए युवाओं की भीड़ दुकानों पर लगी रहती है। आज ग्रामीण युवाओं में भी टैटूू का क्रेज सिर चढ़कर बोल रहा है।


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