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जगन्नाथ व शिव मंदिर का विभाजन किसी रूप में स्वीकार नहीं : सचिव

यूसीआइएल कालोनी स्थित शिव मंदिर प्रांगण में बन रहे जगन्नाथ प्रभु के मंदिर निर्माण में रविवार को शिव मंदिर कमेटी शिवशक्ति संघ के सचिव दीपक मंडल ने कमेटी का पक्ष रखते हुए कहा कि जगन्नाथ मंदिर का निर्माण कार्य किसी परिस्थिति में बाधित नहीं होगा। जगन्नाथ मंदिर व शिव मंदिर का विभाजन किसी परिस्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा..

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Apr 2021 07:30 AM (IST)Updated: Mon, 05 Apr 2021 07:30 AM (IST)
जगन्नाथ व शिव मंदिर का विभाजन किसी रूप में स्वीकार नहीं : सचिव
जगन्नाथ व शिव मंदिर का विभाजन किसी रूप में स्वीकार नहीं : सचिव

संवाद सूत्र, जादूगोड़ा : यूसीआइएल कालोनी स्थित शिव मंदिर प्रांगण में बन रहे जगन्नाथ प्रभु के मंदिर निर्माण में रविवार को शिव मंदिर कमेटी शिवशक्ति संघ के सचिव दीपक मंडल ने कमेटी का पक्ष रखते हुए कहा कि जगन्नाथ मंदिर का निर्माण कार्य किसी परिस्थिति में बाधित नहीं होगा। जगन्नाथ मंदिर व शिव मंदिर का विभाजन किसी परिस्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा। जगन्नाथ मंदिर व शिव मंदिर का अलग-अलग प्रवेश द्वार व परिसर नहीं होगा। शिव मंदिर परिसर एक है और आगे भी एक ही रहेगा। शिव मंदिर परिसर में पूर्व से ही पाकशाला, गरुड़ देव मंदिर व लक्ष्मी मंदिर इत्यादि मौजूद हैं। अत: अलग से पाकशाला, लक्ष्मी व विमला मंदिर आदि का निर्माण नहीं होगा। जगन्नाथ मंदिर का निर्माण कार्य आपसी सहमति से चालू किया गया था। इसका नियंत्रण किसी विशेष संस्था के माध्यम से न हो, बल्कि इसका नियंत्रण पूर्व से गठित शिवशक्ति संघ के माध्यम से किया जाए। जगन्नाथ मंदिर व शिव मंदिर का एक द्वार व एक परिसर हो। मंदिर का निर्माण कार्य शिवशक्ति संघ की देखरेख में कराया जाएगा। कहा, अन्य लोग संघ से जुड़कर इसे मजबूती प्रदान करें। मंदिर का निर्माण नगर के भक्तों से दान लेकर कराया जा रहा है। इसलिए इसे सार्वजनिक रहने दिया जाए, न कि किसी संस्था विशेष का। शिव मंदिर व जगन्नाथ मंदिर दोनों हिदू समाज का है, इसलिए इसका सामाजिक विभाजन नहीं होना चाहिए।

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बताया कि 31 मार्च को थाना परिसर में यह समझौता हुआ था कि जगन्नाथ मंदिर का निर्माण कार्य चलता रहेगा। इसके अलावा कोई नया निर्माण कार्य नहीं होगा। आपसी समझौते व सहमति से ही नया निर्माण कार्य संभव हो पाएगा। इस संबंध में यूसीआइएल प्रबंधन का जो भी निर्णय होगा, स्वीकार होगा।


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