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हर महीना खर्च 80 हजार, शौचालय-यूरिनल में गंदगी का साम्राज्य

जासं जमशेदपुर नगर विकास विभाग की ओर से शहर के सभी प्रमुख चौक चौराहे पर करोड़ों क

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 07:29 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 05:15 AM (IST)
हर महीना खर्च 80 हजार, शौचालय-यूरिनल में गंदगी का साम्राज्य
हर महीना खर्च 80 हजार, शौचालय-यूरिनल में गंदगी का साम्राज्य

जासं, जमशेदपुर : नगर विकास विभाग की ओर से शहर के सभी प्रमुख चौक चौराहे पर करोड़ों की लागत से शौचालय व यूरिनल का निर्माण कराया गया था। उनकी देखभाल व साफ-सफाई की कमी के करण अधिकांश शौचालय व यूरिनल बंद पड़े हैं या तो जाने लायक नहीं हैं। यही नहीं यूरिनल व शौचालय की सफाई के लिए बाकायदा संवेदक भी नियुक्त हैं। यही स्थिति फागिंग की भी है। सबसे अधिक खस्ताहाल मानगो क्षेत्र का है।

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मानगो नगर निगम की बात करें तो यहां 32 यूरिनल व 18 सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया गया था। एक यूरिनल की सफाई के लिए प्रत्येक माह लगभग 2500 रुपये संवेदक को दिए जाते हैं। इस तरह मानगो में 32 यूरिनल के लिए एक माह में लगभग 80000 रुपये खर्च होता है। इस तरह एक साल में 9 लाख 60 हजार रुपये खर्च होते हैं। इसके बावजूद कहीं भी एक भी यूरिनल के ऊपर लगाई गई पानी टंकी में न पानी रहता है और न नियमित सभी यूरिनल की सफाई ही होती है। सही ढंग से साफ-सफाई नहीं होने के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है।

नगर निकाय के पदाधिकारी इस संदर्भ में अलग-अलग बयान देते हैं। फागिग की जिम्मेदारी बड़ा बाबू चंडीचरण गोस्वामी के पास है। जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मशीन खराब है। जब कार्यपालक पदाधिकारी रविद्र गागराई से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि दो मशीन हैं, चालू हालत में। यदि जांच की जाए तो फागिग में लगने वाले केमिकल व उस पर संवेदक का खर्च में भी बड़ी धांधली मिलेगी। जबकि मच्छर भगाने के नाम पर भी लाखों का वारा-न्यारा हो रहा है।

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जाने लायक नहीं है अधिकतर यूरिनल व शौचालय

गुरुवार को दैनिक जागरण टीम ने शहर के शौचालय व यूरिनल का निरीक्षण किया। पाया गया कि अधिकतर शौचालयों में से यूरिनल पैन टूटे हैं या फिर गायब हैं। मानगो बाजार के पास बनाए गए यूरिनल में बहुत लोग जाते हैं, लेकिन सफाई नहीं के बराबर होती है। यूरिनल का पानी सड़क पर बहता रहता है। वहीं साकची आई अस्पताल के पास बने यूरिनल में ताला लगा है। एमजीएम अस्पताल के सामने बनाए गए यूरिनल में जाने के लिए लोगों को नाले को पार करना पड़ता है। महिलाएं तो जा ही नहीं पाती हैं। डिमना रोड राजेंद्र नगर में यूरिनल ऊंचाई वाले स्थान में बना दिया है, यदि कोई गलती से चला गया तो दुबारा कभी नहीं जाएगा।

गुरुनानक अस्पताल के सामने यूरिनल बना है, लेकिन गंदगी इतनी की कोई अच्छा आदमी तो उसमें जाना नहीं चाहता है। नगर निकाय के पदाधिकारी संवेदक से मिलकर केवल पैसा उगाही में लगे हैं। शौचालय हो या यूरिनल इसके रख रखाव से लेकर साफ-सफाई की जिम्मेवारी नगर निकाय की है, लेकिन कोरोना का बहाना बनाकर सभी अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं।

वर्कर्स कॉलेज के पास बने शौचालय की हालत इतनी बदतर है। उससे निकलने वाली तीव्र दुर्गंध बाहर तक आती है। शौचालय में गंदगी फैली हुई है। बगल में वर्कर्स कॉलेज व मछली बाजार होने के कारण इसे ठीक करना आवश्यक है।

वर्तमान में कोरोना से निपटने में अधिकतर कर्मचारी लगे हुए हैं। जहां तक साफ-सफाई की बात है तो मैं खुद इस पर संज्ञान लूंगा। जल्द ही नगर निकाय क्षेत्र में बने शौचालय व यूरिनल की जांच करवाएंगे। यदि साफ-सफाई करने वाले संवेदक दोषी पाए जाएंगे तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।

-- रविद्र गागराई, कार्यपालक पदाधिकारी, मानगो नगर निगम


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