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कोरोना काल में कंपनियों के आक्सीजन बंद, अब फूल रही सांसें; इन उद्योगों पर सबसे ज्यादा असर

केंद्र सरकार के निर्देश के बाद औद्योगिक क्षेत्र में आक्सीजन की आपूर्ति बंद कर दी गई है जिसके कारण आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में बॉडी बिल्डिंग फेब्रिकेशन वेल्डिंग मेल्टिंग हीटिंग का काम करने वाली कंपनियों का उत्पादन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 04:49 PM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 07:51 PM (IST)
कोरोना काल में कंपनियों के आक्सीजन बंद, अब फूल रही सांसें; इन उद्योगों पर सबसे ज्यादा असर
आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में 1170 कंपनियां संचालित हैं।

 जमशेदपुर, निर्मल प्रसाद। आक्सीजन इन दिनों कोविड 19 मरीजों के लिए संजीवनी का काम कर रही है लेकिन सिक्के का दूसरा पहलू भी है। केंद्र सरकार के निर्देश के बाद औद्योगिक क्षेत्र में आक्सीजन की आपूर्ति बंद कर दी गई है जिसके कारण आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में बॉडी बिल्डिंग, फेब्रिकेशन, वेल्डिंग, मेल्टिंग, हीटिंग का काम करने वाली कंपनियों का उत्पादन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है।

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आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में 1170 कंपनियां संचालित हैं। इनमें से अधिकतर कंपनी टाटा मोटर्स पर निर्भर है जो उसके लिए फेब्रिकेशन, बॉडी बिल्डिंग सहित दूसरे काम करती है। इन कंपनियों के लिए आक्सीजन रॉ मटेरियल के समान है जिसकी मदद से कई उत्पादों को अलग-अलग आकार देने, हीटिंग व वेल्डिंग करने का काम किया जाता था। इन कंपनियों में प्रतिमाह सात क्यूबिक मीटर क्षमता वाले औसतन 300 से 1200 आक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति होती थी लेकिन एक माह से आक्सीजन की सप्लाई पूरी तरह से बंद है। इसका सीधा असर कंपनियों के उत्पादन पर पड़ रहा है। हालांकि टाटा स्टील सहित उन कंपनियों को इसमें कोई असर नहीं पड़ा है जिनके पास अपना आक्सीजन जनरेशन प्लांट है या आक्सीजन स्टोरेज की सुविधा है। लेकिन छोटी व मध्यम आकार वाली कंपनियों में वे सभी काम बंद कर दिए गए हैं जो आक्सीजन की मदद से होते थे। कंपनी मालिकों का कहना है कि यदि ऐसी स्थिति रही तो सूक्ष्य लघु व मध्यम उद्योगों को मरने से नहीं बचाया जा सकता है।

जिला प्रशासन जब्त कर चुका है सभी सिलेंडर

केंद्र सरकार की ओर से 13 अप्रैल को आए आदेश के बाद पूर्वी सिंहभूम व सरायकेला-खरसावां जिला प्रशासन ने औद्योगिक क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले सभी कॉमर्शियल सिलेंडरों को जब्त कर लिया है। प्रशासन ने सभी सिलेंडरों के नोजल को बदलकर अब इसका इस्तेमाल लिक्विड मेडिकल आक्सीजन की आपूर्ति कोविड सेंटरों में कर रही है।

झारखंड सरकार व जिला प्रशासन करे स्थिति का आकलन : सरयू राय

झारखंड सरकार और जिला प्रशासन को इस बात का आकलन करना चाहिए कि हमें कितनी आक्सीजन की आवश्यकता है। जिस तरह से आदित्यपुर औद्याेगिक क्षेत्र की कंपनियों से आक्सीजन सिलेंडर जमा कर लिया गया है इससे वहां के उद्योग धंधे बंद होने के कगार पर है। इसलिए प्रशासन को यह भी ध्यान देना चाहिए कि उतना ही आक्सीजन लें जितनी जरूरत है ताकि दूसरे उद्योग धंधे भी चलता रहे।

-सरयू राय, विधायक, जमशेदपुर पूर्वी

आक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने से गैस वेल्डिंग, हीटिंग सहित हैवी जॉब वाले काम हम नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि प्लाजमा कटिंग के दूसरे विकल्प है लेकिन कुछ काम बिना आक्सीजन के नहीं हो सकते।

-यशपाल गंभीर, संचालक, मेटालर्जी एंड ट्राइबोलॉजी सर्विसेज

ऑटो इंडस्ट्री में एक माह से आक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी गई है जिसके कारण हमारा उत्पादन प्रभावित हो रहा है। कई कंपनियों में फेब्रिकेशन, बॉडी बिल्डिंग सहित दूसरे काम नहीं हो पा रहे हैं।

-राजीव शुक्ला, संचालक, हिमालय इंटरप्राइजेज

मानव मूल्य सर्वोपरि है लेकिन हमारी चिंता कौन करेगा। आक्सीजन सप्लाई नहीं होने से हमारा उत्पादन प्रभावित हो रहा है जबकि आक्सीजन हमारे लिए रोज की जरूरत में उपयोग होने वाला उत्पाद है।

-रुपेश कतरियार, संचालक, टेक्नो मशीन फेब्रिकेशन

 


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