जमशेदपुर के 9 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिक तीन महीने से बैठे हैं बेरोजगार Jamshedpur News
जिला प्रशासन के पास 9979 श्रमिकों का आंकड़ा है जो कंपनियों-प्रतिष्ठानो में काम करने गए थे। इनमें से अब तक एक भी श्रमिक को जमशेदपुर या आसपास की किसी कंपनी में काम नहीं मिला।
जमशेदपुर (जासं) । लॉकडाउन में अप्रैल से ही प्रवासी श्रमिकों का लौटना शुरू हो गया था, जो मई तक जारी रहा। इस बीच पूर्वी सिंहभूम में करीब 11 हजार प्रवासी श्रमिक आए। जिला प्रशासन के पास 9979 श्रमिकों का आंकड़ा है, जो कंपनियों-प्रतिष्ठानो में काम करने गए थे। इनमें से अब तक एक भी श्रमिक को जमशेदपुर या आसपास की किसी कंपनी में काम नहीं मिला। वैसे जिला प्रशासन इन्हें राशन उपलब्ध करा रहा है, यह सुकून की बात है।
इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा की थी कि हम सभी प्रवासी श्रमिकों को यहीं रोजगार उपलब्ध कराएंगे। जिसका जैसा हुनर होगा, काम मिलेगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने भी अथक प्रयास किया। इसके बावजूद किसी श्रमिक को काम नहीं मिल सका। लॉकडाउन में टाटा मोटर्स के साथ आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियां भी खुल गईं, लेकिन उत्पादन 25-30 फीसद से नहीं बढ़ रहा है।
सिंहभूम चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष अशोक भालोटिया कहते हैं कि हमारी कंपनियां ही ठीक से नहीं चल रही हैं, तो नए लोगों को काम कहां से दें। वैसे भी प्रवासी श्रमिकों में यहां की कंपनियों के लायक हुनर नहीं है।उधर, राज्य के अन्य जिलों से वापस दूसरे राज्यों में काम पर लौटने की बात सामने आ रही है, लेकिन पूर्वी सिंहभूम में ऐसा नहीं हो रहा है। अब तक उपश्रमायुक्त कार्यालय में बाहर जाने के लिए ना किसी श्रमिक ने निबंधन कराया है, ना किसी ठेकेदार ने। इससे स्पष्ट है कि जिले के प्रवासी श्रमिक अभी यहीं रोजगार के इंतजार में बैठे हैं। 17 अगस्त को उपायुक्त ने कारपोरेट कंपनियों के साथ बैठक बुलाई थी, जिसमें उनसे प्रवासी श्रमिकों को काम देने को कहा था। हालांकि अभी तक इसका परिणाम सामने नहीं आया है।
प्रवासी श्रमिक : 9979
कुशल : 1622
अद्र्धकुशल : 1486
अकुशल : 5390
खेतिहर श्रमिक : 1481
श्रम विभाग में निबंधित
असंगठित क्षेत्र : 1786
भवन निर्माण : 627