कमिंस यूनियन की आपसी विवाद में कमजोर हो गया संगठन Jamshedpur News
टाटा कमिंस में यूनियन का आपसी विवाद से संगठन कमजोर हो गया है। यूनियन के बतौर अध्यक्ष स्व. राजेंद्र प्रसाद सिंह के निधन के साथ ही विवाद चरम पर पहुंच गया। इसका खामियाजा पहले नेताओं को उठना पड़ा अब कर्मचारियों को भी सहना पड़ रहा है।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता) । टाटा कमिंस में यूनियन का आपसी विवाद से संगठन कमजोर हो गया है। यूनियन के बतौर अध्यक्ष स्व. राजेंद्र प्रसाद सिंह के निधन के साथ ही विवाद चरम पर पहुंच गया। इसका खामियाजा पहले नेताओं को उठना पड़ा, अब कर्मचारियों को भी सहना पड़ रहा है। मजदूर हित की बातों को उठाने वाला कोई नहीं है। कंपनी के सामने जोरदार तरीके से आवाज उठाने वाले चिन्हित किए जाते हैं तो फिर उन पर प्रबंधन नकेल कसना भी शुरू कर देता है। हाल ही में एक नेता जी ने कैंटीन की व्यवस्था पर अंगुली उठाई तो उन्हें शोकॉज मिल गया है। ऐसे में नेताओं पर प्रबंधन जब नकेल कस देता है तो आम मजदूर की कौन सुनेगा। इसी डर से कोई अब बोलने वाला नहीं है।
यूनियन के महामंत्री अरुण सिंह के समय में प्रबंधन के साथ जोरदार तरीके से बात उठाई जाती थी, उनके काल में एक बार लाइन भी बंद कराया गया। उसके बाद कंपनी के बाहर आपस में मारपीट हुई, जिसमें अरुण सिंह को बर्खास्त किया गया है। वहीं उसी मामले में अन्य तीन नेताओं को निलंबित करके कुछ दिन बाद उन्हें वापस बुलाया लिया गया। यूनियन की आपसी विवाद में अरुण सिंह की नौकरी चली गई है, अब कोई भी नेता प्रबंधन के समक्ष जोरदार ढ़ंग से मजदूर हित की बातें भी नहीं उठा रहे हैं। कौन बनेगा प्रबंधन का कोपभाजन, इसी सोंच की वजह से सब अब समय ही पार कर रहे हैं। हाल में हुए बोनस समझौते में ही यूनियन का दो खेमा बन गया। यूनियन के १८ कार्यकारिणी में आठ ने हस्ताक्षर किया, जबकि दस ने बोनस का विरोध किया। बावजूद कर्मचारियों के बैंक खाते में बोनस राशि भेजी गई।