बाजार समितियों पर टैक्स लगने का होने लगा विरोध Jamshedpur News
पिछली सरकार ने टैक्स को कर दिया था समाप्त कह रहे व्यापारी- टैक्स लगाने से बढ़ जाएंगे अनाज के भाव।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। राज्य की कृषि बाजार समितियों को पुराने फार्मूले से चलाने को लेकर सरकार के स्तर पर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। जल्द ही झारखंड की बाजार समितियों में टैक्स लगना आरंभ हो सकता हैं। टैक्स लगते ही सख्ती भी बढ़ेगी।
हालांकि टैक्स लगाने का व्यापारी संगठन विरोध कर रहे हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम को लेकर लगाए गए लॉकडाउन से सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ा हैं। बोझ को कुछ हद तक कम करने के साथ ही बाजार समितियों के विकास को लेकर सरकार टैक्स लगाने पर विचार कर चुकी हैं। सरकार का मानना हैं कि टैक्स लगते ही सरकारी राजस्व में बढ़ौत्तरी होगी।
मालूम हो कि बाजार समितियों में लगने वाला एक प्रतिशत टैक्स को पिछली सरकार ने 2015 में समाप्त कर दिया था। इधर व्यापारी संगठनों का मानना है कि टैक्स लगते ही अनाज के भाव बढ़ेगें जिसका सीधा भार आम जनता पर तो पड़ेगा ही अफसरशाही को बढ़ावा मिलेगा।
व्यापारियों के बोल
टैक्स लगते ही अनाज के भाव में तेजी आएगी। कोरोना के कहर से व्यापार ऐसे ही चौपत हो चुका हैं ऊपर से टैक्स लगते ही व्यापारियों को और झटका लगेगा। इसका खामियाजा आम जनता को भी उठाना पड़ेगा।
करण ओझा, कारोबारी
अभी व्यापारी अनाज सुविधा के हिसाब से अपने स्थान पर उतार रहे हैं। टैक्स लगते ही अनाज को मंडी में लाना अनिवार्य हो जाएगा साथ ही अफसरशाही को बढ़ावा मिलेगा।
भीमसेन शर्मा, कारोबारी