Move to Jagran APP

Opportunity For Tribals : आदिवासी युवाओं को टाटा स्टील से जुड़ने का है बेहतरीन मौका, जानिए तो सही

Opportunity For Tribals Youth. टाटा समूह की सभी कंपनियों में इनफॉर्मेटिक एक्शन प्लान के तहत काम हो रहा है। इस योजना का उद्देश्य अधिक से अधिक आदिवासी उद्यमियों को कंपनी के साथ जोड़ना है। जमशेदपुर शहर के आदिवासियों के पास बेहतरीन मौका है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 20 Mar 2021 02:00 PM (IST)Updated: Sat, 20 Mar 2021 02:37 PM (IST)
Opportunity For Tribals : आदिवासी युवाओं को टाटा स्टील से जुड़ने का है बेहतरीन मौका, जानिए तो सही
योजना का लाभ उठाकर कंपनी के साथ वेंडर पार्टनरशिप के माध्यम से जुड़ सकते हैं।

जमशेदपुर, जासं। Opportunity For Tribals Youth टाटा समूह की सभी कंपनियों में इनफॉर्मेटिक एक्शन प्लान के तहत काम हो रहा है। इस योजना का उद्देश्य अधिक से अधिक आदिवासी उद्यमियों को कंपनी के साथ जोड़ना है। जमशेदपुर शहर के आदिवासियों के पास बेहतरीन मौका है कि वह इस योजना का लाभ उठाकर कंपनी के साथ वेंडर पार्टनरशिप के माध्यम से जुड़ सकते हैं।

loksabha election banner

यह कहना है टाटा स्टील अर्बन सर्विसेस हेड जीरेंन टोप्प्नो का। सोनारी स्थित ट्राईबल कल्चर सेंटर में झारखंड सरकार के उद्योग विभाग, झारखंड इंडस्ट्रियल इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट, एसटीएससी हब और ट्राइबल इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय स्पेशल डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है। इसे संबोधित करते हुए जीरेन ने यह बात कही। उन्होंने बताया कि टाटा स्टील आदिवासी ग्रामीण क्षेत्रों में पांच मुख्य एरिया में काम कर रही है। इसमें शिक्षा, उधमिता और नियोजन सहित अन्य है। उन्होंने बताया कि आदिवासी युवा केवल माल सप्लाई या आपूर्ति के माध्यम से ही कंपनी से नहीं जुड़ सकते। वे चाहे तो कंपनी के तहत कई सारी योजनाओं में भी शामिल होकर वेंडर बन सकते हैं।

केंद्र सरकार की पहल का है फायदा

उन्होंने बताया कि आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए टाटा स्टील कार्यरत है। यदि कोई आदिवासी चाहें तो वे कला के क्षेत्र में भी अपना योगदान देते हुए वेंडर बन सकते हैं। इस मौके पर हाईको इंडस्ट्री के सीईओ सह एमडी व सीआईआई के वाइस चेयरमैन तापस साहू ने भी संबोधित किया। उन्होंने बताया कि सीआईआई के माध्यम से भी आदिवासी युवा झारखंड में संचालित कंपनियों में वेंडर बनकर अपनी सेवा दे सकते हैं। इसके लिए उन्हें पहले खुद को रजिस्ट्रेशन करना होगा। उन्हें तय करना होगा कि वह इस क्षेत्र में अपनी सेवा देना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की प्रोक्योरमेंट पॉलिसी के तहत अब यह अनिवार्य हो चुका है कि कंपनियों को अपने कुल प्रक्रमण का 4 प्रतिशत आदिवासी उद्यमियों से खरीदना है। इस मौके पर टाटा पावर आरएसडी इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट सहित कई कंपनियों ने अपने यहां संचालित योजनाओं की जानकारी आदिवासी युवाओं को दी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.