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Chaibasa Education: ये हाल है, जगन्नाथपुर प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय में सिर्फ एक शिक्षक

विद्यालय तीन साल से शिक्षकों के साथ- साथ अन्य संसाधनों का अभाव झेल रहा है। यह विद्यालय है जगन्नाथपुर प्रखंड मुख्यालय का जिसकी स्थापना वर्ष 1981-82 में हुई थी। विद्यालय में स्वीकृत शिक्षक पद 9 है पर एक शिक्षक ही पदस्थापत हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 03:00 PM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 03:00 PM (IST)
Chaibasa Education: ये हाल है, जगन्नाथपुर प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय में सिर्फ एक शिक्षक
जगन्नाथपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय।

बिशाल गोप, जगन्नाथपुर : नाम है प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय पर यहां पिछले लगभग तीन वर्ष से एक भी महिला शिक्षिका पदस्थापित नहीं हैं। या यूं कहे कि विद्यालय तीन साल से शिक्षकों के साथ- साथ अन्य संसाधनों का अभाव झेल रहा है। यह विद्यालय है जगन्नाथपुर प्रखंड मुख्यालय का जिसकी स्थापना वर्ष 1981-82 में हुई थी। विद्यालय में स्वीकृत शिक्षक पद 9 है, पर विद्यालय के प्राचार्य श्रीकांत चौबे के सेवानिवृत्त होने के बाद से अब तक यहां शिक्षकों का घोर अभाव हो गया है। चौबे के सेवानिवृत के बाद विभाग ने मध्य विद्यालय काकुईता के शिक्षक उपेंद्र कुमार की प्रतिनियुक्त कर प्राेजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय का प्रभारी प्राचार्य बना दिया था।

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किसी तरह एक साल तक इस विद्यालय का प्रभारी प्रचार्य ने संचालन किया। फिर उन्हें मूल विद्यालय भेज दिया गया। इस विद्यालय में वर्तमान में एक शिक्षक विधुत नायक पदस्थापित हैं। साथ ही प्राचार्य की जिम्मेदारी भी नायक के ही जिम्मे है। नायक की नियुक्ति वर्ष 2019 में हुई है। तब से लेकर अभी तक मात्र एक शिक्षक, एक लिपिक और दो अनुसेवक के भरोसे यह विद्यालय चल रहा है। इससे पहले मध्य विद्यालय स्तर के दो शिक्षक की भी यहां प्रतिनियुक्ति हुई थी पर लगभग साल भर के बाद फिर से उन्हें मूल विद्यालय में बुला लिया गया है। अब यह विद्यालय पिछले तीन साल से मात्र एक शिक्षक के भरोसे है। विद्यालय में कक्षा नवम और दशम की पढ़ाई होती है। विद्यालय में वर्तमान समय 104 बालिका नामांकित है। इनमें से 74 बालिका इस सत्र के नव नामांकित बालिका हैं। विद्यालय में सिर्फ शिक्षक का अभाव ही नही अन्य मूलभूत संसाधनों की भी कमी है। ताजुब्ब की बात है कि विद्यालय का अपना शौचालय नहीं है। चापाकल है, पर उसका पानी भी पीने लायक नहीं है। छात्राओं को विद्यालय परिसर स्थित बालिका आदिवासी कल्याण छात्रावास के शौचालय व सोलर आधारित जलमीनार पर निर्भर रहना पड़ता है।

बनाया जाता मैट्रिक व इंटर का परीक्षा केंद्र

प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय को मैट्रिक और इंटर की वार्षिक परीक्षा का प्रत्येक वर्ष केंद्र भी बनाया जाता है। भूगोल विषय के शिक्षक विधुत नायक पदस्थापित हैं पर जरुरत के अनुसार सभी विषयों को पढाते हैं। साथ ही विद्यालय के लिपिक इंदुभूषण कुमार भी कभी - कभी कक्षा का संचालन कर छात्राओं का भविष्य सवांरने में लगे हुए हैं। यहां के शिक्षक व लिपिक से इन समस्याओं के बारे पूछे जाने पर उनका कहना है कि समय- समय पर यहां की समस्याओं से विभाग को अवगत कराया जाता है। विभाग ने जो भी संसाधन उपलब्ध कराया है उन्ही संसाधनों से ही बेतहर सेवा देने का प्रयास हमेशा होता रहा है। शिक्षक की कमी के कारण नामांकित छात्रों का पठन पाठन व कोर्स को पूरा करवाने में काफी चुनौतियां सामने रहती हैं। भाजपा के विशेष आमंत्रित सदस्य मंजित कोड़ा ने बताया कि विद्यालय में शिक्षकों की कमी को लेकर अनुमंडल पदाधिकारि व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को लगभग एक माह पहले मांग पत्र दिया गया था। वाकई में यहां शिक्षकों की घोर कमी है। विषयवार यहां शिक्षक नहीं हैं। शिक्षकों के कमी को लेकर क्षेत्र के अभिभावक अपने बच्चियों को इस विधालय में नामांकन करवाने से कतराते हैं। बड़ी चुनौतियों के साथ विद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी तथा समाजिक कार्यकर्त्ताओं के सहयोग से बच्चियों का नामांकन इस सत्र में बेहतर हो पाता है।


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