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यहां सिर्फ ओलंपियन पैदा होते हैं, लिंबा राम से लेकर दीपिका कुमारी तक यहीं से सीखा तीरंदाजी का ककहरा

जी हांए यहां सिर्फ ओलंपियन पैदा होते हैं। नाम है टाटा तीरंदाजी अकादमी। लिंबा राम हो या दीपिका कुमारी डोला बनर्जी हो या अतानु दास सभी ने यहीं से तीरंदाजी का ककहरा सीखा। कोमलिका बारी व अंकिता भकत भविष्य की तीरंदाज है जो इसी अकादमी की कैडेट है।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 04:06 PM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 04:06 PM (IST)
यहां सिर्फ ओलंपियन पैदा होते हैं, लिंबा राम से लेकर दीपिका कुमारी तक यहीं से सीखा तीरंदाजी का ककहरा
टाटा आर्चरी एकेडमी ने देश को एक से बढकर एक तीरंदाज दिए।

जितेंद्र सिंह, जमशेदपुर । टोक्यो ओलंपिक में तीरंदाजी की बात हो और टाटा तीरंदाजी अकादमी की चर्चा नहीं हो, ऐसा हो नहीं सकता। टाटा तीरंदाजी अकादमी को भारतीय तीरंदाजी का नर्सरी कहा जाता है। अभी तक इस अकादमी ने लिंबा राम से लेकर दीपिका कुमारी तक कई प्रतिभाशाली धनुर्धर दिए हैं। सफलता के इस सफर को आगे बढ़ाने के लिए विश्व यूथ तीरंदाजी की पूर्व चैंपियन कोमलिका बारी व अंकिता भकत भी तैयार है। हाल ही में पेरिस विश्वकप तीरंदाजी की टीम स्पर्धा में दीपिका, कोमलिका व अंकिता भकत ने स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया था।

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इस अकादमी ने स्वर्णपरी कही जाने वाली स्वर्णपरी दीपिका कुमारी, डोला बनर्जी, राहुल बनर्जी, रीना कुमारी, लालरेम सांगा, सत्यदेव प्रसाद, वी परिणीता, जयंत तालुकदार, चेक्रोवालू स्वूरो जैसे ओलंपियन तीरंदाज दिए हैं। अकादमी की स्थापना में महती भूमिका निभाने वाले अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षक संजीव सिंह, पूर्णिमा महतो व धर्मेंद्र तिवारी को द्रोणाचार्य पुरस्कार भी मिल चुका है।

1996 में हुई थी अकादमी की स्थापना

जमशेदपुर में टाटा तीरंदाजी अकादमी की स्थापना चार अक्टूबर 1996 को टाटा स्टील के तत्कालीन प्रबंध निदेशक डॉ. जेजे ईरानी ने की थी। लिंबाराम ने अकादमी को अंतरराष्ट्रीय राह दिखाई। 1989 में लिम्बा राम ने एशियन चैंपियनशिप में व्यक्तिगत स्पर्धा में रजत पदक और टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। 25 साल में इस अकादमी ने अबतक 100 से अधिक अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज दिए हैं।

दीपिका कुमारी

टोक्यो ओलंपिक से बाहर हो चुकी दीपिका कुमारी किसी पहचान की मोहताज नहीं है। टोक्यो ओलंपिक के पहले वह 2012 लंदन ओलंपिक व 2016 रियो ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी है। दीपिका ने पहली बार 2006 में मेक्सिको में आयोजित विश्व चैंपियनशिप की एकल स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल किया। दीपिका कुमारी ऐसा करने वाली दूसरी भारतीय थीं। इसी स्पर्धा के बाद पहली बार वह विश्व की नंबर वन तीरंदाज बनी। नई दिल्ली में आयोजित 2010 कॉमनवेल्थ खेलों में महिला एकल और टीम के साथ दो स्वर्ण हासिल किये। फिर इस्तांबुल में 2011 में और टोक्यो में 2012 में एकल खेलों में रजत पदक जीता।

अतनु दास

कोलकाता के रहनेवाले अतानु दास 14 साल की उम्र में ही टाटा तीरंदाजी अकादमी से जुड़ गए। 2011 में कोरिया के कोच लिम चाओ वोंग की ट्रेनिंग में अतानु दास एक होनहार तीरंदाज के रूप में छा गए और पोलैंड के लेगिका में आयोजित विश्व युवा चैंपियनशिप पुरुष टीम स्पर्धा में रजत पदक जीता। उसी वर्ष ढाका में तीसरे एशियाई ग्रां प्री में उन्होंने व्यक्तिगत और मिश्रित टीम स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीत अपनी काबिलियत साबित की। 2016 में पहली बार दीपिका कुमारी के पति अतनु दास को रियो ओलंपिक में खेलने का मौका मिला। टोक्यो ओलंपिक की टीम व व्यक्तिगत व मिश्रित स्पर्धा में अतनु को निराशा हाथ लगी।

लिंबा राम

लिंबा राम पहले तीरंदाज थे, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय तीरंदाजी फलक पर न सिर्फ भारत का नाम रोशन किया, बल्कि टाटा तीरंदाजी अकादमी को भी नई पहचान दी। लिंबा राम ने 1989 में भारतीय तीरंदाज लिम्बा राम ने एशियन चैंपियनशिप में व्यक्तिगत स्पर्धा में रजत पदक व टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। पद्मश्री से सम्मानित लिंबा राम ने 1989 में सियोल ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। 1995 में बीजिंग में आयोजित एशिया कप तीरंदाजी की टीम स्पर्धा में स्वर्ण व व्यक्तिगत स्पर्धा में रजत जीतने वाले वाले लिंबा राम ने 1995 में नई दिल्ली में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स तीरंदाजी में भी दो पदक अपने नाम किए थे।

संजीव सिंह

टाटा तीरंदाजी अकादमी की स्थापना में अहम भूमिका निभाने वाले संजीव सिंह ने एशियाई चैंपियनशिप में व फेडरेशन कप तीरंदाजी में स्वर्ण हासिल कर अपनी काबिलियत साबित की। उन्हें 1992 में अर्जुन पुरस्कार व 2007 में द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

 

डोला बनर्जी

डोला बनर्जी ने 2004 की एथेंस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। वह 13वें स्थान पर रही थी। डोला अगस्त 2007 में डोवर (इंग्लैंड) तथा दुबई में आयोजित विश्व कप तीरंदाजी में भी स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। 2005 अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित डोला ने 2008 में बीजिंग ओलंपिक में भी भाग लिया था। रेलवे में सेवा दे रही डोला फिलहाल झाडग्राम में बंगाल सरकार की तीरंदाजी अकादमी में बच्चों को प्रशिक्षित कर रहीं हैं।

राहुल बनर्जी

डोला बनर्जी की तरह भाई राहुल बनर्जी ने भी लंदन ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। कई विश्वकप में स्वर्ण जीतने वाले राहुल बनर्जी ने 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स में भी अपनी काबिलियत साबित की थी। फिलहाल राहुल बनर्जी झाडग्राम में बंगाल सरकार की तीरंदाजी अकादमी में बहन डोला बनर्जी के साथ बच्चों को प्रशिक्षित कर रहे हैं।

जयंत तालुकदार

वर्ष 2015 में दीपिका के साथ विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप की मिश्रित स्पर्धा में स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाने वाले जयंत तालुकदार लंदन ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया था। 2009 में विश्व का नंबर वन तीरंदाज का तमगा हासिल करने वाले जयंत पहले भारतीय थे, जिन्होंने 2006 में फिटा मेटेकसन विश्व कप का खिताब हासिल किया था। इसी वर्ष द. एशियाई तीरंदाजी में जयंत ने स्वर्ण जीता था।

अब अंकिता व कोमलिका पर नजर

टाटा तीरंदाजी अकादमी के स्वर्णिम सफर को आगे बढ़ाने के लिए कोमालिका बारी व अंकिता भकत तैयार हैं। 2019 में कोमलिका ने विश्व युवा तीरंदाजी चैंपियनशिप की रिकर्व रिकर्व कैडेट वर्ग के एकतरफा फाइनल में जापान की उच्च रैंकिंग वाली सोनोदा वाका को हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया था। 17 साल की खिलाड़ी कोमालिका अंडर-18 वर्ग में विश्व चैंपियन बनने वाली भारत की दूसरी तीरंदाज बनीं। उनसे पहले दीपिका कुमारी ने 2009 में यह खिताब जीता था।


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