Ramdhari Singh Dinkar Death Anniversary: राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 48 वीं पुण्यतिथि पर ऑनलाइन वेबिनार
Ramdhari Singh Dinkar death anniversary जमशेदपुर के ग्रेजुएट कॉलेज के हिन्दी विभाग सेमेस्टर 5 की छात्राओं के द्वारा राष्ट्कवि रामधारी सिंह दिनकर की 48 वी पुण्यतिथि पर एक वेबिनार संगोष्ठी कर उन्हें भावांजलि अर्पित की गइ। वक्ताआें ने दिनकर के योगदान को याद किया।
जमशेदपुर, जासं। जमशेदपु के ग्रेजुएट कॉलेज के हिन्दी विभाग के सेमेस्टर 5 की छात्राओं के द्वारा राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 48 वीं पुण्यतिथि पर एक वेबिनार संगोष्ठी कर उन्हें भावांजलि अर्पित की गइ। इस मौके पर वक्ताआें ने दिनकर के देश निर्माण में योगदान को याद किया।
इस वेबिनार में मुख्यवक्ता के रुप में विचार रखते हुए कॉलेज के हिंदी विभाग के शिक्षक राकेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि दिनकर साहित्य में आम आदमी के प्रवक्ता थे। अपने काव्यों में एक आेर जहां राष्ट्रीय एकता का बोध कराते हैं तो दूसरी और ऐतिहासिक तथा धार्मिक पात्रों को लेकर वर्तमान समय की बात भी करते हैं। 'कुरूक्षेत्र' में जहां लोभ और स्वार्थ से उपजे युद्ध के भयंकर परिणाम की आेर इशारा करते हैं तथा एक स्तर पर जाकर युद्ध को आवश्यक बताते हैं, वहीं 'रश्मिरथी' में जातिवाद पर प्रहार कर योग्यता की वकालत करते हुए दिखलाई देते हैं। संसद से सड़क तक हिन्दी के अपमान पर अपनी बात रखते हैं तो राजनीति और साहित्य के रिश्ते को स्पष्ट करते हुए दिखलायी देते हैं। प्रो. पाण्डेय ने कहा कि दिनकर निडर और स्पष्टवादी व्यक्तित्व के धनी थे जिन्होंने हर तरह की कविता और लेख लिखे।
इन्होंने भी रखे विचार
संगोष्ठी में प्रियंका कुमारी, और जया सिंह ने उनकी कविता का पाठ किया। लक्ष्मी कुमारी, रश्मि श्रीवास्तव, पूजा सिंह और सोनाली ने उनके जीवन के कुछ पहलुओं पर अपने विचार रखे। कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि दिनकर जिस माटी में पैदा हुए वह अविभाजित बिहार था। हम उसकी के अंश हैं। संगोष्ठी में, काजल चौहान, निशा कुमारी, विद्या कालिंदी, प्रीति कुमारी, सुमन, कोमल, ज्योति अंजली राज इत्यादि विद्यार्थी प्रमुख रुप से सहभागिता की।