Health Tips: एक ऐसी चीज, जिससे अपने आप समाप्त हो जाएंगे शरीर के सभी रोग, ये रही आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञ सीमा पांडेय की सलाह
एक ही चीज के खाने से शरीर के सभी रोग समाप्त हो सकते हैं। डायबिटीज कैंसर हार्ट ब्लड प्रेशर जोड़ों का दर्द पेशाब के रोग आस्टियोपोरोसिस सोरायसिस यूरिक एसिड गठिया थायराइड गैस बदहजमी दस्त हैजा थकान किडनी के रोग पथरी समेत अन्य कई प्रकार के जटिल रोग।
जमशेदपुर, जासं। यूं तो हर बीमारी की अलग-अलग दवा होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ही चीज से शरीर के सभी रोग समाप्त हो सकते हैं। डायबिटीज, कैंसर, हार्ट, ब्लड प्रेशर, जोड़ों का दर्द, पेशाब के रोग, आस्टियोपोरोसिस, सोरायसिस, यूरिक एसिड, गठिया, थायराइड, गैस, बदहजमी, दस्त, हैजा, थकान, किडनी के रोग, पथरी समेत अन्य कई प्रकार के जटिल रोग।
जमशेदपुर शहर की आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञ सीमा पांडेय बताती हैं कि इन सबको सही करने का सबसे सही और सस्ता प्रयोग है शरीर को एल्कलाइन कर लेना। इसके लिए पहले यह जानना जरूरी है कि आपके शरीर का पीएच लेवल क्या है। हमारे शरीर में अलग अलग तरह के द्रव्य पाए जाते हैं, उन सबकी पीएच अलग-अलग होती है। शरीर का सामान्य पीएच 7.35 से 7.41 तक होता है। 7 पीएच न्यूट्रल माना जाता है, यानी ना एसिडिक और ना ही एल्कलाइन। यदि पीएच 7 से 1 की ओर जाती है तो समझो एसिडिटी यानी अम्लता बढ़ रही है, और 7 से 14 की तरफ जाएगी तो एल्कलाइन या क्षारीयता बढ़ रही है। अगर हम अपने शरीर के अंदर पाए जाने वाले विभिन्न द्रव्यों की पीएच को एल्कलाइन की तरफ लेकर जाते हैं, तो हम बहुत सारी बीमारियों के मूल कारण को हटा सकते हैं, और उनको हमेशा के लिए ठीक कर सकते हैं।
कैंसर
सभी तरह के कैंसर सिर्फ एसिडिक मामले में ही पनपते हैं। क्योंकि कैंसर की कोशिका में शुगर का ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में फर्मेंटेशन होता है, जिससे अंतिम उत्पाद के रूप में लैक्टिक एसिड बनता है और यही लैक्टिक एसिड एसिडिक स्थिति पैदा करता है। इससे एसिडिटी बढती जाती है और कैंसर की ग्रोथ बढती जाती है। हम सभी जानते हैं कि कैंसर होने का मूल कारण यही है के कोशिकाओं में ऑक्सीजन बहुत कम मात्रा में और ना के बराबर पहुंचती है। वहां मौजूद ग्लूकोज लैक्टिक एसिड में बदलना शुरू हो जाता है।
गठिया
गठिया रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से होता है, जिससे रक्त एसिडिक होना शुरू हो जाता है, जितना ब्लड अधिक एसिडिक होगा, उतना ही यूरिक एसिड उसमे ज्यादा जमा होना शुरू हो जाएगा। अगर हम ऐसी डाइट खाएं जिससे हमारा पेशाब एल्कलाइन हो जाए तो ये बढ़ा हुआ यूरिक एसिड एल्कलाइन यूरिन में आसानी से बाहर निकल जाएगा।
यूटीआई
यूटीआई को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन कहते हैं। इसमें मुख्य रोग कारक जो बैक्टीरिया है वो ई-कोली है। यह बैक्टीरिया एसिडिक वातावरण में ही ज्यादा पनपता है। इसके अलावा कैंडिडा एलबिकेंस नामक फंगस भी एसिडिक वातावरण में ही ज्यादा पनपता है। इसीलिए यूटीआई तभी होता है, जब पेशाब की पीएच अधिक एसिडिक हो।
किडनी
किडनी की समस्या मुख्यतः एसिडिक वातावरण में ही होती है, अगर किडनी का पीएच हम एल्कलाइन कर देंगे तो किडनी से संबंधित कोई भी रोग नहीं होगा। क्रिएटिनिन, यूरिक एसिड, पथरी इत्यादि समस्या नहीं होंगी।
पीएच लेवल कैसे बढ़ाएं
अमूमन हम जो भी भोजन कर रहे हैं, वो 90 प्रतिशत तक एसिडिक ही है। फिर हमारा सवाल होता है कि हम सही क्यों नहीं हो रहे? या फिर कहते हैं कि हमने ढेरों इलाज कराया, मगर आराम अभी तक नहीं आया। बहुत दवा खाई, मगर फिर भी आराम नहीं हो रहा। तो उन सबका मुख्य कारण यही है कि उनका पीएच लेवल कम हो जाना अर्थात एसिडिक हो जाना। आज हम इसी विषय पर बात करेंगे कि कैसे हम अपना पीएच लेवल बढ़ाएं और इन बीमारियों से मुक्ति पाएं।
इन सभी एल्कलाइन या क्षारीय खाद्य पदार्थो का सेवन नित्य करें
सेब, खुबानी, ऐवोकैडो, केले, जामुन, चेरी, खजूर, अंजीर, अंगूर, अमरुद, नींबू, आम, जैतून, नारंगी, संतरा, पपीता, आड़ू, नासपाती, अनानास, अनार, खरबूजे, किशमिश, इमली, टमाटर इत्यादि फल। इसके अलावा तुलसी, सेंधा नमक, अजवायन, दालचीनी, बाजरा इत्यादि।
सफेद नमक घातक, सेंधा नमक खाएं
आज सभी घरों में कंपनियों का पैकेट वाला आयोडीन सफेद नमक प्रयोग हो रहा है, ये धीमा ज़हर है। यह अम्लीय (एसिडिक) होता है और इसमें सामान्य से आयोडीन की अधिक मात्रा भी होती है, जो शरीर के लिए अत्यंत घातक है। इस नमक से हृदय रोग, थाइराइड, कैंसर, लकवा, नपुंसकता, मोटापा, एसिडिटी, मधुमेह, किडनी रोग, लीवर रोग, बाल झड़ना, दृष्टि कम होना जैसे अनेको रोग कम आयु से बड़े आयु तक के सभी घर के सदस्यों को हो रहे हैं। जो पैकेट नमक के प्रयोग से पूर्व कभी नहीं होते थे। इसके विकल्प के रूप में आज से ही सेंधा नमक का प्रयोग शुरू कर दीजिए। यह पूरी तरह से प्राकृतिक और क्षारीय होता है और आयोडीन भी सामान्य मात्रा में होता है। अन्यथा आपके सारे उपचार असफल सिद्ध होते रहेंगे, क्योंकि हर भोजन को सफेद नमक ज़हरीला बना देगा, चाहे कितनी अच्छी सब्जी क्यों न बनाएं आप।
क्षारीय जल पीएं
निरोग रहने के लिए क्षारीय जल या एल्कलाइन वाटर जरूर पीना है। इसके लिए एक नींबू, 25 ग्राम खीरा, 5 ग्राम अदरक, 21 पुदीने की पत्तियां, 21 तुलसी के पत्ते, आधा चम्मच सेंधा नमक, चुटकी भर मीठा सोडा। इन सभी चीजों को लेकर पहले छोटे छोटे टुकड़ों में काट लें। नींबू छिलके सहित काटने की कोशिश करें। एक कांच के बर्तन में इन सब चीजों को डाल दें और इसमें डेढ़ गिलास पानी डाल दें। पूरी रात इस पानी को ढक कर पड़ा रहने दें। सुबह उठ कर शौच जाने के बाद खाली पेट सब से पहले इसी को छान कर पीना है। छानने से पहले इन सभी चीजों को हाथों से अच्छे से मसल लें और फिर इसको छान कर पी लें। फिर चमत्कार होते देखिए।
एल्कलाइन के लिए दूसरी विधि
एक लौकी जिसे दूधी भी कहा जाता हैं का जूस एक गिलास लें। इसमें 5-5 पत्ते तुलसी और पुदीने के डालिए। इसमें सेंधा नमक या काला नमक डाल कर पीएं। ध्यान रहे, इनको सुबह खाली पेट ही पीना है, अर्थात इनसे पहले कुछ भी खाना पीना नहीं है। इनको पीने के बाद एक घंटे तक कुछ भी खाना पीना नहीं है।
सावधानी
चाय, कॉफ़ी, चीनी, पैकेट वाला सफेद नमक ये सब ज़हर के समान है, अगर आप किसी रोग से ग्रस्त हैं तो सबसे पहले आपको इनको छोड़ना होगा, और इसके साथ ऊपर बताए गए फल सब्जियां कच्चा ही सेवन करें।