एक आदेश से इंकैब के 800 कर्मचारियों की नौकरियां समाप्त Jamshedpur News
एनसीएलटी की कोलकाता बेंच ने इंकैब इंडस्ट्री को दिवालिया घोषित कर रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल को कंपनी को नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दे दिया है।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। इंकैब इंडस्ट्रीज मामले में छह फरवरी को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) को आए आदेश के साथ ही कंपनी में कार्यरत 800 कर्मचारियों की नौकरियां समाप्त हो गई।
एनसीएलटी की कोलकाता बेंच ने इंकैब इंडस्ट्री को दिवालिया घोषित कर रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल को कंपनी को नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दे दिया है। इस आदेश के साथ ही कंपनी में कार्यरत लगभग 800 स्थायी कर्मचारी व लगभग 50 अधिकारी की नौकरियां समाप्त हो गई। कंपनी बंद होने के बाद यहां तैनात इंचार्ज प्रेम सागर सिंह सहित यूनियन के सभी पदाधिकारियों की नौकरियां भी समाप्त हो गई।
मुआवजे पर संशय कायम
कोर्ट के आदेश के बाद एक झटके से सभी कर्मचारियों की नौकरियां तो समाप्त हो गई। लेकिन कर्मचारियों को नौकरी के बदले में क्या मिलेगी? इसे लेकर कर्मचारियों में संशय है। सभी कर्मचारी अलग-अलग व्याख्या कर एक-दूसरे को दिलासा दे रहे हैं।
कुछ का कहना है कि कंपनी का क्लोजर नहीं हुआ था। कर्मचारी पिछले 20 वर्षो से पे-रोल पर थे। ऐसे में एनसीएलटी के प्रावधानों के तहत उन्हें 20 माह का बेसिक डीए मिलेगा तो कुछ का कहना है कि दिवालिया होने पर कंपनी की ओर से सरकारी प्रावधानों के तहत 48 दिनों का ही वेतन मिलता है। हालांकि कर्मचारियों को कंपनी से अपना बकाया लेनदारी क्लेम करने के लिए छह मार्च तक का समय दिया गया है।
निजी एजेंसी के हाथों में कंपनी की सुरक्षा की जिम्मेदारी
आरपी शशि अग्रवाल की प्रतिनियुक्ति के बाद ही इंकैब की सुरक्षा निजी सुरक्षा एजेंसी ओबिडिएंट को दे दी गई है। पहले कंपनी के सिक्योरिटी के जवान ही इसकी सुरक्षा में मुस्तैद रहते थे।