Move to Jagran APP

Tata Steel में ग्रेड रिवीजन समझौते के बावजूद कुछ नहीं बोलना चाहते ऑफिस बियरर Jamshedpur News

टाटा स्टील में ग्रेड रिवीजन समझौते के बाद भी कोई यूनियन पदाधिकारी इसे भला-बुरा बताने से परहेज कर रहा है। दरअसल इसकी खास वजह है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 01:50 PM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 01:50 PM (IST)
Tata Steel में ग्रेड रिवीजन समझौते के बावजूद कुछ नहीं बोलना चाहते ऑफिस बियरर Jamshedpur News
Tata Steel में ग्रेड रिवीजन समझौते के बावजूद कुछ नहीं बोलना चाहते ऑफिस बियरर Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं। टाटा स्टील में ग्रेड रिवीजन समझौता हो चुका है। इस समझौते से स्टील वेज कर्मचारियों से लेकर न्यू सीरीज तक के हर कर्मचारियों को नुकसान हुआ है। इस समझौते पर सभी ऑफिस बियरर ने हस्ताक्षर जरूर किया है लेकिन समझौता होने के एक हफ्ते बाद भी कोई भी इस मुद्दे पर कुछ भी कहना नहीं चाहता।

loksabha election banner

इसकी वजह यह बताई जा रही है कि अच्छा कहते हैं तो उन्हें चुनाव में हारने का डर है और अगर गलत कहते हैं तो यूनियन के शीर्ष नेतृत्व से लेकर कंपनी प्रबंधन से उन्हें कोपभाजन का शिकार होना होगा। दैनिक जागरण ने यूनियन के सभी आठ ऑफिस बियरर से एक ही सवाल पूछा कि ग्रेड रिवीजन अच्छा हुआ या खराब। लेकिन हर कोई इस सवाल से बचने की कोशिश की। वहीं, कई ऐसे भी मजदूर प्रतिनिधि थे जिन्हें अपने बयान देने से पहले यह जानने की उत्सकुता थी कि फलां ऑफिस बियरर ने क्या कहा? लेकिन किसी ने भी सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया।

कोषाध्यक्ष ने भी नहीं दिया जवाब

कोषाध्यक्ष प्रभात लाल को तीन बार उनके मोबाइल पर कॉल किया गया लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। मालूम हो कि टाटा स्टील में 23 सितंबर को ग्रेड रिवीजन समझौता हुआ था। इसमें स्टील वेज कर्मचारियों का डीए फ्रीज हो गया था। वहीं, न्यू सीरीज कर्मचारी, जो तीन वर्षो का ग्रेड रिवीजन व डीए परप्वाइंट में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे, उन्हें भी इस समझौते से निराशा हाथ लगी।

जानिए किसने क्या कहा

मैं फिलहाल शहर से बाहर हूं। वापस आने के बाद ही इस पर कुछ कहूंगा।

-शाहनवाज आलम, उपाध्यक्ष

ग्रेड पर हस्ताक्षर किया जरूर है लेकिन अभी तक पढ़ा नहीं है। समझौते की कॉपी नहीं मिलने के बाद ही नफा-नुकसान को समझ कर ही कुछ कह पाएंगे। लेकिन यूनियन के शीर्ष नेतृत्व ने 21 माह के अथक प्रयास से अपने विवेक से समझौता किया है।

-शत्रुघ्न राय, उपाध्यक्ष

उपश्रमायुक्त की तबीयत खराब होने के कारण त्रिपक्षीय समझौते की कॉपी अभी तक यूनियन नहीं पहुंची है। कॉपी मिलने के बाद अध्ययन के बाद ही कुछ टिपण्णी करना उचित होगा। ऐसे तो हमारे टॉप-3 के कठोर परिश्रम का परिणाम है यह ग्रेड और शीर्ष नेतृत्व भी शहर से बाहर हैं। उनसे बारीकियों पर चर्चा के बाद ही मैं कुछ कह पाऊंगा।

-हरिशंकर सिंह, उपाध्यक्ष

मेरा एक्सीडेंट हो गया है। पैर में चोट लगी है। बुखार है, अभी कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हूं। मैं इस विषय पर बाद में अपनी प्रतिक्रिया दूंगा।

-डीके उपाध्याय, सहायक सचिव

कर्मचारियों की भावनाओं के साथ हूं। लेकिन विपरित परिस्थितियों में टॉप-3 ने अच्छा प्रयास किया।

-नितेश राज, सहायक सचिव

मैं अभी एक श्राद्ध कार्यक्रम में हूं। बाद में फोन कर बताता हूं।

-कमलेश सिंह, सहायक सचिव

विकट परिस्थिति और मंदी के दौर में बेहतर समझौता हुआ है। इसका मूल्यांकन कर्मचारी अपना फिटमेंट के बाद खुद करें। इस परिस्थिति में इससे बेहतर समझौता नहीं हो सकता था।

-भगवान सिंह, उपाध्यक्ष


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.