जीरापाड़ा के लाभुकों ने नहीं लिया पोषाहार
पोषाहार के नाम पर महिलाओं व बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र से सिर्फ सूखा चावल दिया जा रहा था। वह भी 5 महीने बाद। लिहाजा नाराज लाभुकों ने लेने से ही मना कर दिया।
संवाद सूत्र, चाकुलिया : पोषाहार के नाम पर महिलाओं व बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र से सिर्फ सूखा चावल दिया जा रहा था। वह भी 5 महीने बाद। लिहाजा नाराज लाभुकों ने लेने से ही मना कर दिया। मामला चाकुलिया प्रखंड के कुचियाशोली पंचायत अंतर्गत जीरापाड़ा गांव का है। शुक्रवार को जीरापाड़ा वन आंगनबाड़ी केंद्र पर दर्जनों महिलाएं गोद में मासूम बच्चों को लेकर पोषाहार लेने पहुंची थी। दुर्गा पूजा से ठीक पहले लंबे अरसे बाद मिल रहे पोषाहार को लेकर लाभुक उत्साहित थे। लेकिन आंगनबाड़ी सेविका पुष्पा महतो ने जब उन्हें बताया कि इस बार उन्हें सिर्फ चावल ही मिलेगा तो लाभुक महिलाएं नाराज हो गई। उन्होंने सुखा चावल लेने से साफ मना कर दिया। मौके पर लाभुक शकुंतला कपाट, बेला नायक, पूजा नायक, सरस्वती नायक, सुष्मिता नायक आदि ने कहा कि पहले पोषाहार के रूप में चावल के अलावा दाल, गुड़, बादाम आदि भी मिलता था। लेकिन इस बार 5 महीने बाद पोषाहार आया है वह भी सिर्फ चावल। सूखा चावल लेकर हम क्या करेंगे? इसके बाद नाराज महिलाएं बच्चों को गोद में टांग कर अपने अपने घर चली गई। इस संबंध में सेविका पुष्पा महतो ने बताया कि वर्ष 2020 में अभी तक मात्र 3 महीने का ही पोषाहार जेएसएलपीएस के द्वारा दिया गया है। जनवरी एवं फरवरी महीने के बाद मई में पोषाहार मिला था। इस बार सिर्फ चावल ही दिया गया है। हमे जो मिला है उसे हम बांट रहे हैं।
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विभाग से नहीं हो रही आपूर्ति : मार्डी
पोषाहार के रूप में सिर्फ चावल देने के बाबत पूछने पर जेएसएलपीएस कि प्रखंड संयोजिका सुमी मार्डी ने बताया कि विभाग से आपूर्ति बंद कर दी गई है। जिसके चलते इस वर्ष सिर्फ तीन महीने ही पोषाहार दिया जा सका है। पहले का कुछ चावल बचा हुआ था जिसे अभी दिया जा रहा है।