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यूनियन की प्रतिष्ठा बन गया मेडिकल एक्सटेंशन

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील के कर्मचारियों का मेडिकल एक्सटेंशन का मुद्दा गहराता जा रहा

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 10:54 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 10:54 PM (IST)
यूनियन की प्रतिष्ठा बन गया मेडिकल एक्सटेंशन
यूनियन की प्रतिष्ठा बन गया मेडिकल एक्सटेंशन

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर :

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टाटा स्टील के कर्मचारियों का मेडिकल एक्सटेंशन का मुद्दा गहराता जा रहा है। कंपनी प्रबंधन जहां मेडिकल एक्सटेंशन बंद कराने पर अड़ा हुआ है, वहीं टाटा वर्कर्स यूनियन इस परंपरा को बरकरार रखने के लिए कोई भी कदम उठाने को तैयार है। मेडिकल एक्सटेंशन का यह मुद्दा आज यूनियन की प्रतिष्ठा बन गई है। कर्मचारियों की नजर जहां यूनियन नेतृत्व पर टिकी हुई हैं, वहीं यूनियन के टॉप थ्री भी इस मुद्दे को अपनी प्रतिष्ठा व साख से जोड़कर देखने लगे हैं।

मेडिकल एक्सटेंशन का यह मुद्दा यूनियन से निकलकर अब बाहर आ गया हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता भी इस मामले को गंभीरता से देखने लगे हैं। झामुमो व झाविमो के नेता भी इस परंपरागत सुविधा को बंद कराने का विरोध करने लगे हैं। टाटा वर्कर्स यूनियन के पूर्व अध्यक्ष आरबीबी सिंह, रघुनाथ पांडेय व पीएन सिंह भी इस सुविधा को बंद कराने को दुर्भाग्यपूर्ण बता रहे हैं।

आगामी सोमवार को इस मुद्दे पर प्रबंधन अपना रूख स्पष्ट नहीं किया कर्मचारी हित में निर्णय नहीं हुआ तो यूनियन का विरोध उसी दिन से तेज हो सकता है। मेडिकल एक्सटेंशन का यह मामला आज का नहीं बल्कि वर्षो से जारी है। यूनियन नेतृत्व अपनी साख बचाए रखने के लिए इसे एक्सटेंशन कराते रहे अगर आज यह सुविधा बंद हो गई तो कर्मचारी इस नेतृत्व पर अंगुली उठाना शुरु कर देंगे तथा यह एक इतिहास बनकर रह जाएगा कि आर रवि एंड टीम के कार्यकाल में यह सुविधा समाप्त हो गई हैं। ज्ञात हो कि कंपनी प्रबंधन अपनी आवश्यकता के अनुसार कर्मचारी को मेडिकल एक्सटेंशन देना चाहता है, जबकि यूनियन सभी को देने की मांग पर अड़ी है।

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सतीश, नितेश व अरविंद को खेलनी है लंबी पारी

टाटा वर्कर्स यूनियन के डिप्टी प्रेसीडेंट अरविंद पांडेय, महासचिव सतीश सिंह, सहायक सचिव नितेश राज आदि नेताओं को यूनियन में अभी लंबी पारी खेलनी हैं। इसी बीच मेडिकल की सुविधा बंद होना इनके लिए ज्यादा हानिकारक साबित हो सकता हैं। कारण कि कुछ दिन ही हुए इन्हें पदाधिकारी बने। अभी इन नेताओं को यूनियन में पैठ बढ़ानी हैं कर्मचारियों की बीच साख बनानी है इसी बीच मेडिकल की सुविधा बंद होना इनके लिए हानिकारक साबित हो सकता हैं। ऐसे में ये सभी नेता मेडिकल की सुविधा बरकरार रखने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।

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जून-16 में हुआ था धरना प्रदर्शन

इसी मुद्दे को लेकर यूनियन के कमेटी मेंबर भास्कर राव के नेतृत्व में जून- 2016 में धरना प्रदर्शन हुआ था। उस समय कर्मचारियों को मेडिकल एक्सटेंशन देने की सूचना का समय -सीमा तीन माह से पूर्व से कम कर एक माह किया गया था।

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हर हाल में कर्मचारियों के साथ : सतीश

वर्षो से चली आ रही मेडिकल एक्सटेंशन की सुविधा बरकरार रखने के लिए यूनियन प्रयासरत हैं। यूनियन हर हाल में कर्मचारियों के साथ है कर्मचारी हित में निर्णय कराना उनकी पहली प्राथमिकता हैं। यूनियन पर कर्मचारियों व कमेटी मेंबरों का काफी दबाव हैं। ऐसे में वे लोग किसी सूरत में इस सुविधा को खोना नहीं चाहते हैं। कर्मचारियों के भावना को देखते हुए यूनियन कोई भी कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी।

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यूनियन नेताओं को छोड़ देनी चाहिए सुविधा : पीएन

टीडब्ल्यूयू के पूर्व अध्यक्ष पीएन सिंह ने कहा है कि प्रबंधन अगर यूनियन की बातें नहीं सुनता है तो पदाधिकारियों को अपनी सुविधा का त्याग कर कर्मचारी हित में लड़ाई शुरु करनी चाहिए। प्रबंधन इस सुविधा को समाप्त करने के लिए वर्षो से प्रयासरत है, लेकिन ऐसा नहीं होने दिया गया।

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