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New MV Act : अब आपको सड़क पर खदेड़कर गाड़ी नहीं पकड़ेगी ट्रैफिक पुलिस

राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद के सदस्य रवींद्र तिवारी ने बताया कि ट्रैफ‍िक पुलिस सड़क पर खदेड़कर गाड़ी नहीं पकड़ेगी। वे जमशेदपुर में नए कानून की समीक्षा करने आए थे।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 28 Sep 2019 02:11 PM (IST)Updated: Sat, 28 Sep 2019 02:11 PM (IST)
New MV Act : अब आपको सड़क पर खदेड़कर गाड़ी नहीं पकड़ेगी ट्रैफिक पुलिस
New MV Act : अब आपको सड़क पर खदेड़कर गाड़ी नहीं पकड़ेगी ट्रैफिक पुलिस

जमशेदपुर, जासं। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद (भारत सरकार) के सदस्य रवींद्र तिवारी ने कहा कि वे यहां सड़क सुरक्षा अधिनियम के तहत लागू नए प्रावधानों के संबंध में जांच व समीक्षा करने आए हैं। जांच के दौरान इस बात की ज्यादा शिकायत मिली कि पुलिस चौक-चौराहों पर खड़ी रहती है और जैसे ही उन्हें कोई चालक बिना हेलमेट के दिखता है, तो खदेड़कर पकड़ते हैं। यह सरासर गलत है। 

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तिवारी ने कहा कि ऐसी स्थिति में बाइक सवार दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं। भागदौड़ में दूसरा कोई बेकसूर बाइक सवार या राहगीर भी घायल हो सकता है। ट्रैफिक पुलिस का काम है कि यदि कोई व्यक्ति परिवार के साथ जा रहा है, तो उसके वाहन का नंबर नोट करके उसके घर पर नोटिस भेजे। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में सड़क सुरक्षा अधिनियम के नए प्रावधानों में सिर्फ जुर्माने की बात हो रही है। हमारा उद्देश्य खजाना भरना नहीं है, बल्कि लोगों में कानून के प्रति डर पैदा करना है।

सड़क दुर्घटना में मौत पर 10 लाख तक मुआवजे का प्रावधान

इसमें एक और बात है, जिसकी चर्चा कहीं नहीं हो रही है। सड़क दुर्घटना में यदि कोई मरता है तो मृतक को 10 लाख रुपये तक मुआवजा का प्रावधान है। धक्का मारने वाली गाड़ी चिह्नित होने पर यह राशि छह माह के अंदर वाहन मालिक या वाहन से संबंधित बीमा कंपनी देगी। हिट एंड रन मामले में, जिसमें धक्का मारने वाली गाड़ी चिह्नित नहीं पाती है, में सरकार मृतक के परिवार को दो लाख रुपये मुआवजा देगी। अधिनियम के प्रावधानों को सही तरीके से लागू कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। इस मौके पर जिला परिवहन पदाधिकारी दिनेश कुमार रंजन भी उपस्थित थे।

ऑनलाइन बनेगा लाइसेंस

रवींद्र तिवारी ने बताया कि ड्राइविंग लाइसेंस समेत परिवहन से संबंधित तमाम लाइसेंस-सर्टिफिकेट ऑनलाइन बनेंगे। इसके लिए बहुत जल्द एजेंसी की नियुक्ति की जाएगी। ऑनलाइन आवेदन अब भी लिए जा रहे हैं, जिसमें टेस्ट देने के लिए निर्धारित समय पर विभाग में जाना पड़ता है। भविष्य में इसकी आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी, सबकुछ ऑनलाइन होगा। यदि उसमें कुछ भी गलत भरा होगा, तो जांच में पकड़ाने पर जुर्माना लगेगा।


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