अब सरकारी स्कूलों की सूरत बदलेगा टाटा समूह, जानिए कैसे बदलेगी तस्वीर
टाटा समूह सरकारी स्कूलों की सूरत बदलेगा। टाटा क्लास एज को शिक्षा विभाग ने स्कूलों की सूची सौंपा दी है। फिलहाल देश के 1300 स्कूलों के अलावा 70 हजार शिक्षक काम कर रहे हैं।
जमशेदपुर, वेंकटेश्वर राव। मुख्यमंत्री रघुवर दास के आग्रह पर अब टाटा समूह सरकारी स्कूलों की सूरत को बदलेगा। पूर्वी सिंहभूम जिले के सरकारी स्कूलों की सूरत बदलने के लिए टाटा समूह की टाटा क्लास ऐज ने शिक्षा विभाग से स्कूलों की सूची मांगी है।
टाटा क्लास एज के प्रतिनिधि को यह सूची पिछले दिनों उपलब्ध करा दी गई है। शिक्षा विभाग ने भी टाटा क्लासेस के प्रतिनिधि से शैक्षणिक व्यवस्था को सुधारने में अन्य राज्यों की तरह अपनी भी भूमिका अदा करने को कहा है। शिक्षा विभाग की ओर से टाटा को जिले के 1400 स्कूलों की सूची सौंपी गई है। इन स्कूलों में से टाटा समूह स्कूलों का नाम का चयन करेगा। जहां पहले चरण में ही आसानी से स्कूल का कायाकल्प किया जा सकता है। समूह की योजना बच्चों के व्यक्तित्व विकास की है। स्मार्ट क्लास की भी योजना टाटा क्लास ऐज की है।
क्या है टाटा क्लास एज
ई-लर्निंग के क्षेत्र में टाटा समूह के पास 25 वर्षों का अंतरराष्ट्रीय अनुभव है। टाटा एज की स्थापना 2011 में की गई थी। शिक्षा के क्षेत्र में लंबे शोध के बाद टाटा क्लास एज इस नतीजा पर पहुंचा कि आज शैक्षणिक गतिविधियों में अभिभावकों की भागीदारी का अभाव है। साथ ही शिक्षकों व प्राचार्यों पर अतिरिक्त बोझ है। टाटा क्लास एज का मानना है कि सिर्फ प्रौद्योगिकी इसका समाधान नहीं है। डिजिटल युग में भी शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण बनी हुई है। टाटा क्लास एज ने स्कूली शिक्षा के सफर में स्कूलों को भागीदार बनने का फैसला किया और स्कूलों को इस तरह से तकनीक लागू करने में मदद की। फिलहाल टाटा क्लास एज देश के 1300 स्कूलों को सहयोग कर रहा है, और इससे 70 हजार से अधिक शिक्षक जुड़े हुए हैं।
ये कहते डीईओ
हमने टाटा क्लास ऐज को स्कूलों की सूची उपलब्ध कराई है। उनसे शैक्षणिक व्यवस्था को और सुधारने में अपने योगदान का आग्रह किया गया है।
- शिवेंद्र कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पूर्वी सिंहभूम।