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अब मुकेश अंबानी रतन टाटा को झटका देने की तैयारी में, justdial की अधिग्रहण की तैयारी

रिटेल मार्केट में कब्जे की लड़ाई में रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी रतन टाटा को झटका देने की तैयारी में है। कुछ दिन पहले दिन तक जिस justdial को अपनी झोली में डालने का टाटा समूह प्रयास कर रहा था उसे अब अंबानी अपने कब्जे में करने जा रहे हैं।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 11:10 AM (IST)
अब मुकेश अंबानी रतन टाटा को झटका देने की तैयारी में, justdial की अधिग्रहण की तैयारी
अब मुकेश अंबानी रतन टाटा को झटका देने की तैयारी में, justdial को अधिग्रहण की तैयारी

जमशेदपुर : भारत में रिटेल मार्केट का बादशाह कौन होगा, यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है, लेकिन इस उभरते बाजार को अपने पक्ष में करने के लिए मुकेश अंबानी व रतन टाटा एक-दूसरे को पछाड़ने की होड़ में लगे हुए हैं। अगले एकाध महीने में टाटा समूह सुपर एप बाजार में ला रहा है। इसके लिए वह दनादन स्टार्ट अप कंपनियों का अधिग्रहण भी कर रही है।

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जहां तक जस्ट डायल का सवाल है तो रिलायंस से पहले टाटा समूह से इसकी बात चल रही थी। लेकिन अब रिलायंस ने इसे अपने पाले में करने के लिए एड़ी चोटी का जोड़ लगा दिया है।

800 से 900 मिलियन डॉलर में रिलायंस करेगा अधिग्रहण

पिछले साल नेटमेड्स और अर्बन लैडर का अधिग्रहण करने के बाद, मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस रिटेल ऑनलाइन क्लासीफाइड और रिटेल सर्विस कंपनी Justdial को अधिग्रहित करने के करीब है। जानकारों के मुताबिक इसकी कीमत 800 से 900 मिलियन डॉलर के करीब है।

Justdial के एमडी वीएसएस मणि की हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी

रिलायंस इंडस्ट्रीज की रिटेल शाखा से Justdialके संस्थापक और एमडी वीएसएस मणि की 35.5% हिस्सेदारी के एक हिस्से का अधिग्रहण करने की उम्मीद है, और पब्लिक मार्केट में Justdial के और 26% शेयरों के लिए एक खुली पेशकश करने की उम्मीद है। कंपनी में मणि की हिस्सेदारी 2,787.9 करोड़ रुपये की है, जबकि ओपन ऑफर से जस्टडायल स्टॉक के लिए मौजूदा कीमतों पर 4,035 करोड़ रुपये का भुगतान होगा। रिलायंस के कंपनी में नए फंड डालने की भी उम्मीद भी है।

justdial के पास डेटाबेस का बड़ा खजाना

जस्टडायल की स्थापना 1996 में वीएसएस मणि ने की थी। जहां तक अधिग्रहण की बात है तो अप्रैल से बातचीत चल रही है। अगर यह अधिग्रहण पूरा हो जाता है तो रिलायंस को एक झटके में जस्टडायल के 25 साल के डेटाबेस में पहुंचने की अनुमति मिल जाएगा। इससे बिजनेसमैन, सर्विस प्रोवाइटर व रिटेलर से सीधी पहुंच मिल जाएगी। यदि ओपन ऑफर की बोली सफल होती है, तो रिलायंस के पास 60% से अधिक हिस्सेदारी होगी, जिसमें मणि कंपनी का नेतृत्व करते रहेंगे और कंपनी में मामूली हिस्सेदारी रखेंगे।

आज हो सकता है अंतिम फैसला

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जस्टडायल के बोर्ड की बैठक शुक्रवार को होगी और उसी दिन औपचारिक घोषणा होने की उम्मीद है। यह देखते हुए कि यह एक महत्वपूर्ण अधिग्रहण होगा। रिलायंस को सौदे के लिए और नियामकीय मंजूरी लेनी पड़ सकती है।

फ्यूचर ग्रुप को लेकर रिलायंस व अमेजन आमने-सामने

रिलायंस रिटेल पहले से ही 7,000 से अधिक शहरों में 33.8 मिलियन वर्ग फुट खुदरा फुटप्रिंट के साथ भारत में सबसे बड़ा संगठित रिटेल प्लेयर है। दूसरी ओर कंपनी फ्यूचर ग्रुप के खुदरा, वितरण और वेयरहाउसिंग व्यवसाय के अधिग्रहण के साथ इस उपस्थिति को बढ़ाने की योजना बना रही है, जिसकी घोषणा की गई थी। किन फ्यूचर ग्रुप के खिलाफ अमेज़न के मुकदमे के कारण लगभग एक साल बाद भी यह सौदा होना बाकी है।

दिलचस्प बात यह है कि यह दूसरी बार है जब Justdial एक बड़े समूह के लिए अधिग्रहण लक्ष्य के रूप में उभरा है। इस साल की शुरुआत में, टाटा समूह को अपनी सुपर ऐप योजनाओं को चलाने के लिए जस्टडायल का अधिग्रहण करने में दिलचस्पी होने की सूचना मिली थी, जो संयोग से रिलायंस का उद्देश्य भी है।

ई कॉमर्स की होड़ में पीछे रह गया था justdial

पिछले कुछ वर्षों में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं के बावजूद और बी2बी ई कॉमर्स और अन्य श्रेणियों में प्रवेश करने के लिए डिजिटल कॉमर्स इकोसिस्टम के साथ विकसित होने के बावजूद, जस्टडायल उस पैमाने और उसी तरह के विकास को दोहराने में कामयाब नहीं हुआ है जो समर्पित वर्टिकल ई कॉमर्स खिलाड़ियों के पास है। यह ऐप, वेबसाइट, मोबाइल और टेलीफोन हॉटलाइन जैसे कई चैनलों पर औसतन त्रैमासिक अद्वितीय आगंतुकों के 150 मिलियन होने का दावा करता है।

justdial अधिग्रहण के साथ रिलायंस को मिलेगा बड़ा नेटवर्क

जस्टडायल के साथ किसी भी सौदे से रिलायंस को पूरे भारत के अधिकांश कस्बों और शहरों में एक्सपर्ट, सेवा प्रदाताओं और छोटे खुदरा विक्रेताओं की पूरी मेजबानी मिल जाएगी। इसके अलावा, जस्टडायल के पास उपभोक्ता पक्ष के साथ-साथ फोन निर्देशिका के रूप में और फिर एक डिजिटल पेशकश के रूप में डेटा का खजाना था। प्लेटफॉर्म ने हाल के दिनों में न्यूज एग्रीगेशन प्ले के साथ-साथ जेडी मार्ट के साथ बी2बी ईकॉमर्स के साथ डिजिटल कंटेंट में भी कदम रखा है।


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