अब इस कंपनी को मिला रतन टाटा का साथ, MSME बैंक खोल छोटे बिजनेसमैन को देगा लोन
रतन टाटा नए-नए स्टार्ट अप कंपनियों में निवेश कर युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए जाने जाते हैं। इस बार टाटा एसोसिएट्स ने एम स्वाइप पर दांव खेला है। यह कंपनी एमएसएमई सेक्टर से जुड़े छोटे बिजनेसमैन को लोन मुहैया कराएगी।
जमशेदपुर : कॉरपोरेट जगत के दिग्गज रतन टाटा ने जिस कंपनी या किसी स्टार्टअप कंपनी के आइडिया को अपना समर्थन दिया, वह रातोरात बुलंदी के आसमान पर पहुंच जाता है। इसका उदाहरण है लेंसकार्ट सहित कई कंपनियां, जिन्हें रतन टाटा द्वारा आर्थिक मदद मिली। इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है एम स्वाइप टेक्नोलाजी। जिसे टाटा एसोसिएट द्वारा आर्थिक मदद दी जा रही है। माना जा रहा है कि चार से पांच वर्षो में यह कंपनी डिजिटल एसएमई बैंक के रूप में परिवर्तित हो जाएगा।
इस तरह से काम करेगी यह बैंक
कंपनी के नए चीफ एक्जीक्यूटिव केतन पटेल बताते हैं कि उनका बैंक छोटे व्यापारियों की जरूरतों पर केंद्रित होगा। जो प्वाइंट ऑफ सेल, माइक्रो एटीएम पर बीमा जैसी सेवाएं देगा। कंपनी के प्रबंध निदेशक मनीष पटेल का कहना है कि एमएस वाइस वर्ष 2011 में शुरू हुआ। वर्तमान में इसके नेटवर्क में 6.70 लाख व्यापारी जुड़े हुए हैं। पटेल का कहना है कि हमारा लक्ष्य है कि हम अपने नेटवर्क को 1.1 मिलियन तक बढ़ाएं। हमारा उद्देश्य मर्चेंट एक्वायर के रूप में खुद को स्थापित करना और एमएसएमई सेक्टर की हर वित्तीय जरूरतों के हिसाब से अपनी सेवा देना है।
पटेल ने बताया कि यूसी-आरएनटी फंड, एक वैकल्पिक निवेश कोष है, जो आरएनटी एसोसिएट्स (रतन टाटा) और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के साझेदार हैं। उन्होंने 2017 में एमएस वाइप में निवेश किया। आरएनटी के सहयोगियों और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की अंतर्दृष्टि व्यवसाय के निर्माण में उपयोगी रही है। मुंबई स्थित एम स्वाइप के अन्य निवेशकों में मैट्रिक्स कैपिटल पार्टनर्स, डीएसजी पार्टनर्स और एपिक कैपिटल शामिल हैं।
व्यापारियों को मिलेगा ऋण
पटेल का कहना है कि वर्तमान में एम स्वाइप नेटवर्क में 6.70 व्यवसायी हैं जो लघु वित्त बैंक की बैकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाली कंपनी है। यह कंपनी माइक्रो एटीएम जैसी सेवाओं की शुरूआत करेगी। साथ ही उद्यमियों को उनकी जरूरतों के अनुसार ऋण भी देगी। कंपनी प्रबंधन का कहना है कि एम स्वाइप गैर बैकिंग कंपनियों को प्रत्यक्ष ऋण देने पर उसकी मॉनिटरिंग करेगा। साथ ही चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में एनबीएफसी के तहत ऋण देना भी शुरू करेगा। कंपनी ने 50 करोड़ इक्विटी से निवेश कर इस व्यापार की शुरूआत की और चालू वित्तीय वर्ष में कंपनी ने 150 करोड़ रुपये का ऋण कंपनियों को दे चुकी है।