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भाजपा में अब उठा नया मामला, बिना सक्रिय सदस्यता के जमशेदपुर में बना दिए गए तमाम मोर्चा के पदाधिकारी

भाजपा में नया मामला उठ खडा हुआ है। जमशेदपुर महानगर कमेटी में हाल ही में तमाम मोर्चा का गठन किया गया है। इसमें ऐसे लोगों को पदाधिकारी बना दिया गया है जो सक्रिय सदस्य नहीं हैं। इसे लेकर पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष भी आपत्ति जता रहे हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 12:22 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 03:49 PM (IST)
भाजपा में अब उठा नया मामला, बिना सक्रिय सदस्यता के जमशेदपुर में बना दिए गए तमाम मोर्चा के पदाधिकारी
भाजपा के पुराने कार्यकर्ताओं ने शिकायत प्रदेश कार्यालय तक पहुंचा दी है।

जमशेदपुर, जासं। भारतीय जनता पार्टी को नीति-सिद्धांत के लिए ही जाना जाता है। यह संगठन इसीलिए मजबूत है, क्योंकि यहां कार्यकर्ताओं को देवतुल्य कहा जाता है। अब यह शब्द दूसरे दल के लोग भी व्यवहार करने लगे हैं। बहरहाल, हम बात कर रहे हैं जमशेदपुर महानगर कमेटी की, जहां हाल ही में तमाम मोर्चा का गठन किया गया है। इसमें ऐसे लोगों को पदाधिकारी बना दिया गया है, जो सक्रिय सदस्य नहीं हैं। इसे लेकर पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष भी आपत्ति जता रहे हैे।

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बात जिला कमेटी तक सीमित नहीं रही। हद तो तब हुई जब तमाम मंडलों में मोर्चा के पदाधिकारी भी ऐसे लोगों को बना दिया गया, जो सक्रिय सदस्य नहीं हैं। इसमें मंडल अध्यक्ष तक शामिल हैं। कदमा व सोनारी में युवा मोर्चा, ओबीसी मोर्चा, किसान मोर्चा व महिला मोर्चा के अध्यक्ष तक सक्रिय सदस्य नहीं हैं। इससे ना केवल इस पद के दावेदार सवाल उठा रहे हैं, बल्कि पार्टी के पुराने कार्यकर्ता भी कह रहे हैं कि ऐसा कैसे हो गया। भाजपा के संविधान में यह प्रावधान है कि छह वर्ष तक सक्रिय सदस्य रहने वाले को ही पदाधिकारी बनाया जाता है, लेकिन यहां जिला से लेकर मंडल तक पदाधिकारी बनाने में इस बात की अनदेखी हुई है। ऐसा कैसे हो गया, इस बात को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं।

प्रदेश कार्यालय तक पहुंची शिकायत

पुराने कार्यकर्ताओं ने इसकी शिकायत प्रदेश कार्यालय तक पहुंचा दी है। उनका कहना है कि यदि अविलंब इसमें सुधार नहीं हुआ, तो मामला केंद्रीय स्तर तक पहुंचाया जाएगा। यहां पार्टी के नीति-सिद्धांत को दरकिनार करने की बात है। इससे सक्रिय सदस्यों में नाराजगी होगी, जो संगठन के लिए घातक साबित हो सकता है। यह बात युवा मोर्चा के विस्तार में ही उठी थी, जिसमें सुंदरनगर के पूर्व मंडल अध्यक्ष अभय चौबे को मोर्चा का जिला उपाध्यक्ष बनाने का पुरजोर विरोध होने लगा। इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए चौबे काे तत्काल हटा दिया गया। अब सभी मंडल में यह बात उठ रही है कि सभी जगह सक्रिय सदस्य को ही पदाधिकारी बनाया जाए।

पूर्वी सिंहभूम में तीन लाख प्राथमिक सदस्य व करीब 3000 सक्रिय सदस्य

एक बात यह भी कही जा रही है कि कार्यकर्ताओं की कमी पड़ गई है, इसलिए ऐसा किया गया है। वास्तव में ऐसा नहीं है। पूर्वी सिंहभूम जिले में भाजपा के करीब तीन लाख प्राथमिक सदस्य और 3000 से ज्यादा सक्रिय सदस्य हैं। इसलिए यह बात भी पच नहीं रही है कि सक्रिय सदस्यों की कमी है। सक्रिय सदस्य 200 रुपये लेकर बनाया जाता है। छह साल तक उसके कार्य को परखा जाता है। इसके बाद उसे कोई पदाधिकारी बनाया जाता है। प्राथमिक सदस्य भी पहले दो रुपये, फिर पांच रुपये लेकर बनाया जाता था, लेकिन जब से मिस्डकॉल से प्राथमिक सदस्य बनाया जाने लगा, शुल्क हटा दिया गया है। अब कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।

मेरी जानकारी में यह मामला नहीं

मेरी जानकारी में इस तरह का मामला नहीं आया है कि बिना सक्रिय सदस्यता लिए किसी को पदाधिकारी बना दिया गया हो। जो भी पदाधिकारी बनाए गए हैं, सभी पुराने कार्यकर्ता हैं। यदि वे सक्रिय सदस्य नहीं होंगे, तो बना दिया जाएगा। इसमें क्या बात है। जो काम करेगा, वही पदाधिकारी रहेगा।

- अमित अग्रवाल, जिलाध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा


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