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Tata Steel समेत टाटा ग्रुप की 14 कंपनियों को नोटिस, जाने क्या है वजह

जमशेदपुर को औद्योगिक नगरी भी कहा जाता है। यहां टाटा समूह की कई कंपनियां संचालित हैं। लेकिन इनमें से अधिकतर कंपनियों को जमशेदपुर के अपर श्रमायुक्त ने नोटिस भेजा है। यहां रही कंपनियों की लिस्ट जिन्हें नोटिस भेजा गया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 12 Aug 2021 10:01 AM (IST)Updated: Thu, 12 Aug 2021 10:36 AM (IST)
Tata Steel समेत टाटा ग्रुप की 14 कंपनियों को नोटिस, जाने क्या है वजह
टाटा समूह की अधिकतर कंपनियों को जमशेदपुर के अपर श्रमायुक्त ने नोटिस भेजा है।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर।  जमशेदपुर को औद्योगिक नगरी भी कहा जाता है। यहां टाटा समूह की कई कंपनियां संचालित है। लेकिन इनमें से अधिकतर कंपनियों को जमशेदपुर के अपर श्रमायुक्त ने नोटिस भेजा है। आपको बता दें कि शहर में टाटा समूह की सभी कंपनी में दो तरह के कर्मचारी कार्यरत हैं। एक, वे जो स्थायी कर्मचारी हैं जिन्हें कंपनी प्रबंधन की ओर से समय पर वेतन, बोनस, पीएफ, मेडिकल सहित सभी तरह की सुविधाएं मिलती है लेकिन दूसरी ओर ठेका कर्मचारी भी कार्यरत हैं।

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ठेका मजदूर नियमित वेतन, पीएफ, ईएसआइसी सहित अन्य सुविधाओं से वंचित है। इन्हीं कर्मचारियों की मांगों को लेकर भारतीय मजदूर संघ के कोल्हान अध्यक्ष ने अपर श्रमायुक्त से शिकायत की है। उनका आरोप है कि बड़ी कंपनियों में कार्यरत ठेका कर्मचारियों को समय पर वेतन बैंक के माध्यम से नहीं मिलता है। साथ ही उन्हें ओवर टाइम कराया जाता है लेकिन उसका भी पैसा उन्हें तय नियम के अनुसार नहीं दिया जाता। ऐसे में अपर श्रमायुक्त ने इस मामले में सभी कंपनियों में कार्यरत ठेकेदारों को नोटिस भेजा है और उन्हें 24 सितंबर तक वेतन संबंधी जानकारी कार्यालय को सूचित करने का निर्देश दिया है।

इन कंपनियों को भेजा गया है नोटिस

टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा कमिंस, टाटा पावर, जेम्को, टेल्कॉन लिमिटेड, इंडियन स्टील एंड वायर लिमिटेड, टिनप्लेट कंपनी, टिमकेन स्टील, टाटा ब्लूस्कोप, टीएसडीपीएल लिमिटेड, लिंडे इंडिया व ट्यूब डिविजन।

पीएफ-ईएसआइ की मांग पर टीडीएस कर्मचारियों ने की हड़ताल

उधर, टाटा स्टील की ठेका कंपनी, टीडीएस में कार्यरत कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। सोनारी मरीन ड्राइव में संचालित टीडीएस में लगभग 250 कर्मचारी कार्यरत हैं। टीडीएस कर्मचारियों का आरोप है कि पहले एलएंडटी कंपनी में सभी कर्मचारियों को समय पर वेतन सहित पीएफ व ईएसआइसी की सुविधा मिलती थी लेकिन ठेका कंपनी बदलने के बाद व्यवस्था भी बदल गई। उन्हें पीएफ व ईएसआइसी का लाभ नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा कर्मचारियों से ओवर टाइम काम तो कराया जाता है लेकिन उसका पैसा उन्हें नहीं दिया जाता। आरोप है कि कंपनी के वरीय अधिकारी स्थानीय कर्मचारियों को किसी न किसी बहाने से बैठाकर दूसरे राज्यों से कर्मचारियों को लाकर काम कराती है। ठेका कंपनी के संचालक ने कर्मचारियों की सभी समस्याओं का समाधान करने के लिए दो दिन का समय मांगा था लेकिन मियाद पूरी होने के बावजूद कोई पहल नहीं है। ऐसे में बुधवार को भी कर्मचारियों ने कामकाज ठप कर कंपनी प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गुरुवार को यदि प्रबंधन कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं करती है तो सभी उप श्रमायुक्त के पास जाकर मामले की शिकायत करेंगे।


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