Covid 19 : बिना लक्षण वाला कोरोना जमशेदपुर के लिए अधिक खतरनाक, मौत के बाद हो रहा खुलासा
Covid 19. ये बिना लक्षण वाले कोरोना के मरीज हैं जिन्हें एसिम्प्टोमैटिक कहते हैं। यानी इनमें कोरोना के कोई लक्षण मौजूद नहीं होते फिर भी ये कोरोना पॉजिटिव होते हैं।
जमशेदपुर, अमित तिवारी। धतकीडीह तालाब में शुक्रवार को 15 वर्षीय एक किशोरी की लाश मिली। इसके बाद उसकी कोरोना जांच कराई गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। रिपोर्ट देख मृतक के स्वजनों को भरोसा नहीं हो रहा था। उनका कहना था कि किशोरी को कोई लक्षण ही नहीं था तो फिर यह कोरोना पॉजिटिव कैसे हो सकती है।
इसी तरह, छह अगस्त को जुगसलाई में एक युवक खुदकुशी कर ली। इसके बाद जांच करायी गई तो उसकी रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आई। ऐसे दर्जन भर मामले सामने आए हैं जिनकी मौत किसी दूसरे कारण व बीमारी से हुई है लेकिन, रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। यह एक गंभीर सवाल है, जो हर किसी को सोचने व समझने पर मजबूर कर रहा है। कोई कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात कर रहा है तो कांटैक्ट हिस्ट्री करार दे रहा है। दरअसल, ये बिना लक्षण वाले कोरोना के मरीज हैं, जिन्हें एसिम्प्टोमैटिक कहते हैं। यानी इनमें कोरोना के कोई लक्षण मौजूद नहीं होते फिर भी ये कोरोना पॉजिटिव होते हैं।
60 फीसद मरीज बगैर लक्षण वाले
विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार, पूर्वी सिंहभूम जिले में लगभग 60 फीसद कोरोना के मरीज बिना लक्षण वाले ही हैं। इधर, जिला स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में भी बिना लक्षण वाले ही अधिक पॉजिटिव मिले हैं, जिन्हें न तो दवा की जरूरत होती है और न ही डॉक्टर की। लेकिन सबसे ज्यादा खतरा इन्हीं से है।
कोरोना संक्रमण फैलने के तीन रास्ते
एसिम्प्टोमैटिक : इनमें किसी तरह के लक्षण नहीं होते लेकिन वो कोरोना पॉजिटिव होते हैं और संक्रमण फैला सकते हैं। पूर्वी सिंहभूम जिले में ऐसे लोगों की संख्या अधिक है।
प्री सिस्म्प्टोमैटिक : वायरस के संक्रमण फैलाने और लक्षण दिखने के बीच भी कोरोना का संक्रमण फैल सकता है। इसकी समय सीमा 14 दिन की होती है, जो इस वायरस का इंक्यूबेशन पीरियड भी है। इनमें सीधे तौर पर कोरोना के लक्षण नहीं दिखते, लेकिन हल्का बुखार, बदन दर्द जैसे लक्षण शुरुआती दिनों में दिखते हैं।
सिम्प्टोमैटिक : इनमें कोरोना के लक्षण देखने को मिले और फिर उन्होंने दूसरों को इसे फैलाया। ये लोग लक्षण दिखने के पहले तीन दिन में लोगों को कोरोना फैला सकते हैं।
इनकी मौत दूसरे कारण से हुई लेकिन रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई
7 अगस्त : धतकीडीह तालाब में 15 वर्षीय एक किशोरी की लाश मिली। इसके बाद उसकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई।
6 अगस्त : जुगसलाई में एक युवक खुदकुशी कर लिया। इसके बाद जांच करायी गई तो रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई।
3 अगस्त : मधुमेह व ब्लड प्रेशर की शिकायत पर कदमा निवासी एक महिला को टीएमएच में भर्ती कराया गया। इसके बाद कोरोना जांच कराई गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
2 अगस्त : मानगो के आजाद नगर के एक नाले से एक युवक का शव बरामद किया गया था। इसके बाद जांच कराने पर रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई।
30 जुलाई : जेम्को महानंद बस्ती में एक युवक (33) की हत्या कर दी गई। इसके बाद जांच करायी गई तो उनका रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
23 जुलाई : मानगो निवासी एक महिला टीएमएच में पैर का इलाज कराने गई। इसके बाद जांच कराई गई तो रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई।
ये कहते विषेषज्ञ
एसिम्प्टोमैटिक मरीजों में लक्षण नहीं होता लेकिन जांच कराने पर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है। ऐसे लोग ज्यादा खतरनाक होते हैं। क्योंकि उन्हें मालूम नहीं होता और वे चारों तरफ घूमते रहते हैं। इससे दूसरे लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा अधिक रहता है।
- डॉ. आरएल अग्रवाल, फिजिशियन।
अधिक जांच की जरूरत
आईसीएमआर के अनुसार, 70 फीसद मरीज एसिम्प्टोमैटिक है। ऐसे लोगों की पहचान करने के लिए अधिक से अधिक जांच होनी चाहिए। ताकि जो लोग पॉजिटिव आए उनको आइसोलेट कर रखा जाए। अन्यथा उनके माध्यम से संक्रमण तेजी से फैल रही है।
- डॉ. संजय जौहरी, यूरोलॉजिस्ट।