Lockdown Effect : अब खरीदार नहीं, कारोबारियों के आंसू निकालने लगा है प्याज Jamshedpur News
किसी ने सोचा नहीं होगा कि खरीदारों के आंसू निकालने वाला प्याज कारोबारियों को रोने पर मजबूर कर देगा। खुदरा बाजार में इसका भाव 14-18 रुपये किलोग्राम तक आ गया है
जमशेदपुर, जासं। ज्यादा नहीं लॉकडाउन के पहले फरवरी तक जो प्याज 45-50 रुपये किलो तक बिक रहा था, अब खुदरा बाजार में 14-18 रुपये तक आ गया है। किसी ने सोचा नहीं होगा कि खरीदारों के आंसू निकालने वाला प्याज कारोबारियों को रोने पर मजबूर कर देगा। यही प्याज झारखंड विधानसभा चुनाव में 90 से 100 रुपये तक किलो बिका। प्याज की ऐसी हालत क्यों हुई, यह जानना भी दिलचस्प है।
दरअसल, प्याज पर भी कोरोना और इसकी वजह से लगे लॉकडाउन का ही असर है। परसुडीह स्थित थोक मंडी में लॉकडाउन के पहले प्रतिदिन मुश्किल से तीन-चार ट्रक प्याज आता था, अब इसकी औसत संख्या आठ ट्रक हो गई है। एक-दो दिन तो 10-12 टूक तक प्याज आ गया, जबकि बिक्री घटकर आधी हो गई है। प्याज के थोक विक्रेता राजकुमार साह बताते हैं कि पहले चार-पांच टूक प्याज रोज जाता था तो उतनी खपत भी हो जाती थी। अब आठ-दस ट्रक का माल कहां खपाएंगे। गांव की छोड़ दें, शहर में भी डेढ-दो लाख जनता खिचड़ी और दान के राशन पर गुजारा कर रही है। वह प्याज कैसे खरीदेगी। टेंपो-ट्रक का परिवहन बंद रहने से आसपास के इलाकों में प्याज की पहले जैसी आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
लॉकडाउन में उत्तरप्रदेश से भी आ रहा प्याज
दूसरी सबसे बड़ी वजह मध्यमवर्ग की क्रय शक्ति (परचेजिंग पावर) घट गई है। आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र समेत करीब दो हजार छोटी-बड़ी कंपनियों, दुकान, मॉल में काम करने वाले कर्मचारी दो वक्त की रोटी जुटाएंगे कि प्याज खाएंगे। रमजान के महीने में प्याज की खपत बढ़ जाती थी, लेकिन इस बार तो सार्वजनिक इफ्तार भी नहीं हो रहे हैं। ऊपर से प्याज की आवक नासिक के अलावा उत्तरप्रदेश की मंडी से भी हो रही है जो लॉकडाउन के पहले नहीं थी।