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सीएसआइआर महानिदेशक ने क्रीप टेस्टिंग सहित एनएमल का देखा कामकाज

काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआइआर) के महानिदेशक व भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (डीएसआइआर) के सचिव डॉ. शेखर सी मांडे ने अपने दो दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन रविवार को बर्मामाइंस स्थित सीएसआइआर- एनएमएल की प्रयोगशालाओं में घूमकर शोध कार्यो की जानकारी ली।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 09:00 AM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 09:00 AM (IST)
सीएसआइआर महानिदेशक ने क्रीप टेस्टिंग सहित एनएमल का देखा कामकाज
सीएसआइआर महानिदेशक ने क्रीप टेस्टिंग सहित एनएमल का देखा कामकाज

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआइआर) के महानिदेशक व भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (डीएसआइआर) के सचिव डॉ. शेखर सी मांडे ने अपने दो दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन रविवार को बर्मामाइंस स्थित सीएसआइआर- एनएमएल की प्रयोगशालाओं में घूमकर शोध कार्यो की जानकारी ली।

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एशिया के दूसरे सबसे बड़े क्रीप टेस्टिंग लेबोरेटरी का किया अवलोकन

डॉ. शेखर सी मांडे ने सीएसआइआर - एनएमएल के विभिन्न रिसर्च लैब व पायलट प्लांट्स कोल रिसर्च लैब, मिनरल प्रोसेसिंग पायलट प्लांट, फाउंड्री, एशिया के दूसरे सबसे बड़े क्रीप टेस्टिंग लेबोरेटरी, एनएमएल म्यूजियम एंड आर्काइव, सरफेस इंजीनियरिग लैब, हॉट डीप प्रोसेस, टंगस्टन एक्सट्रेक्शन फैसिलिटी आदि का बारीकी से अवलोकन किया।

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क्या ही क्रीप टेस्टिंग लेबोरेटरी

क्रीप टेस्टिंग लेबोरेटरी में धातुओं के नमूनों की जांच की जाती है। दक्षिण-पूर्व एशिया के सबसे बड़े लैब में 193 क्रीप टेस्टिंग प्वाइंट्स हैं। इनमें 900 डिग्री से लेकर 1100 डिग्री सेंटीग्रेड तक तापमान में धातुओं की जांच की जाती है। इन टेस्टिंग के जरिए विमान दुघर्टनाओं, रेल दुर्घटनाओं या किसी फैक्ट्री के ब्वॉयलर आदि के फटने पर उसके धातुओं के नमूनों की जांच की जाती है जो दुर्घटनाओं के कारणों का पता लगाने में सहायक होता है।

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वैज्ञानिकों-कर्मचारियों को किया संबोधित, प्रोजेक्ट की ली जानकारी

अपने व्यस्त कार्यक्रम के दौरान सीएसआइआर महानिदेशक ने एनएमएल के वैज्ञानिकों व कर्मचारियों को भी संबोधित किया। उनके प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्हें विज्ञान व समाज के लिए उपयोगी कार्य करने के लिए प्रेरित भी किया। संस्थान के म्युजियम में उन्होंने प्रयोगशाला के 69 वर्ष के गौरवशाली इतिहास के बारे में जानकारी ली। युवा वैज्ञानिकों व तकनीकी अधिकारियों से बातचीत करते हुए उनके सुझाव भी जाने।

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38 सीएसआइआर प्रयोगशालाओं के सर्वोच्च पदाधिकारी हैं डॉ. मांडे

बायलोजिकल साइंस के लिए 2005 में प्रतिष्ठित शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित डॉ. शेखर सी मांडे देशभर के 38 सीएसआइआर लेबोरेटरी के सर्वोच्च पदस्थ अधिकारी हैं। उनके 100 से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं। वे नेशनल सेंटर फोर सेल साइंस (एनसीसीएस) पुणे के निदेशक रहे डॉ. मांडे ने माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस विषय में व्यापक शोध किया है। देश में विज्ञान की तीनों महत्वपूर्ण अकादमियों इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी (आइएनएसए), नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज इंडिया (नासी) व इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज (आइएएस) के फेलो हैं।


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