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एनआइटी के छात्रों ने बनाया तेज हवा में उड़ाने वाले विमान का मॉडल

एनआइटी जमशेदपुर के छात्रों द्वारा तैयार किए गए टेंपर्ड विंग वाले इस विमान के मॉडल ने तेज हवा में ऊंची उड़ान भरी जबकि दूसरे देशों के मॉडल तेज हवा के झोंके को बर्दाश्त नहीं कर पाए।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 26 Apr 2019 02:01 PM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2019 02:01 PM (IST)
एनआइटी के छात्रों ने बनाया तेज हवा में उड़ाने वाले विमान का मॉडल
एनआइटी के छात्रों ने बनाया तेज हवा में उड़ाने वाले विमान का मॉडल

जमशेदपुर, विकास श्रीवास्तव। नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नालॉजी (एनआइटी) जमशेदपुर के छात्रों ने तेज हवा में उड़ने वाले विमान का मॉडल बनाया है। इस मॉडल ने अमेरिका के कैलिफोर्निया के वान नुइस में एयरक्राफ्ट डिजाइनिंग प्रतियोगिता, साए एयरो डिजाइन वेस्ट हेल्ड प्रतियोगिता में परचम लहराया। इसे बनाने वाली टीम फीनिक्स ने रेगुलर क्लास मे 9 वीं रैंक हासिल की जबकि डिजाइन रिपोर्ट में इसे पहला स्थान मिला।

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तेज हवा में भी टेंपर्ड विंग वाले विमान ने भरी ऊंची उड़ान

एनआइटी, जमशेदपुर के छात्रों द्वारा तैयार किए गए टेंपर्ड विंग वाले इस विमान के मॉडल ने तेज हवा में ऊंची उड़ान भरी, जबकि दूसरे देशों के मॉडल तेज हवा के झोंके को बर्दाश्त नहीं कर पाए। इस प्रतियोगिता में अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको आदि की टीमों ने भी हिस्सा लिया।

नवीनतम ड्रोन प्रौद्योगिकी पर शोध में माहिर है टीम फीनिक्स 

एनआइटी जमशेदपुर की टीम फीनिक्स मुख्य रूप से डिजाइन, निर्माण और रेडियो नियंत्रित हवाई जहाजों को उड़ाने और नवीनतम ड्रोन प्रौद्योगिकियों पर शोध करने में माहिर है। टीम फीनिक्स में एनआइटी जमशेदपुर में इंजीनियरिंग के विभिन्न क्षेत्रों से 51 उत्साही, प्रतिभाशाली और रचनात्मक छात्र शामिल हैं। कैलिफोर्निया में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवानेवाली टीम के सदस्यों में शतानीक बोस (टीम कप्तान) आकाश दीप पती (उप कप्तान), विनीत कुमार (तकनीकी प्रमुख) व सुधांशु कुमार शामिल थे। ये सभी 6ठे सेमेस्टर के छात्र हैं।

बलसा की लकड़ी व प्लाइवुड का किया इस्तेमाल

एनआइटी टीम की ओर से तैयार किए गए विमान के मॉडल के तकनीकी पहलू की खासियत यह थी कि इसके विंग की लंबाई 132 इंच थी। एयरफॉइल्स के लिए बलसा की लकड़ी का इस्तेमाल किया गया और जहां अधिक ताकत की आवश्यकता थी वह प्लाइवुड का इस्तेमाल किया गया। परफेक्शन के लिए थ्रीडी लेजर कटिंग का उपयोग किया। उड़ान के प्रदर्शन को अधिक बेहतर बनाने के लिए पहली बार एक टेंपर्ड विंग बनाया गया।

75 देशों की टीमों ने लिया हिस्सा

इस एयरोमॉडलिंग और डिजाइनिंग प्रतियोगिता का आयोजन एक अमेरिकी एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी लॉकहीड मार्टिन के सहयोग से किया जाता है। इस बार विगत पांच से सात अप्रैल आयोजित प्रतियोगिता में विश्व के विभिन्न हिस्सों से पहुंची 75 टीमों ने हिस्सा लिया। एनआइटी के मीडिया प्रवक्ता निशांत सिन्हा ने बताया कि टीम फीनिक्स की सफलता में फैकल्टी एडवाइजर डॉ. एमके सिन्हा, डॉ. दीपक कुमार के अलावा एलुमनाई और कॉलेज का बहुत बड़ा योगदान रहा।


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