पश्चिमी सिंहभूम में नक्सलियों का तांडव, 13 भवनों को बम से उड़ाया Jamshedpur News
जिला मुख्यालय से सिर्फ आठ किलोमीटर दूरी पर नक्सलियों ने मचाया उत्पात। मुफस्सिल थाना अंतर्गत बरकेला वन रक्षी आवास को उड़ाया। वनकर्मियों की जमकर पिटाई भी की।
चाईबासा (जमशेदपुर) जेएनएन। पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय से मात्र 8 किलोमीटर दूर मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बरकेला वन विभाग परिसर में शनिवार की रात 100 की संख्या में पहुंचे नक्सलियों ने जमकर उत्पात मचाया। थाना अंतर्गत बरकेला वन रक्षी आवास को नक्सलियों ने आईडी लगाकर उड़ा दिया है। साथ ही वहां मौजूद वन कॢमयों को निकाल कर भगा दिया।
उसके बाद भवन में आईडी लगाकर उसे ब्लास्ट कर दिया। लगभग रात 3 बजे तक नक्सली पूरे क्षेत्र में घूम-घूम कर तोडफ़ोड़ और आगजनी करते रहे। इससे वन कॢमयों में दहशत फैल गया है। स्थानीय लोगों ने कहा कि रात करीब 12 बजे कई धमाके की आवाज सुनी, इससे सभी अपने-अपने घरों में ही दुबके रहें। इस क्षेत्र में नक्सलियों का आगमन लगातार हो रहा है। घटना होने के बाद भी दिन के 12 बजे तक घटनास्थल पर पुलिस नहीं पहुंच पाई थी।
हालांकि पुलिस के द्वारा इलाके में अभियान चलाया जा रहा है। इधर, नक्सलियों के द्वारा किए गए इस हमले में वन विभाग की संपत्ति को नुकसान हुआ है। इस हमले में एक कार और एक बाइक को भी नक्सलियों ने ब्लास्ट कर दिया है। इधर, घटना के बाद आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल है।
दरअसल, माओवादी चाइबासा में अपनी पैठ बनाने के लिए लगातार इस तरह के हमले कर रहे हैं। हाल ही में 31 मई को नक्सल प्रभावित पोड़ाहाट जंगल के जोनुवां पहाड़ी गांव में नक्सलियों ने पुलिस पर हमला कर दिया था। इसमें चक्रधरपुर के एएसपी का बॉडीगार्ड लखींद्र मुंडा शहीद हो गए थे।
वहीं, एसपीओ सुंदर स्वरूप महतो की भी मौत हो गई थी। यह घटना दोपहर करीब 12 बजे घटी थी। जब चक्रधरपुर एएसपी नक्सलियों की ओर से मछली भात भोज किए जाने की सूचना पर सदल बल गांव पहुंचे थे। पुलिस को देखते ही नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी थी। इसी दौरान एसपीओ व एएसपी के बॉडीगॉर्ड शहीद हुए थे।
वन विभाग के 13 भवनों को ब्लास्ट कर उड़ाया, वन कॢमयों को भी पीटा
नक्सलियों के द्वारा वन विभाग के 13 भवन को बम लगाकर उड़ा दिया गया। साथ ही दर्जनों वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। सैतवा वन क्षेत्र के रेंजर शंकर भगत ने कहा कि रात 10 बजे के करीब 100 से अधिक की संख्या में नक्सली पहुंचे थे। पूरा परिसर को बाहर से घेर लिया गया था। इसके बाद वहां मौजूद वनपाल गार्ड आदि को बाहर निकाल कर बांध दिया गया। उन लोगों के साथ बहुत मारपीट भी की गई।
इसके बाद बारी-बारी से रेंजर कार्यालय, रेस्ट हाउस, फॉरेस्ट आवास आदि में आईडी लगाकर ब्लास्ट कर दी गई। परिसर में 15 से 20 की संख्या में नक्सली प्रवेश किए थे, जबकि बाहर पूरा परिसर को घेरे हुए 70 से 80 नक्सली खड़े थे। फॉरेस्ट आवास में एलपीजी गैस सिलेंडर को खोल कर उसमें आग लगा दी गई। रेंजर कार्यालय केे सभी कागजात जलकर नष्ट हो गया।