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Navratri Durga Puja : औषधियों में विराजमान नवदुर्गा, घर में 9 पौधे अवश्य लगाएं

Navratri Durga Puja 2021 आयुर्वेद में मां दुर्गा के नौ रूपों की परिकल्पना अलग तरीके से की गई है। जमशेदपुर की आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ सीमा पांडेय बताती हैं कि ब्रह्माजी के दुर्गा कवच में वर्णित नवदुर्गा नौ विशिष्ट औषधियों में विराजमान हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 06 Oct 2021 02:45 PM (IST)Updated: Thu, 07 Oct 2021 06:08 PM (IST)
Navratri Durga Puja : औषधियों में विराजमान नवदुर्गा, घर में 9 पौधे अवश्य लगाएं
नवरात्र का शुभारंभ गुरुवार को कलश स्थापना के साथ हो जाएगा।

जमशेदपुर, जासं। नवरात्र का शुभारंभ गुरुवार को कलश स्थापना के साथ हो जाएगा। हालांकि इस बार आठ दिन का ही नवरात्र है। इसके बावजूद मां दुर्गा के नौ रूपों की अलग अलग पूजा होगी। आयुर्वेद में मां दुर्गा के नौ रूपों की परिकल्पना अलग तरीके से की गई है। जमशेदपुर की आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ सीमा पांडेय बताती हैं कि ब्रह्माजी के दुर्गा कवच में वर्णित नवदुर्गा नौ विशिष्ट औषधियों में विराजमान हैं।

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1. शैलपुत्री (हरड़)

कई प्रकार के रोगों में काम आने वाली औषधि हरड़ हिमावती है जो देवी शैलपुत्री का ही एक रूप है। यह आयुर्वेद की प्रधान औषधि है। यह पथया, हरीतिका, अमृता, हेमवती, कायस्थ, चेतकी और श्रेयसी सात प्रकार की होती है।

2. ब्रह्मचारिणी (ब्राह्मी)

ब्राह्मी आयु व याददाश्त बढ़ाकर, रक्तविकारों को दूर कर स्वर को मधुर बनाती है। इसलिए इसे सरस्वती भी कहा जाता है।

3. चंद्रघंटा (चंदुसूर)

यह एक ऎसा पौधा है जो धनिए के समान है। यह औषधि मोटापा दूर करने में लाभप्रद है इसलिए इसे चर्महंती भी कहते हैं।

4. कूष्मांडा (पेठा)

इस औषधि से पेठा मिठाई बनती है। इसलिए इस रूप को पेठा कहते हैं। इसे कुम्हड़ा भी कहते हैं जो रक्त विकार दूर कर पेट को साफ करने में सहायक है। मानसिक रोगों में यह अमृत समान है

5. स्कंदमाता (अलसी)

देवी स्कंदमाता औषधि के रूप में अलसी में विद्यमान हैं। यह वात, पित्त व कफ रोगों की नाशक औषधि है।

6. कात्यायनी (मोइया)

देवी कात्यायनी को आयुर्वेद में कई नामों से जाना जाता है जैसे अम्बा, अम्बालिका व अम्बिका। इसके अलावा इन्हें मोइया भी कहते हैं। यह औषधि कफ, पित्त व गले के रोगों का नाश करती है।

7. कालरात्रि (नागदौन)

यह देवी नागदौन औषधि के रूप में जानी जाती हैं। यह सभी प्रकार के रोगों में लाभकारी और मन एवं मस्तिष्क के विकारों को दूर करने वाली औषधि है।

8. महागौरी (तुलसी)

तुलसी सात प्रकार की होती है सफेद तुलसी, काली तुलसी, मरूता, दवना, कुढेरक, अर्जक और षटपत्र। ये रक्त को साफ कर ह्वदय रोगों का नाश करती है।

9. सिद्धिदात्री (शतावरी)

दुर्गा का नौवां रूप सिद्धिदात्री है जिसे नारायणी शतावरी कहते हैं। यह बल, बुद्धि एवं विवेक के लिए उपयोगी है।


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