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National Girl Child Day 2022 : यहां की लड़कियों ने किया कमाल, मेरा शरीर मेरा अधिकार पर मुखर हुई बालिकाएं, बाल विवाह को भी रोका

पोटका प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में वर्ष 2003 में युवा नामक संस्था का गठन हुआ। इस संस्था के सचिव वर्णाली चक्रवर्ती ने इस प्रखंड के विभिन्न गांवों में घूम-घूम कर बालिकाओं को संग्रहित कर उन पर हो रहे अत्याचार एवं अधिकारों के हनन को लेकर आवाज उठाई।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 11:00 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 11:00 AM (IST)
National Girl Child Day 2022 : यहां की लड़कियों ने किया कमाल, मेरा शरीर मेरा अधिकार पर मुखर हुई बालिकाएं, बाल विवाह को भी रोका
युवा संस्था की सचिव वर्णाली चक्रवर्ती पोटका में बालिकाओं के अधिकार पर कर रही कार्य।

जमशेदपुर (वेंकटेश्वर राव)। यह किसी चुनौती से कम नहीं, जहां पहले बालिकाओं को पहले भेदभाव की नजर से देखा जाता था, आज वह क्षेत्र बालिका अधिकार के मामले में सबसे आगे है। पहले यहां दस में से चार बालिकाएं ड्रापआउट हो जाती थीं, आज स्थिति बदली है। बाल विवाह भी रुका है। हम बात कर रहे हैं पूर्वी सिंहभूम जिला के पोटका प्रखंड की।

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बालिकाओं को सशक्त बनाने में जुटी वर्णाली

इस प्रखंड में सामाजिक कार्यकर्ता व सामाजिक संस्था युवा की सचिव वर्णाली चक्रवर्ती बालिकाओं को अपने विभिन्न कार्यक्रमों व अभियान के जरिए सशक्त कर रही हैं। महिला हिंसा के खिलाफ आवाज उठने लगी है। वर्णाली अपनी संस्था युवा के जरिए पोटका प्रखंड में बालिकाओं को सशक्त करने के लिए कई कार्यक्रम चला रही हैं।

बाल विवाह को एक बड़ी सामाजिक कुरीति मानते हुए उन्होंने सघन अभियान छेड़़ा है। लगातार बाल विवाह के खिलाफ लोगों को जागरूक कर रही हैं। नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से गांव-गांव लोगों को जागरूक किया जा रहा है। प्रोफेशनल नाटक टीम के साथ-साथ ग्रामीण बालिकाओं की भी नुक्कड़ नाटक टीम बनाई गई है। बकौल वर्णाली अब तक पांच बाल विवाह उनकी संस्था ने रोकी है। यह संस्था पोटका क्षेत्र में वर्ष 2003 से कार्य कर रही है।

युवा की सचिव बालिकाओं को कर रही जागरुक

वर्णाली ने पोटका के विभिन्न गांव की बालिकाओं का संगठन युवा किशोरी मंच का गठन किया है, ताकि उनमें नेतृत्व क्षमता का विकास हो सके। उनका मानना है कि महिलाओं को शरीर के जरिए दोयम बनाने का प्रयास किया जाता है। इसीलिए उन्होंने लड़कियों की फुटबाल टीम बनाई है, ताकि पुरूषवादी मानसिकता की सोच बदली जा सके। पोटका में लगभग 30 से अधिक बालिकाओं की फुटबाल टीम का गठन किया गया है। ‘इट्स माय बॉडी’ कार्यक्रम के जरिए बालिकाओं को नियमित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पोटका की लड़कियां इन प्रशिक्षण के कारण ‘मेरा शरीर मेरा अधिकार’ पर अब काफी मुखर हो गई हैं।

ड्रॉपआउट को भी रोका

अपने सामाजिक संस्था युवा के जरिए वर्णाली लगभग 100 से अधिक सबर जनजाति के बच्चों के लिए सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में चार ट्यूशन सेंटर चला रही हैं। उनका कहना है कि इन बच्चों में ड्रापआउट की समस्या काफी है। युवा के सदस्य लगातार संपर्क के जरिए इस समस्या पर काबू पाते हैं।

आदिम जनजाति की कई लड़कियों का एडमिशन अपने स्तर पर कस्तूरबा विद्यालय में कराया गया है। एडमिशन तो आसानी से हो जाता है, लेकिन छुट्टियों के बाद उन्हें दोबारा स्कूल भेजना बड़ी चुनौती है। बालिकाएं स्कूल फिर से लौटे इसके लिए वह अपना पूरा समय देती हैं। वे इस कार्य में सफल हो रही है। ड्राप आउट को रोकने में कामयाब हुई है।

वर्णाली ने माना ने युवा के पुस्तकालय की भूमिका महत्वपूर्ण

वर्णाली चक्रवर्ती स्वयं अपने आपको युवा के पुस्तकालय अभियान की देन मानती हैं। मालूम हो कि युवा का गठन एक पुस्तकालय एवं संयुक्त रूप से पठन-पाठन अभियान के रूप में हुआ था। युवा पुस्तकालय से अब तक 300 से भी अधिक युवक और युवतियां सरकारी नौकरी प्राप्त कर चुके हैं।

अपने जुझारूपन के कारण उन्होंने युवा का नेतृत्व संभाला और लगभग 30 वर्षों के सामाजिक जीवन में जमशेदपुर में एक अलग पहचान बना ली है। वर्णाली चक्रवर्ती को यह जुझारूपन अपने पिता स्वर्गीय टीके चक्रवर्ती से विरासत में मिली। टीके चक्रवर्ती रेल यूनियन के जुझारू नेता थे, जिन्हें आपातकाल में अपनी नौकरी गंवानी पड़ी थी।

पोटका क्षेत्र में बालिकाओं के लिए संस्था ने किए ये महत्वपूर्ण कार्य

  • युवा किशोरी मंच का गठन
  • नुक्कड़ नाटक टीम बनाना
  • बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता
  • बालिका फुटबाल टीम का गठन
  • वोकेशनल ट्रेनिंग एवं आधुनिक खेती पर प्रशिक्षण
  • मेरा शरीर मेरा अधिकार पर मुखर हुई लड़कियां
  • आदिम जनजाति की लड़कियों को पढ़ाने में कर रही सहयोग

युवा से यह हुआ फायदा

  • पोटका में बाल विवाह का वर्तमान प्रतिशत 18 है। तीन साल पहले यह लगभग 40 प्रतिशत था। अब 80 प्रतिशत बालिकाओं के विचार में बदलाव आया है।
  • युवा ने 100 से अधिक ड्रॉप आउट बालिकाओं को विभिन्न विद्यालयों में नामांकन कराया। आज भी इनकी काउंसिलिंग जारी है।

वर्णाली की उपलब्धि

  • झारखंड जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की सदस्य।
  • जिलास्तरीय चाइल्ड लेबर कमेटी की सदस्य।
  • जिलास्तरीय महिला कोषांग की सदस्य।
  • विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित।
  • जेआरडी टाटा एनवीए फेलोशिप।

क्या कहती हैं वर्णाली

जल्द ही लड़कियों के लिए मोटर ड्राइविंग, उन्नत खेती प्रशिक्षण एवं विभिन्न वोकेशनल ट्रेनिंग शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही दिव्यांग महिलाओं के अधिकार पर भी कार्य करने की योजना है। - वर्णाली चक्रवर्ती, सचिव, युवा

युवा से जुड़ने के बाद बालिकाओं एवं महिलाओं के अधिकार के बारे में जानकारी हुई। बोलने की झिझक टूटी। बेबाक होकर अब सारी बातें लोगों को बता पाती हूं। - रीतिका कुमारी।


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